नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी परिषद के करीब एक दर्जन सदस्यों ने आरोप लगाया है कि अध्यक्ष पीटी उषा ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में रघु अय्यर की नियुक्ति का रास्ता साफ करने के लिए उन पर 'दबाव डाला' था.
अपने जमाने की दिग्गज एथलीट उषा ने हालांकि इन आरोपों को शर्मनाक करार दिया.
उषा ने अय्यर की सीईओ के रूप में नियुक्ति किए जाने को लेकर 6 जनवरी को आधिकारिक बयान जारी किया था लेकिन कार्यकारी परिषद के 15 में से 12 सदस्यों ने कहा कि उनकी नियुक्त को शीर्ष परिषद ने मंजूरी नहीं दी थी.
कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, 'हमारी कार्यकारी परिषद की पिछली बैठक के लिए जो एजेंडा जारी किया गया था उसमें आपने सीईओ की नियुक्ति को सूचीबद्ध नहीं किया था. इस मामले को एकतरफा तरीके से एजेंडे में शामिल करके आपने हम पर जल्दबाज़ी में निर्णय लेने के लिए दबाव डालने की कोशिश की'.
इस पत्र में कार्यकारी परिषद के जिन सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं हैं उनमें स्वयं उषा, ओलंपिक पदक विजेता मैरीकॉम और टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल शामिल हैं.
उषा ने पत्र के जवाब में कहा है कि कार्यकारी परिषद की बैठक में सीईओ की नियुक्ति पर विस्तार से चर्चा हुई और अधिकतर सदस्यों ने अय्यर की नियुक्ति को मंजूरी दी थी.
उन्होंने कहा, 'यह शर्मनाक है कि जिस दिन सीईओ ने औपचारिक तौर पर अपना पद संभाला, कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्यों ने इस फैसले को लेकर आपत्ति जताई'.
उषा ने कहा, 'बहुमत से यह फैसला किए जाने के बाद ही अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को इस बारे में सूचित किया गया. यह प्रक्रिया पारदर्शिता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ पूरी की गई'.