रियो डी जनेरियो : ब्राजील ने जहां अर्जेटीना को 2-0 से हराकर फाइनल में कदम रखा है तो वहीं पेरू ने मौजूदा चैंपियन चिली को 3-0 से चौंकाकर खिताबी मुकाबले में अपनी जगह पक्की की है.
मेजबान ब्राजील टूर्नामेंट में काफी मजबूत नजर आ रही है और उसने अब तक एक भी गोल नहीं खाया है. इसके अलावा ब्राजील ने ग्रुप चरण में पेरू को 5-0 से करारी मात दी थी. ऐसे में मेजबान टीम का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है.
आठ बार की चैंपियन ब्राजील की नजरें अब अपने नौंवें खिताब पर लगी हुई है. मिडफील्डर सासीमिरो का कहना है कि टीम की कोशिश टूर्नामेंट में एक भी गोल नहीं खाने पर है.
उन्होंने कहा,"एक भी गोल खाए बिना टूर्नामेंट का समापन करना हमारा प्रमुख लक्ष्य है. ये एक शानदार फाइनल होगा और दोनों टीमों के बीच कड़ा मुकाबला होगा. हम पहले ही इसे जीतने के बारे में नहीं सोच सकते. इसके लिए हमें बेहतर खेलना होगा."
सासीमिरो ने कहा कि पेरू की टीम उरुग्वे और चिली को हराकर फाइनल में पहुंची हैं, इसलिए उनका सम्मान करना चाहिए. पेरु की टीम 103 वर्षो के टूर्नामेंट के इतिहास में दूसरी बार कोपा अमेरिका के फाइनल में पहुंची है. टीम ने इससे पहले 1975 में कोलंबिया को हराया था.
दूसरी तरफ, ब्राजील की टीम आठ बार चैंपियन और 11 बार उपविजेता रह चुकी है. वर्ष 1997 से 2007 के बीच टीम ने पांच में से चार बार इस खिताब पर कब्जा जमाया है. मेजबान टीम किसी भी सूरत में पेरू को हल्के में नहीं ले रही है. उसके फारवर्ड एवर्टन ने कहा है कि उनकी टीम पूरी तरह तैयार है और उसके पैर जमीन पर हैं.
यह भी पढ़ें- INDvsSL: आईसीसी द्वारा बैन झेल रहा ये लेजेंड खिलाड़ी मैच देखने पहुंचा
इस मुकाबले को लेकर ब्राजील को जीत का दावेदार माना जा रहा है लेकिन एवर्टन ने ऐसा मानने से इंकार कर दिया. एवर्टन ने कहा कि ये सच है कि ग्रुप स्तर पर ब्राजील ने पेरू को 5-0 से हराया था लेकिन इस कारण वो पेरू को हल्के में नहीं ले रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एवर्टन ने कहा,"आत्मविश्वास होना जरूरी है क्योंकि इसी के दम पर आप किसी विपक्षी टीम का सामना करते हैं लेकिन अतिआत्मविश्वास नुकसानदायक होता है. हमारे लिए पेरू एक मजबूत टीम है. हम ये नहीं सोच रहे कि हमने उसे पिछले मैच में हराया है.