नई दिल्ली : केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को देश में खेल संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया. रिजिजू ने स्पोर्ट्स समिट कार्यक्रम के दौरान कहा, "खेल संस्कृति जीवन का तरीका बन गया है.
भारत विश्व शक्ति बनने की ओर से अग्रसर है और हम आर्थिक, राजनीति और आध्यात्मिक क्षेत्र में काफी अच्छा कर रहे हैं. अगर हम एक खेल शक्ति बनते हैं तो भारत विश्व स्तर पर पूरी तरह से उभर सकता है."
रिजिजू ने कहा है कि वे सभी देश जोकि खेल शक्ति हैं, उन सबके पास खेल संस्कृति है और वे अपने नागरिक और बच्चों के लिए स्वभाविक खेल खेलते हैं.
उन्होंने कहा, "लेकिन भारत में ऐसा नहीं है और अब समय बदला है. बिना खेल संस्कृति और सकारात्मक सोच विकसित बिना अब परिणाम को हासिल नहीं किया जा सकता है."
खेल मंत्री ने साथ ही निजी क्षेत्र और औद्योगिक क्षेत्र से भी देश में फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए आगे आने और अपनी भूमिका निभाने अनुरोध किया.
उन्होंने कहा, "हम अभी भी परिणाम की बात कर रहे हैं, लेकिन हर कोई जो खेल रहा होता है, वे राष्ट्रीय टीम का सदस्य नहीं बन सकता. इसलिए परिवार की सबसे मुख्य चिंता बच्चे की आर्थिक सुरक्षा को लेकर होती है और वे अपने बच्चों को खेलों में लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं होते हैं. लेकिन अब चीजें अब बदल रही है। यह रोतोंरात हासिल नहीं किया जा सकता है."
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रिजिजू ने युवाओं के लिए मौके बनाने की भी बात की है और कहा, "निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियों के पास विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं हैं और वे कुछ क्षेत्रों में खेल और उससे जुड़ी प्रतिभाओं को भी बढ़ावा दे रहे हैं."
खेल मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत को कुछ पदकों से ही क्यों संतोष करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले पांच से 10 वर्षो में ओलंपिक में टॉप-10 में शामिल होना है.
उन्होंने साथ ही कि भारत जब 2022 में आजादी का 75वीं वर्षगांठ मनाएगा तो उस समय तक हमारा लक्ष्य कम से कम 80 प्रतिशत देशवासियों को फिट रहना चाहिए.