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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के 3 मेडल पक्के, सेमीफाइनल में पहुंचे दीपक, हुसामुद्दीन और निशांत - Medal for India in World Boxing Championship

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में दीपक भोरिया, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव ने नया रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है. तीनों मुक्केबाज सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं. इसके साथ ही तीनों ने अपने मेडल पक्के कर लिए हैं. इससे पहले 2019 में भारत को सिर्फ 2 मेडल ही मिले थे.

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वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप
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Published : May 10, 2023, 7:26 PM IST

ताशकंद : भारतीय मुक्केबाजों दीपक भोरिया (51 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने बुधवार को पुरुष विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचते हुए तीन पदक पक्के किए. पदकों के लिहाज से यह भारत का टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. क्वार्टर फाइनल में जीत का मतलब है कि ये तीनों मुक्केबाज कम से कम कांस्य पदक जीतेंगे.इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2019 में था जब अमित पंघाल के रजत और मनीष कौशिक के कांस्य पदक से भारत ने दो पदक जीते थे.

बुधवार को सबसे पहले रिंग में उतरे दीपक ने किर्गिस्तान के नूरझिगित दुशेबाएव को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर फ्लाईवेट वर्ग में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. यह वजन वर्ग पेरिस ओलंपिक का भी हिस्सा है. दीपक ने मुकाबले में इस तरह से दबदबा बना कर रखा था कि रेफरी को दुशेबाएव के लिए दो बार गिनती करनी पड़ी थी. भारतीय मुक्केबाज ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाकर सटीक मुक्के जड़े. दुशेबाएव ने 0-5 से पिछड़ने के बाद दूसरे राउंड में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन दीपक ने शानदार रक्षण और जवाबी हमले से उन्हें पस्त कर दिया.

दीपक ने पहले दो राउंड अपने नाम करने के बाद तीसरे और अंतिम राउंड में रक्षात्मक रवैया अपनाया और अपने प्रतिद्वंदी को किसी तरह का मौका नहीं दिया. दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता हुसामुद्दीन को इसके बाद बुल्गारिया के जे डियाज इबानेज के खिलाफ काफी पसीना बहाना पड़ा. उन्होंने यह मुकाबला विभाजित फैसले में 4-3 से जीता. निशांत ने इसके बाद सर्वसम्मत फैसले में क्यूबा के जार्ज स्युलार को हराकर भारत के लिए तीसरा पदक सुनिश्चित किया.

गत राष्ट्रीय चैंपियन 22 साल के निशांत ने आक्रामक तेवर दिखाए और मुकाबले के पूरे नौ मिनट के दौरान क्यूबा के विरोधी पर लगातार मुक्के बरसाए. निशांत पिछले टूर्नामेंट में क्वार्टर फाइनल में हार गए थे. भारत ने अब तक विश्व चैंपियनशिप में सात पदक जीते हैं. पुरुष विश्व कप में भारत के लिए विजेंदर सिंह (2009 में कांस्य), विकास कृष्ण (2011 में कांस्य), शिव थापा (2015 में कांस्य), गौरव बिधूड़ी (2017 में कांस्य), पंघाल (2019 में रजत), कौशिक (2019 मे कांस्य) और आकाश कुमार (2021 में कांस्य) पदक जीत चुके हैं.
(पीटीआई : भाषा)

ये भी पढ़ेंः Mens World Boxing Championships : विश्व मुक्केबाजी के प्री-क्वार्टर में पहुंचे दीपक, क्वार्टरफाइनल में हुसामुद्दीन की एंट्री

ताशकंद : भारतीय मुक्केबाजों दीपक भोरिया (51 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने बुधवार को पुरुष विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचते हुए तीन पदक पक्के किए. पदकों के लिहाज से यह भारत का टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. क्वार्टर फाइनल में जीत का मतलब है कि ये तीनों मुक्केबाज कम से कम कांस्य पदक जीतेंगे.इससे पहले भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2019 में था जब अमित पंघाल के रजत और मनीष कौशिक के कांस्य पदक से भारत ने दो पदक जीते थे.

बुधवार को सबसे पहले रिंग में उतरे दीपक ने किर्गिस्तान के नूरझिगित दुशेबाएव को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर फ्लाईवेट वर्ग में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. यह वजन वर्ग पेरिस ओलंपिक का भी हिस्सा है. दीपक ने मुकाबले में इस तरह से दबदबा बना कर रखा था कि रेफरी को दुशेबाएव के लिए दो बार गिनती करनी पड़ी थी. भारतीय मुक्केबाज ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाकर सटीक मुक्के जड़े. दुशेबाएव ने 0-5 से पिछड़ने के बाद दूसरे राउंड में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन दीपक ने शानदार रक्षण और जवाबी हमले से उन्हें पस्त कर दिया.

दीपक ने पहले दो राउंड अपने नाम करने के बाद तीसरे और अंतिम राउंड में रक्षात्मक रवैया अपनाया और अपने प्रतिद्वंदी को किसी तरह का मौका नहीं दिया. दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता हुसामुद्दीन को इसके बाद बुल्गारिया के जे डियाज इबानेज के खिलाफ काफी पसीना बहाना पड़ा. उन्होंने यह मुकाबला विभाजित फैसले में 4-3 से जीता. निशांत ने इसके बाद सर्वसम्मत फैसले में क्यूबा के जार्ज स्युलार को हराकर भारत के लिए तीसरा पदक सुनिश्चित किया.

गत राष्ट्रीय चैंपियन 22 साल के निशांत ने आक्रामक तेवर दिखाए और मुकाबले के पूरे नौ मिनट के दौरान क्यूबा के विरोधी पर लगातार मुक्के बरसाए. निशांत पिछले टूर्नामेंट में क्वार्टर फाइनल में हार गए थे. भारत ने अब तक विश्व चैंपियनशिप में सात पदक जीते हैं. पुरुष विश्व कप में भारत के लिए विजेंदर सिंह (2009 में कांस्य), विकास कृष्ण (2011 में कांस्य), शिव थापा (2015 में कांस्य), गौरव बिधूड़ी (2017 में कांस्य), पंघाल (2019 में रजत), कौशिक (2019 मे कांस्य) और आकाश कुमार (2021 में कांस्य) पदक जीत चुके हैं.
(पीटीआई : भाषा)

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