नई दिल्ली: फ्रीस्टाइल कुश्ती में भारतीय महिला कुश्ती टीम के कोच एंड्रयू कुक को अनौपचारिक रूप से हटाने के बाद अब WFI ने एक और कोच पर प्रेशर बढ़ाया है और ये कोच कोई और नहीं बल्कि भारत के दिग्गज रेसलर बजरंग पूनिया के पर्सनल कोच शैको बेंटिन्डिस है.
शैको बेंटिन्डिस को रेसलिंग फेडरेशनल ऑफ इंडिया (WFI) की नई सूचना के तहत अब भारत की नौकरी को या अपनी सैलरी में से किसी एक को चुनना होगा.
दरअसल, कोरोना वायरस महामारी के चलते भारतीय खेल प्राधिकरण लखनऊ और सोनीपत में चल रहे कैंप को स्थगित कर दिया गया था जिसके बाद 44 वर्षीय कोच शैको बेंटिन्डिस अपने घर चले गए थे. हालांकि अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए शैको ने जॉर्जिया से वर्क फ्रॉम होम करते हुए बजरंग को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी लेकिन ये बात WFI को ज्यादा नहीं भा रही है.
शैको का लॉकडाउन से पहले भारतीय रेसलिंग फेडरेशन के साथ करार हुआ था. तब उनकी सैलरी करीब 6000 डॉलर यानी करीब साढ़े चार लाख रुपये तय की गई थी जिसको लॉकडाउन के समय 30 प्रतिशत तक काटे जाने की बात WFI पहले ही कह चुका है. WFI की इस शर्त को न चाहते हुए भी शैको ने मान भी लिया था लेकिन उतना पे-कट WFI के कम था.
बता दें शैको बजरंग के पर्सनल कोच होते हुए भी WFI के पे-रोल पर हैं और उनकी सैलरी फेडरेशन के मुख्य स्पॉन्सर से आती है.
फेडरेशन के मुताबिक मुख्य स्पॉंसर इस बात से खुश नहीं है कि उन्हें ऑनलाइन क्लास के लिए तीन लाख रुपये प्रतिमाह से ज्यादा का भुगतान किया जा रहा है.
अब WFI शैको की सैलरी में और 20 फीसदी की कटौती चाहता है, जो उनकी पहली तय सैलरी की आधी (करीब 3000 डॉलर) हो जाएगी. अगर जॉर्जिया के यह कोच इस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर देते हैं तो फिर उनकी ये जॉब जाने का खतरा होगा.