लंदन : क्लिटश्को चार साल से अधिक समय तक निर्विवादित विश्व चैंपियन रहे जिसके बाद 2015 में फ्यूरी ने युक्रेन के इस मुक्केबाजी को हराकर उलटफेर करते हुए खिताब जीता. फ्यूरी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बीच अपने खिताब की रक्षा करने में नाकाम रहे लेकिन इसके बाद उन्होंने प्रभावी वापसी की.
ये दोनों एक बार फिर आमने सामने होंगे
फ्यूरी फरवरी में डियोनटे विल्डर को हराकर डब्ल्यूबीसी हैवीवेट खिताब जीतने के बाद शीर्ष पर बरकरार रहना चाहते हैं. कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप थमने के बाद ये दोनों एक बार फिर आमने सामने होंगे.
फ्यूरी ने मंगलवार को एक स्पोर्ट्स चैनल से कहा, ''मैंने मुक्केबाजी में प्रत्येक खिताब जीता है. इंग्लिश खिताब से लेकर निर्विवादित हैवीवेट विश्व चैंपियन का.'' उन्होंने कहा, ''अगर मैं दोबारा मुक्केबाजी नहीं करता हूं तो मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं लेकिन अगर दोबारा मुक्केबाजी करता हूं तो मुक्केबाजी जारी रखना चाहता हूं. मैं विरोधियों से भिड़ते रहना चाहता हूं.''
मैं खिताब के लिए मुक्केबाजी नहीं कर रहा हूं
फ्यूरी ने कहा, ''क्लिटश्को ने 40 बरस तक ऐसा किया. कई महान चैंपियनों ने ऐसा किया और करते रहे. मैं पैसे के लिए मुक्केबाजी नहीं कर रहा हूं, मैं नाम के लिए मुक्केबाजी नहीं कर रहा हूं, मैं खिताब के लिए मुक्केबाजी नहीं कर रहा हूं. मैं मुक्केबाजी कर रहा हूं क्योंकि यह मुझे मानसिक रूप से खुश रखती है और मुझे ऐसा करना पसंद है.''