नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम के मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा की उम्र बेशक सिर्फ 21 साल हो, लेकिन वे भारतीय टीम और अपनी इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लब चेन्नइयन एफसी के दमदार खिलाड़ियों की श्रेणी में आते हैं.
चेन्नइनय के कोच जॉन ग्रेगोरी ने कहा था कि जितने भी नए विदेशी खिलाड़ी आते हैं वो थापा को गेंद से साथ देखने के बाद सबसे पहले थापा के बारे में पूछते हैं. वे इगोर स्टीमाक की भारतीय टीम के मजबूत खिलाड़ी हैं.
थापा ने बीते दो साल में नई ऊंचाइयों को छुआ है. जिन्होंने उनको देखा है कि उनके लिए थापा की सफलता हैरानी बात नहीं है. उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए अपना पहला गोल 2019 एशियाई कप में थाईलैंड के खिलाफ किया था जिसमें भारत को 4-1 से जीत मिली थी.
थापा ने कहा, "एशियाई कप खेलना मेरे लिए अभी तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है. मैंने अभी तक के अपने करियर में उससे बड़े मंच पर नहीं खेला है. मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए यह बड़ी बात है, क्योंकि जब मैंने ये करियर चुना तो उन्होंने मेरा साथ दिया था."
उन्होंने कहा, "जब मैंने थाईलैंड के खिलाफ अपना पहला खेल खेला तो मैं सोच रहा था कि मैं सपना देख रहा हूं. दर्शक, वो माहौल सब शानदार था."
थापा ने साथ ही कहा है कि नए कोच स्टीमाक के अंडर में टीम काफी बदलाव हुए हैं.
थापा ने कहा, "पूर्व कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन के अंडर में हम डायरेक्ट खेल खेला करते थे. इसलिए हमें सेंकड बॉल लेनी पड़ती थी और मैच शुरू करना होता था. लेकिन अब हमें शुरुआत से मैच बनाना होता है, हमें मौके बनाना होते हैं. हर किसी को कड़ी मेहनत करनी होती है. ऐसा नहीं है कि कुछ लोग मेहनत कर रहे हों और कुछ सिर्फ सेकेंड बॉल का इंतजार कर रहे हों."
ये भी पढ़े- ISL - 6 : एटीके और जमशेदपुर की कोशिश अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखने की
उन्होंने कहा, "ये शानदार है, हमने काफी सुधार किया है. हम देख सकते हैं कि हमने कितना सुधार किया है. हर किसी में आत्मविश्वास है. आप ये कह सकते हैं कि पहले टीम में ज्यादा फिजिकल खिलाड़ी थे लेकिन अब ऐसे खिलाड़ी ज्यादा हैं जो गेंद को अच्छी तरह पास देते हैं."
थापा ने कहा है कि वे राष्ट्रीय टीम में जो काम करते हैं वही काम चेन्नइयन एफसी के लिए करते हैं.
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय टीम में मेरा रोल और चेन्नइयन एफसी में मेरा रोल लगभग समान ही है-नंबर आठ पर खेलना. गेंद को मूव करना गोल के लिए मौके बनाना."