नई दिल्ली : पाकिस्तान में होने वाले डेविस कप के मुकाबले के लिए भारतीय टीम को अब पाकिस्तान का दौरा करना ही होगा. आईटीएफ न्यायधिकरण ने एआईटीए की सुरक्षा चिंता वाली दलील को खारिज कर दिया. एआईटीए ने दलील दी थी कि भारतीय डेविस कप टीम को पाकिस्तान में सुरक्षा की चिंता है और उसे वहां किसी अनहोनी का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन उनकी इस दलील को आईटीएफ ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दिया.
बता दें कि भारतीय डेविस कप टीम अगर पाकिस्तान जाती है तो यह 60 वर्षों बाद ऐसा होगा कि डेविस कप टीम पाकिस्तान का दौरा करेगी. अगर भारतीय टीम वहां नहीं पहुंचती है और अपनी यात्रा को कैंसिल करती है तो टाई मेजबान देश को दे दिया जाएगा. इंडियन डेविस कप टीम ने 1964 में पाकिस्तान का आखिरी बार दौरा किया था. तब वहां भारत ने पाकिस्तान को 4-0 से मात दी थी.
अखिल भारतीय टेनिस संघ के अध्यक्ष ने पुष्टी करते हुए बताया कि 'आईटीएफ की तरफ से उनकी पाकिस्तान न जाने की अपील खारिज कर दी गई है. हम अब आगे खेल मंत्रालय से सम्पर्क करेंगे और पूछेंगे कि क्या हमको अपनी टीम को वहां भेजना चाहिए'. एआईटीए ने हाल ही में 3-4 फरवरी के विश्व ग्रुप I प्ले-ऑफ मुकाबले के लिए पांच सदस्यीय टीम की घोषणा की थी और कहा था कि अगर आईटीएफ उसकी अपील को खारिज कर देता है, तो वह डेविस कप टीम को पाकिस्तान भेजेगा.
मुकाबले के लिए किसी दूसरी जगह के लिए एआईटीए के अनुरोध को 15 सदस्यीय डेविस कप समिति (डीसीसी) ने खारिज कर दिया. इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय महासंघ ने आईटीएफ ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया. पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रिब्यूनल ने कहा, 'पाकिस्तान में मुकाबला आयोजित करने के डीसीसी के फैसले के ठोस आधार हैं और डेविस कप मुकाबले के लिए डीसीसी द्वारा चुने गए स्थान का दौरा करना सभी देशों के लिए जरूरी है.
ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन का तर्क था कि भारत के दौरे को अन्य देशों की तरह नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हैं. एआईटीए ने यह भी दलील दी थी कि आठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे, इसलिए भारतीय टीम को वहां यात्रा नहीं करनी चाहिए. डीसीसी ने फैसले में कहा कि पाकिस्तान में ऐसी कोई स्थिति नहीं है जहां कोई भारतीय टीम यात्रा नहीं कर सकती और डेविस कप मुकाबले में भाग नहीं ले सकती.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण डेविस कप मैचों की सफल मेजबानी की है, इसलिए इसका कोई ठोस आधार नहीं है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ मैच की मेजबानी उचित तरीके से क्यों नहीं कर सकता. 'कानून और व्यवस्था बनाए रखना मेजबान देश की एकमात्र जिम्मेदारी है. भारतीय टीम को निश्चिंत रहना चाहिए कि उनकी यात्रा और भागीदारी के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.