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सुशील कुमार और साक्षी मलिक को झटका, WFI के 'ए कैटेगरी' से हुए बाहर

भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा है कि नकद प्रोत्साहन एथलीटों का समर्थन करने के लिए है ताकि उनका समग्र प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर बेहतर हो. अगर कोई खिलाड़ी प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे महासंघ से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी.

सुशील कुमार और साक्षी मलिक
सुशील कुमार और साक्षी मलिक
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Published : Feb 11, 2021, 9:22 PM IST

नई दिल्ली: ओलंपिक में दो पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार (74 किग्रा) और 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (62 किग्रा) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंध से नॉन परफार्मेस के कारण हटा दिया गया है.

इनकी जगह युवा पहलवान अंशु मलिक (57 किग्रा) और हरियाणा की सोनम मलिक (62 किग्रा) ने 'ए कैटेगरी' में शामिल कर लिया गया है.

विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता पूजा ढांडा (57 किग्रा, 59 किग्रा) और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता दिव्या काकरन (68 किग्रा) को औसत प्रदर्शन के कारण फिलहाल इस योजना से बाहर रखा गया है.

सुशील और साक्षी अनुबंध के 'ए श्रेणी' का हिस्सा थे, जिसके तहत 2020-21 सीजन के लिए 30 लाख रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता मिली थी. इस राशि का उपयोग वे प्रशिक्षण और संबंधित उद्देश्य के लिए कर सकते थे.

हरियाणा की सोनम मलिक
हरियाणा की सोनम मलिक

डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, "नकद प्रोत्साहन एथलीटों का समर्थन करने के लिए है ताकि उनका समग्र प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर बेहतर हो. अगर कोई खिलाड़ी प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे महासंघ से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी."

पिछले महीने नोएडा में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान शीर्ष पहलवानों के प्रदर्शन रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा करने के बाद, सुशील और साक्षी को बाहर कर हरियाणा के किशोर पहलवानों अंशु और सोनम को इस सूची में शामिल किया गया.

Golf: सहर अटवाल महिला पेशेवर गोल्फ टूर्नामेंट में शीर्ष पर

सुशील ने 2019 विश्व चैंपियनशिप के बाद से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लिया है और नोएडा नेशनल में भी हिस्सा नहीं लिया था. साक्षी का प्रदर्शन 2016 रियो ओलंपिक में पोडियम फिनिश करने के बाद से उत्साहजनक नहीं रहा है. यहां तक कि घरेलू मोर्चे पर, उन्होंने निराश किया है और सने अपने कौशल का प्रदर्शन नहीं किया और दो बार 62 किग्रा वर्ग में सोनम के हाथों हार गईं जबकि सोनम को इंटरनेशनल अनुभव बहुत कम है.

अंशु ने दिसंबर में बेलग्रेड में आयोजित इंडिविडुअल कुश्ती विश्व कप में रजत पदक जीता था. हरियाणा के निदानी के 19 वर्षीय इस पहलवान ने पिछले साल फरवरी में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य भी जीता था.

युवा पहलवान अंशु मलिक
युवा पहलवान अंशु मलिक

तोमर ने कहा, सोनम और अंशु दोनों ने लगातार प्रगति दिखाई है. इसलिए, हमने उन्हें योजना में शामिल किया है.

पूजा ने आगरा में हाल के महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लिया था जबकि दिव्या 68 किलोग्राम वर्ग में प्रभावित करने में विफल रही. दिव्या को 'सी श्रेणी' में रखा गया था, जिसके तहत उन्हें वार्षिक 10 लाख रुपये मिला करते थे.

सभी चार टोक्यो ओलंपिक कोटा विजेताओं - एशियन गेम्स चैंपियन बजरंग पुनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा), दीपक पुनिया (86 किग्रा) और विनेश फोगट (53 किग्रा) को 'ए श्रेणी' में रखा गया है.

तोमर ने कहा, इन चार पहलवानों की प्रगति संतोषजनक है. इसलिए, वे महासंघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना जारी रखेंगे.

नई दिल्ली: ओलंपिक में दो पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार (74 किग्रा) और 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (62 किग्रा) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंध से नॉन परफार्मेस के कारण हटा दिया गया है.

इनकी जगह युवा पहलवान अंशु मलिक (57 किग्रा) और हरियाणा की सोनम मलिक (62 किग्रा) ने 'ए कैटेगरी' में शामिल कर लिया गया है.

विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता पूजा ढांडा (57 किग्रा, 59 किग्रा) और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता दिव्या काकरन (68 किग्रा) को औसत प्रदर्शन के कारण फिलहाल इस योजना से बाहर रखा गया है.

सुशील और साक्षी अनुबंध के 'ए श्रेणी' का हिस्सा थे, जिसके तहत 2020-21 सीजन के लिए 30 लाख रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता मिली थी. इस राशि का उपयोग वे प्रशिक्षण और संबंधित उद्देश्य के लिए कर सकते थे.

हरियाणा की सोनम मलिक
हरियाणा की सोनम मलिक

डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, "नकद प्रोत्साहन एथलीटों का समर्थन करने के लिए है ताकि उनका समग्र प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर बेहतर हो. अगर कोई खिलाड़ी प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे महासंघ से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी."

पिछले महीने नोएडा में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान शीर्ष पहलवानों के प्रदर्शन रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा करने के बाद, सुशील और साक्षी को बाहर कर हरियाणा के किशोर पहलवानों अंशु और सोनम को इस सूची में शामिल किया गया.

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सुशील ने 2019 विश्व चैंपियनशिप के बाद से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लिया है और नोएडा नेशनल में भी हिस्सा नहीं लिया था. साक्षी का प्रदर्शन 2016 रियो ओलंपिक में पोडियम फिनिश करने के बाद से उत्साहजनक नहीं रहा है. यहां तक कि घरेलू मोर्चे पर, उन्होंने निराश किया है और सने अपने कौशल का प्रदर्शन नहीं किया और दो बार 62 किग्रा वर्ग में सोनम के हाथों हार गईं जबकि सोनम को इंटरनेशनल अनुभव बहुत कम है.

अंशु ने दिसंबर में बेलग्रेड में आयोजित इंडिविडुअल कुश्ती विश्व कप में रजत पदक जीता था. हरियाणा के निदानी के 19 वर्षीय इस पहलवान ने पिछले साल फरवरी में नई दिल्ली में आयोजित एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य भी जीता था.

युवा पहलवान अंशु मलिक
युवा पहलवान अंशु मलिक

तोमर ने कहा, सोनम और अंशु दोनों ने लगातार प्रगति दिखाई है. इसलिए, हमने उन्हें योजना में शामिल किया है.

पूजा ने आगरा में हाल के महिला राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लिया था जबकि दिव्या 68 किलोग्राम वर्ग में प्रभावित करने में विफल रही. दिव्या को 'सी श्रेणी' में रखा गया था, जिसके तहत उन्हें वार्षिक 10 लाख रुपये मिला करते थे.

सभी चार टोक्यो ओलंपिक कोटा विजेताओं - एशियन गेम्स चैंपियन बजरंग पुनिया (65 किग्रा), रवि दहिया (57 किग्रा), दीपक पुनिया (86 किग्रा) और विनेश फोगट (53 किग्रा) को 'ए श्रेणी' में रखा गया है.

तोमर ने कहा, इन चार पहलवानों की प्रगति संतोषजनक है. इसलिए, वे महासंघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना जारी रखेंगे.

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