नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल के लिए बीता साल खास उल्लेखनीय नहीं रहा, जिसमें कुछ जीत मिली तो कुछ हार. इस साल कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय गोलों के मामले में फुटबॉल के जादूगर पेले को पीछे छोड़ दिया तो महिला टीम के प्रदर्शन की भी चर्चा हुई.
भारतीय फुटबॉल को साल 2021 में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली. पचास और साठ के दशक का अपना खोया गौरव लौटाने की कोशिश में जुटी टीम उस पल का इंतजार ही करती रही, जो देश में इस खेल की दशा और दिशा बदल सके.
फीफा विश्व कप 2022 क्वॉलीफायर में भारत ने आठ मैचों में चार ड्रॉ खेले, तीन हारे और बस एक जीतकर कुल सात अंक बनाए. भारतीय टीम ने छह गोल किए और सात गंवाए और एक बार फिर दूसरे दौर की बाधा पार नहीं कर सकी.
यह भी पढ़ें: कभी PAK को भी मिली थी शर्मनाक हार, 18-0 से भारत की महिला टीम ने रौंदा था
भारत क्वॉलीफायर के ग्रुप ई में कतर और ओमान के बाद तीसरे स्थान पर रहा. अभी भी उसके पास साल 2023 एएफसी एशियन कप के जरिए उसके पास क्वॉलीफिकेशन का मौका है. इस साल सुनील छेत्री ने नेपाल के खिलाफ सैफ चैम्पियनशिप में पहला गोल करते हुए पेले को पीछे छोड़ा. अब उनके अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में 80 गोल हो गए हैं और उन्होंने लियोनेल मेस्सी की बराबरी कर ली.
भारत ने बांग्लादेश से ड्रॉ खेला और श्रीलंका से गोलरहित बराबरी की, जिसकी काफी आलोचना हुई. भारतीय टीम हालांकि समय रहते चेती और वापसी करके टूर्नामेंट जीता. इससे मुख्य कोच इगोर स्टिमक के कार्यकाल में भी एक साल का विस्तार हो गया.
यह भी पढ़ें: विश्व कप क्वॉलीफायर में जापान ने आस्ट्रेलिया को हराया
महिला फुटबॉल टीम ने दक्षिण अमेरिका का दौरा करके ब्राजील जैसी दिग्गज टीम के खिलाफ मैच खेला. अगले साल अपनी मेजबानी में एएफसी एशियन कप और अंडर-17 फीफा विश्व कप की तैयारी में जुटी भारतीय महिला टीम ने 14 में से 11 मैच गंवाए. एएफसी महिला एशियन कप में भारत को ईरान, चीनी ताइपे और चीन के साथ रखा गया है. इस साल इंडियन सुपर लीग की टीम एफसी गोवा ने एएफसी चैम्पियंस लीग खेलकर इतिहास रचा. यह कमाल करने वाला वह पहला भारतीय क्लब है.