नई दिल्ली: भारत के पहलवान जितेंद्र कुमार ने रविवार को एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप के 74 किग्रा फाइनल में पहुंचकर ओलंपिक क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम में स्थान पक्का किया जबकि दीपक पूनिया और राहुल अवारे अपने सेमीफाइनल गंवाकर कांस्य पदक जीतने की कोशिश करेंगे.
जितेंद्र ने अपना क्वालीफिकेशन मुकाबला आसानी से जीत लिया. इसके बाद उन्होंने ईरान के मुस्तफा मोहाबाली हुसेनखानी और मंगोलिया के सुमियाबजार जांदनबड (2-1) को शिकस्त दी. अब वह कजाखस्तान के गत चैम्पियन दानियार कैसानोव से भिड़ेंगे.
हालांकि उनका प्रदर्शन राष्ट्रीय महासंघ को भरोसा दिलाने के लिए काफी था कि उन्हें ओलंपिक क्वालीफायर के लिए किर्गिस्तान के बिशकेक जाना चाहिए और इस वर्ग के लिए दोबारा ट्रायल की जरूरत नहीं पड़ी.
इसका मतलब है कि दो बार के ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार (वह भी 74 किग्रा में खेलते हैं) को इंतजार करके देखना होगा कि जितेंद्र बिशकेक में कैसा प्रदर्शन करते हैं जिसमें फाइनल में पहुंचने वाला पहलवान टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लेगा.
अगर जितेंद्र वहां स्वर्ण पदक के मुकाबले तक पहुंच जाते हैं तो इससे सुशील का रास्ता बंद हो जाएगा जो 2018 एशियाई खेलों के बाद से जूझ रहे हैं.
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बीबी शरण सिंह ने कहा, 'हम पुरुष फ्रीस्टाइल में किसी वर्ग में ट्रायल नहीं करायेंगे. हम देखेंगे कि बिशकेक में हमारे पहलवान कैसा प्रदर्शन करेंगे.'
वहीं विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता दीपक को 86 किग्रा सेमीफाइनल में जापान के शुतारो यामादा से हार का सामना करना पड़ा.
दीपक ने टखने की चोट के कारण विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में ईरान के हसन याजदानी को वॉकओवर दे दिया था और तब से यह उनकी पहली प्रतियोगिता है. अब वह कांस्य पदक के लिए इसा अब्दुलसलाम अब्दुलवहाब अल ओबैदी से भिड़ेंगे.
वहीं नूर सुल्तान में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले राहुल ने गैर ओलंपिक 61 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के जाहोंगीरमिर्जा तुरोबोव पर 11-9 से जीत हासिल की.
लेकिन वह सेमीफाइनल में किर्गिस्तान के उलुकबेक झोलदोशबेकोव से 3-5 से हार गए. अब वह कांस्य के लिए ईरान के माजिद अलमास दास्तान के सामने होंगे.
सतेंदर ने 125 किग्रा वर्ग में अपना क्वालीफिकेशन मुकाबला जीता लेकिन वह क्वार्टर फाइनल और फिर रेपेचज दौर में हार गये.
सोमवीर की 92 किग्रा वर्ग में चुनौती केवल 24 सेकेंड तक ही टिक सकी क्योंकि उज्बेकिस्तान के प्रतिद्वंद्वी अजीनीयाज सापारनियाजोव ने क्वार्टर फाइनल में उन्हें गिराकर आराम से जीत हासिल की.