दोहा : कतर विश्व कप 2022 में जर्मनी और बेल्जियम के खराब प्रदर्शन के बाद दोहा में जर्मनी और बेल्जियम की जर्सी की कीमतों में भारी गिरावट आई है. विश्व कप सिर्फ 32 टीमों के बीच की प्रतियोगिता नहीं है बल्कि जर्सी प्रायोजकों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार भी है. इसीलिए प्रतियोगिता में मौजूद टीमों की जर्सी का रेट भी उनके प्रदर्शन के हिसाब से तय हो रहा है.
लोगों की जो पसंदीदा टीमें अभी कतर में हैं और क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेलने जा रही हैं, उनकी जर्सियां धड़ल्ले से बिक रही हैं, लेकिन इसके विपरीत कई अन्य टीमों के बाहर होने से जर्सी के व्यापारियों को भारी धक्का लगा है. जो जर्सियां बची हैं वह काफी कम दाम में बेची जा रही हैं. क्योंकि इन टीमों के बाहर हो जाने से उनके समर्थक भी मौजूद नहीं हैं और न ही जर्सी खरीदने में कोई दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार दोहा स्थित एक शॉपिंग मॉल में क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली इंग्लैंड, अर्जेंटीना और पुर्तगाल की जर्सी की सबसे ज्यादा मांग है. यह महंगी भी बिक रही हैं. लेकिन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने वाले जर्मनी और बेल्जियम की जर्सी को डिस्काउंट पर बेचना पड़ रहा है.
जर्मनी की जर्सी की कीमत 670 कतरी रियाल (लगभग 184 अमेरिकी डॉलर) से गिरकर 329 कतरी रियाल (लगभग 90.3 अमेरिकी डॉलर) हो गई है. वहीं, बेल्जियम जर्सी की कीमत 430 कतरी रियाल थी, जो अब 50 फीसदी गिर गई है.
डिस्काउंट मर्चेंडाइज की शापिंग करने वाले एक ग्राहक ने एजेंसी को बताया कि वह इन टीमों के लिए आगे का दौर खत्म होने का असर न सिर्फ टीम पर पड़ा है, बल्कि बहुत सारी चीजें प्रभावित हो रही हैं. फिलहाल वह जर्सी संग्रह करने के लिए कीमत दे रहा है.
एक सेल्समैन ने कहा कि हम लोगों ने प्रशंसकों के लिए बड़ी संख्या में उन टीमों की पसंदीदा जर्सी तैयार की थीं, जो टॉप लेवल की टीम कही जा रहीं थीं, लेकिन उनके अप्रत्याशित तरीके के टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद स्टॉक हटाना मुश्किल हो गया है, इसलिए जर्सी को छूट देकर बेंचना पड़ रहा है.
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