नई दिल्ली : महान फुटबॉल खिलाड़ी अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में निधन हो गया. अपने साथी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पेले ने ट्वीट किया, "कितनी दुखद खबर है. आज मैंने अपना एक महान दोसत और दुनिया ने एक लेजेंड खो दिया. अभी काफी कुछ कहा जाना है लेकिन मैं यहां कहूंगा कि ईश्वर उनके परिजनों को ये दुख सहने की शक्ति दें. एक दिन उम्मीद है कि मैं और माराडोना आसमान में साथ फुटबॉल खेलेंगे.""
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Que notícia triste. Eu perdi um grande amigo e o mundo perdeu uma lenda. Ainda há muito a ser dito, mas por agora, que Deus dê força para os familiares. Um dia, eu espero que possamos jogar bola juntos no céu. pic.twitter.com/6Li76HTikA
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— Pelé (@Pele) November 25, 2020
दुनिया के महान फुटबाल खिलाड़ियों में शुमार माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेटीना ने विश्व कप जीता था. इस विश्व कप में माराडोना ने कई अहम पल दिए थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है जिसमें से सबसे बड़ा और मशहूर पल इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आया था जब उनके द्वारा किए गए गोल को 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था. उन्होंने 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड की मिडफील्ड को छकाते हुए गोल किया था.
ब्यूनस आयर्स के बाहरी इलाके में 30 अक्टूबर 1960 में पैदा हुए माराडोना ने 1976 में अपने शहर के क्लब अर्जेटीनोस जूनियर्स के लिए सीनियर फुटबॉल में पदार्पण किया था. इसके बाद वह यूरोप चले गए जहां उन्होंने स्पेन के दिग्गज क्लब बार्सिलोना के साथ पेशेवर फुटबॉल खेली. 1984 में कोपा डेल रे के फाइनल में विवाद के कारण स्पेनिश क्लब के साथ उनका सफर खत्म हुआ.
इसके बाद वह इटली के क्लब नापोली गए जो उनके करियर के सबसे शानदार समय में गिना जाता है. क्लब के साथ उन्होंने दो सेरी-ए, कोपा इटालिया और एक यूईएफए कप के खिताब जीते. वह क्लब से उसके सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर विदा हुए. उनके रिकॉर्ड को 2017 में मारेक हानिसिक ने तोड़ा.
फुटबॉल के महान जादूगर डिएगो माराडोना का कुछ ऐसा रहा जिंदगी का सफर
इसके बाद उन्होंने स्पेनिश क्लब सेविला और फिर अर्जेटीना के नेवेल के साथ करार किया. कोच के तौर पर वो अपनी राष्ट्रीय टीम के साथ 2008 से 2010 तक रहे.