डूंगरपुर. अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज और डूंगरपुर के जिला खेल अधिकारी जयंतीलाल ननोमा के रविवार देर रात को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उदयपुर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं उनके साथ कार में मौजूद एक पीटीआई कांतिलाल घायल हो गया है, जिसका सागवाड़ा के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इधर, जयंतीलाल की मौत का समाचार मिलते ही खेल जगत से जुड़ी हस्तियों और खिलाड़ियों में शोक की लहर छा गई है.
जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज और जिला खेल अधिकारी जयंतीलाल ननोमा अपने साथी फलोज स्कूल के शारीरिक शिक्षक कांतिलाल के साथ बांसवाड़ा गए थे. बांसवाड़ा से चावल लेकर वापस लौटे रहे थे. इसी दौरान सागवाड़ा रोड पर वरदा थाने से आगे निकलते ही पुलिए के पास उनकी स्कॉर्पियो कार अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में जयंतीलाल के सिर में गंभीर चोट लगने से खून ज्यादा बह गया.
इसके बाद पुलिस ने जयंतीलाल और कांतिलाल दोनों को सागवाड़ा के एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती करवाया, जहां जयंतीलाल की हालत नाजुक होने पर उदयपुर के लिए रेफर कर दिया. इसके बाद उदयपुर में इलाज के दौरान जयंतीलाल की मौत हो गई.
वहीं, जयंतीलाल की मौत की खबर जैसे ही डूंगरपुर और खेल जगत से जुड़ी हस्तियों तक पंहुची तो शोक की लहर छा गई. जयंतीलाल के शव को अब डूंगरपुर लाया जाएगा और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा. इसके बाद जयंतीलाल के पैतृक गांव बिलड़ी में दाह संस्कार किया जाएगा.
3 बार भारतीय तीरंदाजी टीम के कोच रहे
डूंगरपुर के लाल जयंतीलाल ननोमा तीन बार भारतीय तीरंदाजी टीम के कोच भी रह चुके है। 2013 में वे पहली बार भारतीय तीरंदाजी टीम के कोच बने। इसके बाद 2015 में फिर दूसरी बार टीम के कोच बने और उनके साथ 16 तीरंदाजों की टीम साउथ अमेरिका के कोलंबिया में आयोजित वर्ल्ड कप तीरंदाजी स्पर्धा में भाग लिया। इसके बाद 2018 में तीसरी बार फिर भारतीय टीम के कोच बने। 2019 में भी उन्हें तीरंदाजी टीम का कोच बनाया गया था, लेकिन प्रतियोगिता स्थगित हो जाने के कारण नहीं जा पाए थे।