नई दिल्ली: भारत की ज्योति याराजी ने ब्रिटेन में लोगबोरो में अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स मीट में खिताब के दौरान दो हफ्ते से कम समय में दूसरी बार महिला 100 मीटर बाधा दौड़ का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा.
आंध्र प्रदेश की 22 साल की ज्योति ने रविवार को 13.11 सेकेंड के समय के साथ 13.23 सेकेंड के अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तो सुधार किया जो उन्होंने 10 मई को लिमासोल में साइप्रस अंतरराष्ट्रीय मीट के दौरान बनाया था.
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भुवनेश्वर में रिलायंस फाउंडेशन ओडिशा एथलेटिक्स हाई परफोर्मेंस केंद्र में जोसेफ हिलियर के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करने वाली ज्योति ने अनुराधा बिस्वाल के 13.38 सेकेंड के रिकॉर्ड को तोड़ा था जो 2002 में बना था.
ज्योति ने पिछले महीने कोझिकोड में फेडरेशन कप में भी 13.09 सेकेंड का समय लिया था लेकिन तब हवा समय रिकॉर्ड करने के लिए वैध सीमा से अधिक तेज चल रही थी इसलिए उनका समय रिकॉर्ड नहीं किया गया और इसे राष्ट्रीय रिकॉर्ड नहीं माना गया. उस समय हवा की गति प्लस 2.1 मीटर प्रति सेकेंड थी जो प्लस दो मीटर प्रति सेकेंड की स्वीकृत सीमा से अधिक थी.
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ज्योति ने 2020 में भी कर्नाटक के मूदबिदरी में अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय चैंपियनशिप में बिस्वाल के राष्ट्रीय रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 13.03 सेकेंड का समय लिया था लेकिन तब भी इसे राष्ट्रीय रिकॉर्ड नहीं माना गया क्योंकि प्रतियोगिता के दौरान राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी ने उनका परीक्षण नहीं किया और साथ ही वहां भारतीय एथलेटिक्स महासंघ का तकनीकी प्रतिनिधि भी मौजूद नहीं था.
ज्योति के पिता सूर्यनारायण निजी सुरक्षा गार्ड हैं जबकि उनकी मां कुमारी लोगों के घरेलू कार्य करती हैं. ओडिशा एथलेटिक्स हाई परफोर्मेंस केंद्र के एक अन्य प्रशिक्षु अमलान बोरगोहेन 200 मीटर दौड़ में 21.27 सेकेंड के समय के साथ पांचवें स्थान पर रहे.
अन्य नतीजों में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक सिद्धांत थिंगाल्या 110 मीटर बाधा दौड़ में 13.97 सेकेंड के समय के साथ दूसरे स्थान पर रहे. राष्ट्रीय स्तर के तैराक से बाधा दौड़ के धावक बने ग्रेससन अमलदास ने जूनियर पुरुष 110 मीटर बाधा दौड़ गेस्ट दौड़ में 13.91 सेकेंड के समय के साथ खिताब जीता.