बेंगलुरू: इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की मौजूदा चैंपियन बेंगलुरू एफसी ने लीग के छठे सीजन में पिछले तीन मैचों में अब तक एक ही गोल किया है. बेंगलुरू ने इस सीजन में अब तक तीन मैच खेले हैं और तीनों में उसे ड्रॉ से संतोष करना पड़ा है. इससे पहले टीम ने पिछले दोनों सीजन में केवल पांच मैच ही ड्रॉ खेले थे. बेंगलुरू ने इस सीजन पहले तीन मैचों में अब तक केवल एक ही गोल किया है.
टीम के कोच कार्लोस कुआड्राट ने कहा,"टीम ड्रॉ खेल रही है, क्योंकि हम बहुत ही अच्छे प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेल रहे है. हम गोल करने की कोशिश करते हैं. हमें दबाव महसूस करने की जरूरत नहीं है, हमें अपना काम करना है और जीत आ जाएगी."
बेंगलुरू ने अब तक 25 शॉट लगाए हैं (ऑन और ऑफ टारगेट) और कुआड्राट की टीम उन 25 शॉट में से केवल एक बार ही गोल करने करने में कामयाब हो पाई है. टीम के लिए ये बेहद ही खराब आकंड़ा है.
लीग के पिछले दो सीजन में बेंगलुरू से ज्यादा केवल एफसी गोवा ने ही गोल किए थे. बेंगलुरू के इस प्रदर्शन पर अब ये सवाल उठने लगे हैं कि टीम के आक्रमण में निरंतरता का अभाव क्यों हैं.
राफेल अगस्तो और आशिक कुरियन के आने से बेंगलुरू का आक्रमण मजबूत हुआ है. लेकिन वेनेजुएला के स्ट्राइकर मीकू को रिप्लेस करना मुश्किल है. मीकू और सुनील छेत्री की जोड़ी ने 2017-18 के दौरान अच्छा संयोजन बनाया था और टीम के लिए काफी गोल किए थे.
पिछले सीजन में भी कहानी कुछ ऐसी ही थी. मीकू ने कुछ अहम गोल किए थे. इसमें छेत्री का भी अहम योगदान रहा था, जिसकी बदौलत बेंगलुरू चैंपियन बनी थी. मीकू ने बेंगलुरू के लिए 32 मैचों में 20 गोल किए और चार असिस्ट किया है.
लीग में केवल दो सीजन ही खेलने के बावजूद वो लीग के इतिहास में सर्वाधिक गोल करने वाले छठे खिलाड़ी हैं. वो 2018-19 सीजन में ज्यादातर समय चोटिल भी रहे थे.
कुआड्रॉट ने कहा,"किसी भी टीम को मीकू की कमी खलेगी, क्योंकि वो काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं. लेकिन मुझे लगता है कि टीम बिना मीकू के भी मौके बनाने में सक्षम है. हम काफी अन्य तरीकों से भी काम कर रहे हैं. हम मीकू के साथ और उनकी गैर मौजूदगी में भी मौके बनाने की परिस्थितियां बना सकते हैं."