ETV Bharat / sports

अर्जुन अवार्डी पैरा तैराक ने निलंबन के खिलाफ खटखटाया दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा - Para athelete news

याचिका में अदालत से करमाकर को PCI के तैराकी टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की अनुमति भी मांगी गई है. इस मामले पर सुनवाई 23 सितंबर को हो सकती है.

Arjuna awardee Prashant Karmakar moves delhi high court agaionst ban
Arjuna awardee Prashant Karmakar moves delhi high court agaionst ban
author img

By

Published : Sep 21, 2020, 1:13 PM IST

नई दिल्ली: पैरा तैराक अर्जुन अवार्डी प्रशांत करमाकर ने अपने ऊपर लगे तीन साल के निलंबन को हटाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाया खटखटाया है. ये याचिका उनके वकील अमित कुमार शर्मा और सत्यम सिंह राजपूत ने दायर की है और भारतीय पैरालम्पिक समिति (PCI) की अनुशासन समिति द्वारा लगाए गए निलंबन को हटाने की मांग की है.

Arjuna awardee Prashant Karmakar moves delhi high court agaionst ban
पैरा तैराक अर्जुन अवार्डी प्रशांत करमाकर

याचिका में अदालत से करमाकर को PCI के तैराकी टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की अनुमति भी मांगी गई है.

इस मामले पर सुनवाई 23 सितंबर को हो सकती है.

याचिका में कहा गया है, "ये साफ है कि अनुशासत्मक कार्यवाही अनुच्छेद 14 और 21 के तहत सही और तर्कसंगत होनी चाहिए. ये बात भी साफ है कि न्याय अनुच्छेद 14 का अहम हिस्सा है. याचिकाकर्ता विन्रमता पूर्वक माननीय उच्च न्यायालय का इस मामले में हस्तक्षेप चाहते हैं क्योंकि उन्हें मनमाने तरीके से PCI द्वारा निलंबित किया गया. याचिकाकर्ता देश के मशहूर खिलाड़ी हैं जिन्होंने कई बार देश को गौरवांवित किया है."

याचिका में कहा गया है कि मनमाने और गैरकानूनी तरीके से निलंबन करना मौलिक अधिकारों का हनन है.

नई दिल्ली: पैरा तैराक अर्जुन अवार्डी प्रशांत करमाकर ने अपने ऊपर लगे तीन साल के निलंबन को हटाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाया खटखटाया है. ये याचिका उनके वकील अमित कुमार शर्मा और सत्यम सिंह राजपूत ने दायर की है और भारतीय पैरालम्पिक समिति (PCI) की अनुशासन समिति द्वारा लगाए गए निलंबन को हटाने की मांग की है.

Arjuna awardee Prashant Karmakar moves delhi high court agaionst ban
पैरा तैराक अर्जुन अवार्डी प्रशांत करमाकर

याचिका में अदालत से करमाकर को PCI के तैराकी टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने की अनुमति भी मांगी गई है.

इस मामले पर सुनवाई 23 सितंबर को हो सकती है.

याचिका में कहा गया है, "ये साफ है कि अनुशासत्मक कार्यवाही अनुच्छेद 14 और 21 के तहत सही और तर्कसंगत होनी चाहिए. ये बात भी साफ है कि न्याय अनुच्छेद 14 का अहम हिस्सा है. याचिकाकर्ता विन्रमता पूर्वक माननीय उच्च न्यायालय का इस मामले में हस्तक्षेप चाहते हैं क्योंकि उन्हें मनमाने तरीके से PCI द्वारा निलंबित किया गया. याचिकाकर्ता देश के मशहूर खिलाड़ी हैं जिन्होंने कई बार देश को गौरवांवित किया है."

याचिका में कहा गया है कि मनमाने और गैरकानूनी तरीके से निलंबन करना मौलिक अधिकारों का हनन है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.