नई दिल्ली: भारत के पूर्व स्ट्राइकर अभिषेक यादव को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) का पहला उप महासचिव नियुक्त किया गया है.
ऐसे उदाहरण हालांकि कम ही मिलते है जब भारतीय टीम के किसी पूर्व खिलाड़ी को खेल के राष्ट्रीय महासंघ में एक उच्च पद पर नियुक्त किया जाए.
इस 40 साल के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने बाईचुंग भूटिया, सुनील छेत्री, महेश गवली और क्लाइमेक्स लॉरेंस जैसे दिग्गजों के साथ राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है. वह 2018 से राष्ट्रीय टीम के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "अभिषेक ने अब तक सराहनीय काम किया है और मैंने व्यक्तिगत तौर पर एक प्रशासक के रूप में उसे आगे बढ़ते हुए देखा है."
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अपने समकालीन खिलाड़ियों के बीच अभिषेक काफी सम्मानित है जो राष्ट्रीय टीम के कप्तान भी रह चुके हैं. वह कुछ समय से विभिन्न क्षमताओं में एआईएफएफ के साथ जुड़े हुए रहे और अपनी नई भूमिका में महासचिव कुशाल दास के साथ मिलकर काम करेगें.
अभिषेक ने कहा, "एआईएफएफ के महासचिव कुशाल दास ने एआईएफएफ की कार्य-प्रणाली और तौर-तरीके को समझने में मेरा मार्गदर्शन किया. उनकी मदद के लिए मैच शुक्रिया अदा करना चाहूंगा क्योंकि खेलना और और प्रशासनिक जिम्मेदारी निभाना बिल्कुल अलग-अलग चीज है."
उन्होंने कहा, "मैं अध्यक्ष (पटेल) का भी शुक्रिया करना चाहूंगा जिन्होंने भारतीय फुटबॉल की बेहतरी के लिए इस खेल से जुड़े विकास की पहल में मेरा समर्थन किया."
दास ने अभिषेक की नियुक्ति के लिए एआईएफएफ का शुक्रिया करते हुए उम्मीद जतायी कि वह अपनी नई भूमिका में सफल होंगे.
उन्होंने से कहा, "एआईएफएफ के स्काउटिंग कार्यक्रम और राष्ट्रीय टीमों के साथ रहते हुए अभिषेक ने बहुत प्रभावित किया. हमें लगता है कि वह इस तरह की भूमिका के लिए अच्छे से तैयार है."
अभिषेक ने खिलाड़ी के तौर पर 2002 में भारत को एलजी कप का विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने फाइनल में वियतनाम के खिलाफ मैच में गोल किया था. तब भारतीय टीम ने विदेशी धरती पर 28 साल के लंबे इंतजार के बाद अपनी पहली बड़ी ट्रॉफी जीती थी.