लंदन: पूर्व कोच स्वेन गोरेन एरिकसन ने एक बार फिर से उस समय को याद किया है, जब उन्होंने इटालियन क्लब लाजियो को छोड़कर इंग्लैंड की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कोचिंग पद का कार्यभार संभाल लिया था.
एरिकसन चार साल तक लाजियो के कोच रहे थे. उनके मार्गदर्शन में लाजियो की टीम ने 1999-2000 सीजन में सेरी-ए लीग का खिताब और दो बार कोपा इटालिया ट्रॉफी तथा यूईएफएए सुपर का खिताब जीता था.
एरिकसन ने एक रेडियो कहा, "मैं अभी भी लाजियो का फैन बना हुआ हूं. वह सबसे मजबूत टीम थी, जिसे मैंने प्रशिक्षित किया."
उन्होंने कहा, "यह उस समय शायद दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक थी. हमने साढ़े तीन साल में बहुत जीत हासिल की थीं और हम उससे भी अधिक जीत सकते थे."
एरिकसन 2001 में इंग्लैंड फुटबॉल टीम के कोच बने थे. उनके मार्गदर्शन में इंग्लैंड की टीम 2002 विश्व कप, 2004 यूरो और 2006 विश्व कप के के क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी.
अपने सुनहरे दौर में रहने के बावजूद इंग्लैंड की टीम उस समय कोई खिताब नहीं जीत पाई थी और फिर बाद में एरिकसन की काफी आलोचना होने लगी थी.
एरिकसन ने कहा, " कुछ समय मैंने खुद से सोचा कि इससे अच्छा होता कि मैं इटली में लाजियो के साथ ही रहता, लेकिन जब एक बार इंग्लैंड की ओर से प्रस्ताव आया तो जीवन में ऐसा एक बार होता है."
पूर्व कोच ने कहा, " मैंने सोचा था कि मुझे नहीं कहना चाहिए था, लेकिन अगर मैं इस प्रस्ताव को ठुकरा देता तो मुझे जीवनभर इसका अफसोस होता. हो सकता है कि मैंने गलती की और हो सकता है कि नहीं भी. कौन जानता है. लेकिन अब हम इसे बदल नहीं सकते."