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एशियाई मुक्केबाजी: कड़े मुकाबले में हारीं मैरी कॉम, नहीं जीत सकीं छठा स्वर्ण

मैरी कॉम और लैशराम सरिता देवी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं. इस महान मुक्केबाज ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 संस्करणों में स्वर्ण जीता था जबकि 2008 और इस साल उनके हिस्से में रजत पदक आया था.

Asian boxing championship: Marry kom losses
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Published : May 30, 2021, 9:14 PM IST

नई दिल्ली: छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में रविवार को हार गईं. इसके साथ ही मैरी कॉम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण पदक से चूक गईं. मैरी कॉम को 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन नाजि़म काजैबे ने 3-2 से हराया.

इस हार के साथ एशियाई चैम्पियनशिप में मैरी कॉम का रिकार्ड छह स्वर्ण पदक जीतने का सपना फिलहाल पूरा नहीं हो सका है. मैरी कॉम ने एशियाई चैम्पियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेते हुए दूसरी बार रजत पदक जीता है.

मैरी कॉम और लैशराम सरिता देवी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं. इस महान मुक्केबाज ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 संस्करणों में स्वर्ण जीता था जबकि 2008 और इस साल उनके हिस्से में रजत पदक आया था.

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में मैरी कॉम के बाद लालबुतसाही (64 किग्रा) भारत की ओर से अपनी चुनौती पेश करेंगी. इनके अलावा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं पूजा रानी (75 किग्रा) और अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) आज ही अपने-अपने फाइनल मुकाबले खेलेंगी.

पुरुष वर्ग में मौजूदा चैम्पियन अमित पंघल, अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके हैं. शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को अंतिम बार एक्शन में दिखेंगे.

भारत ने इस चैंपियनशिप में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं. यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है. बैंकॉक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था.

आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है.

इस बीच, ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं एक अन्य भारतीय पूजा रानी, जिन्हें सेमीफाइनल में वॉक-ओवर मिला था, का सामना उज्बेकिस्तान की मावलुदा मोवलोनोवा से होगा। मावलुदा ने अंतिम -4 में लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाली मरीना वोल्नोवा की चुनौती को समाप्त किया था. दूसरी ओर, लालबुत्साई और अनुपमा को भी अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में मजबूत कजाख मुक्केबाजों का सामना करना होगा.

नई दिल्ली: छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में रविवार को हार गईं. इसके साथ ही मैरी कॉम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण पदक से चूक गईं. मैरी कॉम को 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन नाजि़म काजैबे ने 3-2 से हराया.

इस हार के साथ एशियाई चैम्पियनशिप में मैरी कॉम का रिकार्ड छह स्वर्ण पदक जीतने का सपना फिलहाल पूरा नहीं हो सका है. मैरी कॉम ने एशियाई चैम्पियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेते हुए दूसरी बार रजत पदक जीता है.

मैरी कॉम और लैशराम सरिता देवी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं. इस महान मुक्केबाज ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 संस्करणों में स्वर्ण जीता था जबकि 2008 और इस साल उनके हिस्से में रजत पदक आया था.

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में मैरी कॉम के बाद लालबुतसाही (64 किग्रा) भारत की ओर से अपनी चुनौती पेश करेंगी. इनके अलावा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं पूजा रानी (75 किग्रा) और अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) आज ही अपने-अपने फाइनल मुकाबले खेलेंगी.

पुरुष वर्ग में मौजूदा चैम्पियन अमित पंघल, अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके हैं. शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को अंतिम बार एक्शन में दिखेंगे.

भारत ने इस चैंपियनशिप में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं. यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है. बैंकॉक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था.

आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है.

इस बीच, ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं एक अन्य भारतीय पूजा रानी, जिन्हें सेमीफाइनल में वॉक-ओवर मिला था, का सामना उज्बेकिस्तान की मावलुदा मोवलोनोवा से होगा। मावलुदा ने अंतिम -4 में लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाली मरीना वोल्नोवा की चुनौती को समाप्त किया था. दूसरी ओर, लालबुत्साई और अनुपमा को भी अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में मजबूत कजाख मुक्केबाजों का सामना करना होगा.

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