नई दिल्ली : भास्कर भट्ट ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के हाई परफोर्मेंस निदेशक की अपनी नई भूमिका पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एशियाई खेलों से कुछ महीने पहले महिला मुक्केबाजी के मुख्य कोच का पद छोड़ दिया है. सितंबर में होने वाले एशियाई खेलों से दो महीने से कुछ अधिक समय पहले भास्कर ने इस्तीफा दिया है. एशियाई खेल महाद्वीप के मुक्केबाजों के लिए पहली ओलंपिक क्वालीफायर प्रतियोगिता है. इस महीने की शुरुआत में भास्कर को साइ में हाई परफोर्मेंस निदेशक नियुक्त किया गया था. अपनी नई भूमिका के तहत वह साइ के सभी राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) में पुरुष और महिला मुक्केबाजी को देखेंगे.
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Indian women's boxing coach Bhaskar Bhatt resigns ahead of Asian Games.
— Women's SportsZone (@WSportsZone) June 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Successful stint, but differences over new selection policy led to his departure.#Boxing #AsianGames pic.twitter.com/T4wKICfEx3
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एलोर्डा कप के लिए दूसरे दर्जे की भारतीय टीम के साथ कजाखस्तान में मौजूद भास्कर ने पीटीआई से कहा, 'जब कुछ दिन पहले मुझे मुक्केबाजी का साइ का हाई परफोर्मेंस निदेशक नियुक्त किया गया तो इसके साथ काफी जिम्मेदारियां आईं. मैं अपनी नई भूमिका से न्याय करन चाहता हूं'. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय शिविर (एनआईएस पटियाला में) में हाई परफोर्मेंस निदेशक (बर्नार्ड डुने) और विदेशी कोच (दमित्री दमित्रुक) मौजूद थे जो लड़कियों का आंकलन और मार्गदर्शन कर रहे थे इसलिए मैंने आग्रह किया कि मुझे अपनी नई भूमिका पर पूर्णकालिक तौर पर ध्यान केंद्रित करने की स्वीकृति दी जाए'.
पिछले साल अक्टूबर में आयरलैंड के डुने के आने के बाद से भारतीय मुक्केबाजी में काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. फरवरी में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता सीए कुटप्पा की भारतीय पुरुष मुक्केबाजी टीम के मुख्य कोच के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी हुई. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने डुने की सलाह पर यह फैसला किया. कुटप्पा ने नरेंद्र राणा की जगह ली जिन्हें अक्टूबर 2021 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया था. इसके बाद दमित्री दमित्रुक को पुरुष और महिला टीम के विदेशी कोच के रूप में लाया गया. और अब भास्कर ने महिला टीम के मुख्य कोच के रूप में अपना पद छोड़ दिया है. उन्हें नवंबर 2021 में महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह 2017 से युवा टीम के साथ थे और 2005 से 2012 तक सीनियर महिला टीम के शिविर में सहायक कोच रहे.
भास्कर के मार्गदर्शन में भारतीय मुक्केबाजों ने इस्तांबुल में 2022 विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक सहित तीन पदक जीते. यहां मार्च में जब चार मुक्केबाज विश्व चैंपियन बने तो वह डुने और दमित्रुक के साथ काम कर रहे थे. अन्य बदलावों के तहत डुने ने ट्रायल को हटाकर चयन प्रक्रिया में भी बदलाव किया है. इसकी जगह मुक्केबाज अब तीन हफ्तों में शिविर में हिस्सा लेते हैं जहां विभिन्न मापदंडों पर उनका आकलन होता है. इसके बाद रैंकिंग सूची तैयार की जाती है और शीर्ष रैंकिंग वाले मुक्केबाज को बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए चुना जाता है.
अभी केवल निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन ने एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई किया है. राष्ट्रीय शिविर में बाकी अन्य मुक्केबाज अभी इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए आंकलन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं.
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(इनपुट: पीटीआई भाषा)