नई दिल्ली : बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र ने रविवार को जूनियर महिला हॉकी एशिया कप में पहली बार ऐतिहासिक खिताब जीतने वाली भारतीय टीम को सम्मानित किया है. बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा हवाई अड्डे पर साई के अधिकारियों द्वारा भव्य स्वागत किए जाने के कुछ घंटे बाद टीम का मंगलवार 13 जून दोपहर साई एनसीओई परिसर में स्वागत किया गया. भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के युवा एथलीटों ने एक उत्साही प्रदर्शन के साथ दर्शकों और प्रशंसकों का दिल जीत लिया है. टीम में कुल 17 खेलो इंडिया एथलीट थे जो विभिन्न साई राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों से हैं. उनके सभी आकलन और परीक्षण साई एनसीओई बेंगलुरु में हुए हैं.
जूनियर हॉकी टीम की कप्तान प्रीति ने कहा कि 'हम अच्छी तरह से लड़े और एक टीम के रूप में एक साथ खेले हैं. पुराने और युवा खिलाड़ियों का मिश्रण था. लेकिन हमने अच्छी तरह से मिश्रण किया. हम भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं'. इसके साथ ही प्रीति ने साई बेंगलुरु में भी सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि जो हमारी सभी समस्याओं को हल करने के लिए सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं. लड़कियां फाइनल तक खेले गए छह मैचों में अपराजित रहीं. भारत ने 5 जीते और 1 ड्रॉ रहा. अन्नू पूरे टूर्नामेंट में कुल 9 गोल के साथ शीर्ष गोल करने वाली खिलाड़ी रही हैं.
जापान के गिफू में आयोजित जूनियर महिला एशिया कप में पूरे महाद्वीप की 10 सबसे प्रतिभाशाली टीमों की भागीदारी देखी गई. जो अपने कौशल का प्रदर्शन करने और गौरव हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही थीं. जूनियर महिला हॉकी एशिया कप में यह जीत न केवल युवा एथलीटों की अपार प्रतिभा और कड़ी मेहनत को दर्शाती है. बल्कि बेंगलुरू में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र द्वारा पेश किए गए असाधारण प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और समर्थन के लिए एक वसीयतनामा के रूप में भी काम करती है. जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने भी इससे पहले ओमान के सलालाह में एशिया कप 2023 जीता था. इस प्रक्रिया में अपना चौथा जूनियर एशिया कप खिताब जीता था. जूनियर पुरुष टीम भी प्रतियोगिता में अपराजित रही.
खेल की खबरें पढ़ें : |
(आईएएनएस)