रियो डि जिनेरियो: शहर के मशहूर पिराक क्लब में स्वीमिंग पूल के पास बने बार में फुटबॉलप्रेमी एक बार फिर शानदार मुकाबला देखने के लिए जुटने की पूरी तैयारी में हैं, लेकिन ये मुकाबला ब्राजील और पेरू के बीच कोपा अमेरिका सेमीफाइनल नहीं बल्कि इटली और स्पेन के बीच यूरो सेमीफाइनल है.
कोपा अमेरिका के मुकाबले उनके अपने शहर में हो रहे हैं लेकिन उनकी दिलचस्पी यूरो फुटबॉल में अधिक है.
कोरोना महामारी के बीच ब्राजील में कोपा अमेरिका के आयोजन के खिलाफ रहे स्थानीय प्रशंसकों का मूड टीम का शानदार प्रदर्शन भी नहीं बदल सका है. ब्राजील ने पेरू को एक गोल से हराकर फाइनल में जगह बना ली.
दर्शकों के उदासीन रवैये का कारण अधिकांश एकतरफा मैच भी है. इसके अलावा सबसे लोकप्रिय चैनल पर मैचों का प्रसारण भी नहीं हो रहा है. टीवी ग्लोबो यूरो फुटबॉल के मैच दिखा रहा है.
यूरो मैच देखने के लिए जमा हुए थॉमस कास्त्रो ने कहा, "कोपा अमेरिका में कभी मजा नहीं आता और इस बार तो बिल्कुल नहीं."
उन्होंने कहा, "मेरी मां को तो पता ही नहीं था कि कोपा चल रहा है. मैने उन्हें बताया. मैं ब्राजील के मैच घर पर देखता हूं. लेकिन यूरोप जैसा माहौल यहां नहीं है."
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रियो में पता ही नहीं चल रहा कि यहां इतना बड़ा टूर्नामेंट हो रहा है. कोई बैनर, विज्ञापन या उत्साह नहीं है. स्टेडियम की तरफ जाने वाला रास्ता भी गुलजार नहीं है, जैसा कोपा मैचों के दौरान होना चाहिए. खाने पीने की कुछ रेहड़ियां टूर्नामेंट कवर कर रहे पत्रकारों के आकर्षण का केंद्र भर है.
स्टेडियम के बाहर हैमबर्गर बेच रहे सेल्सो डेविड ने कहा, "दो साल पहले जब कोपा अमेरिका ब्राजील में हुआ था, तब की बात ही अलग थी. बिक्री भी खूब होती थी. दूसरे देशों से लोग आए थे और स्थानीय लोगों का भी जमावड़ा लगता था."
पहले ये टूर्नामेंट कोलंबिया और अर्जेंटीना में होना था लेकिन उनके इनकार के बाद ऐन मौके पर ब्राजील को मेजबानी सौंपी गई. कोरोना महामारी के कारण स्टेडियमों में दर्शकों का प्रवेश निषेध है.