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Weight lifting Tournament : वेट लिफ्टिंग में 'उम्मीद' बन गईं शाहजहांपुर की दो बहनें - Shahjahanpur two weight lifters

Weight lifting championship 2023 : वेट लिफ्टिंग 2023 टूर्नामेंट में शाहजहांपुर की दो बहनों ने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे प्रदेश का गौरभ बढ़ाया है. अब ये दोनों बहनें अपने गांव की खिलाड़ियों के लिए उभरती हुई एक उम्मीद बन गई हैं.

Weight lifting
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Published : Jul 30, 2023, 6:53 PM IST

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की दो बहनों ने सीमित संसाधनों के बावजूद कड़ी मेहनत करके वेट लिफ्टिंग के रूप में ट्रेनिंग ली. प्रदेश स्तर पर दोनों बहनों ने वेट लिफ्टिंग में कई मेडल जीतकर अपने जिले का नाम रोशन किया है. इसके साथ ही अब ये दोनों बहने अपने गांव की उभरती हुई खिलाड़ियों के लिए एक उम्मीद की किरण बन गई हैं. शाहजहांपुर के सिधौली ब्लाक अंतर्गत महाऊ दुर्ग गांव में रहने वाले अजय पाल वर्मा ने अपनी दोनों बेटियों निकिता (17 वर्ष) और रोली (15 वर्ष) को छोटी उम्र में ही प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था.

वर्मा युवावस्था में खुद भारोत्तोलक थे. लेकिन इनके पास संसाधनों की कमी थी. वेट लिफ्टर ने कहा कि उनकी बेटियों ने लोहे की छड़ों से बंधे पत्थरों को उठाकर प्रशिक्षण शुरू किया था. क्योंकि उनके पास भारोत्तोलक के रूप में प्रशिक्षित देने के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. वह अपने वेतन का आधा पैसा बच्चों के प्रशिक्षण में ही प्रतिमाह खर्च कर देते हैं. उनकी बड़ी बेटी स्नातक और छोटी 11वीं कक्षा की छात्रा है. निकिता ने उत्तर प्रदेश भारोत्तोलन संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तर की भारोत्तोलन चैम्पियनशिप 2020 में कांस्य पदक जीता था. उनकी छोटी बेटी ने इस साल के शुरु में इसी चैम्पियनशिप के विभिन्न वर्गों में रजत और कांस्य पदक जीता था.

रोली राज्य के युवा मामलों के विभाग द्वारा आयोजित एक भारोत्तोलन टूर्नामेंट में शीर्ष पर रही थीं. हाल में दोनों ने राज्य में खेलो इंडिया टूर्नामेंट में कई पदक जीते थे. अब उनके गांव के कई परिवारों ने अपने बच्चों को इन दोनों बहनों के साथ प्रशिक्षण के लिए भेजना शुरु कर दिया है. उचित जगह के अभाव में नवोदित खिलाड़ी अपने गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित सरकारी स्कूल में प्रशिक्षण लेते हैं. शाहजहांपुर की दोनों बहनें ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू को अपना आदर्श मानती हैं और कहती हैं कि वे अपने पिता का सपना पूरा करेंगी और जिले का नाम रोशन करेंगी.

अपर जिलाधिकारी प्रशासन संजय कुमार पांडे ने बताया कि गांव में अगर ऐसी प्रतिभा है तो यह हमारे लिए बड़ी ही प्रसन्नता की बात है और हम इसे और प्रोत्साहित करेंगे. जिला क्रीड़ा प्रोत्साहन समिति के माध्यम से हम इसे और आगे बढ़ाएंगे उसे प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के साथ ही खिलाड़ियों की हम सूचीबद्ध करने के लिए जिला क्रीड़ा अधिकारी से कहेंगे. अन्य गांव के लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए और किसी न किसी विद्या में अपने गांव का नाम रोशन करना चाहिए. शासन द्वारा ऐसी तमाम तरह की योजनाओं को संचालित किया जाता है जिससे ग्रामीण तथा शहरी लोग लाभ उठा सकते हैं.

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की दो बहनों ने सीमित संसाधनों के बावजूद कड़ी मेहनत करके वेट लिफ्टिंग के रूप में ट्रेनिंग ली. प्रदेश स्तर पर दोनों बहनों ने वेट लिफ्टिंग में कई मेडल जीतकर अपने जिले का नाम रोशन किया है. इसके साथ ही अब ये दोनों बहने अपने गांव की उभरती हुई खिलाड़ियों के लिए एक उम्मीद की किरण बन गई हैं. शाहजहांपुर के सिधौली ब्लाक अंतर्गत महाऊ दुर्ग गांव में रहने वाले अजय पाल वर्मा ने अपनी दोनों बेटियों निकिता (17 वर्ष) और रोली (15 वर्ष) को छोटी उम्र में ही प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया था.

वर्मा युवावस्था में खुद भारोत्तोलक थे. लेकिन इनके पास संसाधनों की कमी थी. वेट लिफ्टर ने कहा कि उनकी बेटियों ने लोहे की छड़ों से बंधे पत्थरों को उठाकर प्रशिक्षण शुरू किया था. क्योंकि उनके पास भारोत्तोलक के रूप में प्रशिक्षित देने के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. वह अपने वेतन का आधा पैसा बच्चों के प्रशिक्षण में ही प्रतिमाह खर्च कर देते हैं. उनकी बड़ी बेटी स्नातक और छोटी 11वीं कक्षा की छात्रा है. निकिता ने उत्तर प्रदेश भारोत्तोलन संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तर की भारोत्तोलन चैम्पियनशिप 2020 में कांस्य पदक जीता था. उनकी छोटी बेटी ने इस साल के शुरु में इसी चैम्पियनशिप के विभिन्न वर्गों में रजत और कांस्य पदक जीता था.

रोली राज्य के युवा मामलों के विभाग द्वारा आयोजित एक भारोत्तोलन टूर्नामेंट में शीर्ष पर रही थीं. हाल में दोनों ने राज्य में खेलो इंडिया टूर्नामेंट में कई पदक जीते थे. अब उनके गांव के कई परिवारों ने अपने बच्चों को इन दोनों बहनों के साथ प्रशिक्षण के लिए भेजना शुरु कर दिया है. उचित जगह के अभाव में नवोदित खिलाड़ी अपने गांव से एक किलोमीटर दूर स्थित सरकारी स्कूल में प्रशिक्षण लेते हैं. शाहजहांपुर की दोनों बहनें ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू को अपना आदर्श मानती हैं और कहती हैं कि वे अपने पिता का सपना पूरा करेंगी और जिले का नाम रोशन करेंगी.

अपर जिलाधिकारी प्रशासन संजय कुमार पांडे ने बताया कि गांव में अगर ऐसी प्रतिभा है तो यह हमारे लिए बड़ी ही प्रसन्नता की बात है और हम इसे और प्रोत्साहित करेंगे. जिला क्रीड़ा प्रोत्साहन समिति के माध्यम से हम इसे और आगे बढ़ाएंगे उसे प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के साथ ही खिलाड़ियों की हम सूचीबद्ध करने के लिए जिला क्रीड़ा अधिकारी से कहेंगे. अन्य गांव के लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए और किसी न किसी विद्या में अपने गांव का नाम रोशन करना चाहिए. शासन द्वारा ऐसी तमाम तरह की योजनाओं को संचालित किया जाता है जिससे ग्रामीण तथा शहरी लोग लाभ उठा सकते हैं.

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(पीटीआई भाषा)

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