राउरकेला: हॉकी विश्व कप 2018 की सफलता के बाद ओडिशा अब भुवनेश्वर और राउरकेला में लगातार दूसरे हॉकी विश्व कप 2023 की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. भुवनेश्वर में मौजूदा कलिंग हॉकी स्टेडियम में 15 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था है, लेकिन राज्य राउरकेला में नया बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम बना रहा है, जिसमें 20 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसे भारत का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम का दर्जा प्राप्त होगा.
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि बिरसा मुंडा स्टेडियम का निर्माण कार्य अभी भी जारी है और इसे इस साल अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा. अधिकारी ने कहा, इसके बाद एफआईएच (अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ) के अधिकारी यहां निरीक्षण के लिए आएंगे और फिर विश्व कप से पहले इसे मंजूरी देने के लिए एक परीक्षण कार्यक्रम होगा. स्वतंत्रता सेनानी 'बिरसा मुंडा' के नाम पर रखा गया. यह स्टेडियम सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ हॉकी विश्व कप की मेजबानी के लिए तैयार किया गया है.
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बयान में कहा, स्टेडियम राउरकेला में बीजू पटनायक प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के परिसर में 20 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. यह हॉकी के लिए वैश्विक स्टेडियम डिजाइन में एक नया मानदंड स्थापित करेगा. अधिकारी ने कहा, यह 200 करोड़ रुपए की लागत के साथ इस स्टेडियम में अत्याधुनिक सुविधाओं, चेंजिंग रूम, एक फिटनेस सेंटर और एक हाइड्रो-थेरेपी पूल के साथ अभ्यास मैदान होगा. इसमें एक अलग आवास सुविधा होगी, जिससे 100 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लागत से बनाया जा रहा है. यह सुविधा मैच के दौरान खिलाड़ियों, कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए होगी.
सुंदरगढ़ जिले को हॉकी के लिए माना जाता है और जिले में राउरकेला शहर ने विशेष रूप से दिलीप टिर्की, लाजर बारला सहित कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को जन्म दिया है. राउरकेला का यह स्टेडियम सुंदरगढ़ जिले के लिए शान माना जाएगा, जो बहुत कम उम्र से हॉकी खिलाड़ियों को तैयार करने में मदद करेगा.
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भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम की तरह, बिरसा मुंडा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम इस जगह के हॉकी के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगा, जिससे हॉकी चैंपियन बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा. इस स्टेडियम की नींव फरवरी 2021 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रखी थी और तब से कोविड, चक्रवात और भीषण गर्मी की चुनौतियों के बावजूद काम पूरी गति से चल रहा है और समय पर तैयार हो जाएगा.