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वायरस के बावजूद ओलंपिक के आयोजन की तैयारी से जापान की जनता निराश - टोक्यो ओलंपिक

जापान की सिर्फ एक प्रतिशत जनता का टीकाकरण हो पाया है जबकि टीके की लाखों डोज फ्रीजर में रखी हुई हैं. सुगा के इस आग्रह से लोगों की हताशा बढ़ रही है कि वायरस से जुड़े और आपात नियमों को अपनाएं जबकि लगभग दो महीने में शुरू होने वाले ओलंपिक के लिए संसाधन झोंके जा रहे हैं.

japanese people are frustrated over goverments adament behaviour of organizing Olympic during Pandemic
japanese people are frustrated over goverments adament behaviour of organizing Olympic during Pandemic
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Published : May 13, 2021, 9:30 AM IST

टोक्यो: जापान के समाचार पत्र में पूरे पन्ने के विज्ञापन में कहा गया है कि देश के लोग 'राजनीति से मारे जाएंगे' क्योंकि सरकार उन्हें टीके के बिना महामारी का सामना करने के लिए बाध्य कर रही है.

तीन लाख से अधिक लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर करके टोक्यो ओलंपिक को रद करने की मांग की है.

प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने इस बीच उलझन का सामना कर रहे सांसदों को यह कहकर नाराजगी और भ्रम पैदा कर दिया है कि ओलंपिक सुरक्षित होंगे जबकि कुछ अस्पताल बीमार और मरते हुए लोगों के लिए जगह का इंतजाम करने में नाकाम हो रहे हैं और बुधवार को जापान में और अधिक जगहों पर आपात स्थिति लगा दी गई.

जापान की सिर्फ एक प्रतिशत जनता का टीकाकरण हो पाया है जबकि टीके की लाखों डोज फ्रीजर में रखी हुई हैं. सुगा के इस आग्रह से लोगों की हताशा बढ़ रही है कि वायरस से जुड़े और आपात नियमों को अपनाएं जबकि लगभग दो महीने में शुरू होने वाले ओलंपिक के लिए संसाधन झोंके जा रहे हैं.

इस आलोचनात्मक विज्ञापन में कहा गया, "टीका नहीं. दवाई नहीं. क्या हमें बांस के भालों से लड़ना है? चीजें नहीं बदली तो हम राजनीति के कारण मर जाएंगे."

इस विज्ञापन में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की जापान के बच्चों की तलवार के आकार की लकड़ी 'नेगिनाटा' के साथ अभ्यास करती हुई तस्वीर पर लाल कोरोना वायरस की छवि बनी है.

टोक्यो: जापान के समाचार पत्र में पूरे पन्ने के विज्ञापन में कहा गया है कि देश के लोग 'राजनीति से मारे जाएंगे' क्योंकि सरकार उन्हें टीके के बिना महामारी का सामना करने के लिए बाध्य कर रही है.

तीन लाख से अधिक लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर करके टोक्यो ओलंपिक को रद करने की मांग की है.

प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने इस बीच उलझन का सामना कर रहे सांसदों को यह कहकर नाराजगी और भ्रम पैदा कर दिया है कि ओलंपिक सुरक्षित होंगे जबकि कुछ अस्पताल बीमार और मरते हुए लोगों के लिए जगह का इंतजाम करने में नाकाम हो रहे हैं और बुधवार को जापान में और अधिक जगहों पर आपात स्थिति लगा दी गई.

जापान की सिर्फ एक प्रतिशत जनता का टीकाकरण हो पाया है जबकि टीके की लाखों डोज फ्रीजर में रखी हुई हैं. सुगा के इस आग्रह से लोगों की हताशा बढ़ रही है कि वायरस से जुड़े और आपात नियमों को अपनाएं जबकि लगभग दो महीने में शुरू होने वाले ओलंपिक के लिए संसाधन झोंके जा रहे हैं.

इस आलोचनात्मक विज्ञापन में कहा गया, "टीका नहीं. दवाई नहीं. क्या हमें बांस के भालों से लड़ना है? चीजें नहीं बदली तो हम राजनीति के कारण मर जाएंगे."

इस विज्ञापन में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की जापान के बच्चों की तलवार के आकार की लकड़ी 'नेगिनाटा' के साथ अभ्यास करती हुई तस्वीर पर लाल कोरोना वायरस की छवि बनी है.

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