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मानसिक परेशानियों को कबूल करना भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ी बात : गौरामांगी - AIFF

पूर्व भारतीय फुटबॉलर गौरामांगी सिंह ने कहा कि अब हमारे पास पेशेवर लोग हैं जो मानसिक परेशानियों पर बात करने को तैयार हैं.

गौरामांगी सिंह
गौरामांगी सिंह
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Published : Oct 10, 2020, 9:12 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 9:30 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान गौरामांगी सिंह ने कहा कि बीते कुछ वर्षो में भारतीय फुटबॉल आगे बढ़ी है और इसमें मानसिक स्वास्थ काफी अहम बन गया है.

34 साल के गौरामांगी ने फुटबॉल से संन्यास ले लिया है और वो इस समय एफसी बेंगलुरू युनाइटेड के सहायक कोच हैं जो कोविड-19 के बाद पहला फुटबॉल टूर्नामेंट, आई-लीग क्वालीफायर खेल रही है.

विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के मौके पर एआईएफएफ डॉट कॉम से बात करते हुए गौरामांगी ने कहा है कि खिलाड़ी और कोच अब उन मानसिक मुद्दों पर बात करने लगे हैं जिनका वो सामना करते हैं और ये भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ा सुधार है.

गौरामांगी ने कहा, "ये काफी अच्छी बात है कि खिलाड़ी और कोच अब उन मानसिक परेशानियों पर बात करने को तैयार हैं जिनका वो सामना करते हैं. अब हमारे पास पेशेवर लोग हैं जो इन चीजों में मदद कर सकते हैं. और वो खिलाड़ियों की फुटबॉल करियर में मदद करने में कारगर साबित हो सकते हैं."

पूर्व भारतीय फुटबॉलर गौरामांगी सिंह
पूर्व भारतीय फुटबॉलर गौरामांगी सिंह

उन्होंने कहा, "इससे पहले लोग इस तरह की बातों के लिए तैयार नहीं थे. अगर आप किसी तरह की परेशानी से जूझ रहे हो या आप किसी स्थिति को लेकर असहज हो तो उससे आपको खुद ही निबटना होता था. लेकिन अब लोगों को पता चला है कि अगर आपको परेशानी है तो उसे कबूल करने में किसी तरह की शर्म नहीं है. ये बड़ी बात है."

नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान गौरामांगी सिंह ने कहा कि बीते कुछ वर्षो में भारतीय फुटबॉल आगे बढ़ी है और इसमें मानसिक स्वास्थ काफी अहम बन गया है.

34 साल के गौरामांगी ने फुटबॉल से संन्यास ले लिया है और वो इस समय एफसी बेंगलुरू युनाइटेड के सहायक कोच हैं जो कोविड-19 के बाद पहला फुटबॉल टूर्नामेंट, आई-लीग क्वालीफायर खेल रही है.

विश्व मानसिक स्वास्थ दिवस के मौके पर एआईएफएफ डॉट कॉम से बात करते हुए गौरामांगी ने कहा है कि खिलाड़ी और कोच अब उन मानसिक मुद्दों पर बात करने लगे हैं जिनका वो सामना करते हैं और ये भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ा सुधार है.

गौरामांगी ने कहा, "ये काफी अच्छी बात है कि खिलाड़ी और कोच अब उन मानसिक परेशानियों पर बात करने को तैयार हैं जिनका वो सामना करते हैं. अब हमारे पास पेशेवर लोग हैं जो इन चीजों में मदद कर सकते हैं. और वो खिलाड़ियों की फुटबॉल करियर में मदद करने में कारगर साबित हो सकते हैं."

पूर्व भारतीय फुटबॉलर गौरामांगी सिंह
पूर्व भारतीय फुटबॉलर गौरामांगी सिंह

उन्होंने कहा, "इससे पहले लोग इस तरह की बातों के लिए तैयार नहीं थे. अगर आप किसी तरह की परेशानी से जूझ रहे हो या आप किसी स्थिति को लेकर असहज हो तो उससे आपको खुद ही निबटना होता था. लेकिन अब लोगों को पता चला है कि अगर आपको परेशानी है तो उसे कबूल करने में किसी तरह की शर्म नहीं है. ये बड़ी बात है."

Last Updated : Oct 10, 2020, 9:30 PM IST
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