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भारत 2019 क्रिकेट विश्व कप क्यों हारा, युवराज सिंह ने बताई वजह

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने साल 2019 क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम के हारने की वजह बताई है. उनका कहना है, टीम इंडिया के पास उचित रणनीति की कमी थी. मैनचेस्टर में खेले गए विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हराया था.

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Yuvraj singh Statement
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Published : May 4, 2022, 6:59 PM IST

मुंबई: भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह को लगता है कि टीम इंग्लैंड में साल 2019 क्रिकेट विश्व कप के लिए अच्छी योजना बनाने में विफल रही थी. चौथे नंबर के लिए विजय शंकर और ऋषभ पंत के बीच अदला-बदली का हवाला देते हुए युवराज ने कहा कि अगर उसके पास बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान पर एक अनुभवी बल्लेबाज होता, तो भारत टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर सकता था.

टूर्नामेंट में मध्य क्रम में भारत की बल्लेबाजी लाइनअप में कमी थी, विशेष रूप से नंबर चार स्लॉट पर समस्याएं पैदा हो रही थी, जिसमें अनुभवी बल्लेबाज अंबाती रायडू को 15 सदस्यीय टीम से बाहर कर दिया गया था. टूर्नामेंट में केएल राहुल ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करना शुरू किया था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे.

यह भी पढ़ें: IPL Points Table: टेबल टॉपर गुजरात को हराकर पंजाब ने जिंदा रखी प्लेऑफ की उम्मीद

राहुल के सलामी बल्लेबाज के रूप में लाने के बाद शंकर को प्लेइंग इलेवन में नंबर चार पर मौका दिया गया, लेकिन वह भी चोट लगने के कारण विश्व कप से बाहर हो गए थे. पंत टूर्नामेंट में धवन की जगह पहुंचे थे, उन्होंने टूर्नामेंट के अंत तक नंबर चार पर बल्लेबाजी की थी, जब तक की सेमीफाइनल में भारत न्यूजीलैंड से हार कर बाहर नहीं हो गया.

युवराज ने संजय मांजरेकर को दिए एक साक्षात्कार में कहा, जब हमने विश्व कप (2011) जीता, तो हम सभी के पास बल्लेबाजी करने के लिए एक स्थान दिए गए थे. मुझे 2019 विश्व कप में महसूस हुआ कि उन्होंने इसकी अच्छी योजना नहीं बनाई थी. उन्होंने विजय शंकर को सिर्फ 5-7 वनडे मैचों के साथ 4 नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया था, फिर उन्होंने उन्हें ऋषभ पंत के साथ बदल दिया. जबकि हमने 2003 विश्व कप जब खेला था, मोहम्मद कैफ, दिनेश मोंगिया और मैंने पहले ही 50 वनडे मैच खेले थे.

यह भी पढ़ें: ऋद्धिमान साहा को धमकाने के आरोप में BCCI ने बोरिया मजूमदार पर 2 साल का बैन लगाया

2011 विश्व कप में 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का पुरस्कार जीतने वाले युवराज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के मध्य क्रम की समस्या टी-20 प्रारूप में भी मौजूद है, जो पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में टी-20 विश्व कप में देखने को मिली थी. वहीं, आईपीएल में यही मध्यक्रम के बल्लेबाल फ्रेंचाइजी के लिए अच्छी बल्लेबाजी करते हैं, जबकि टी-20 विश्व कप में उनके प्रदर्शन में कमी देखने को मिली थी.

युवराज ने क्रिकेट के भविष्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान समय में टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता ने खिलाड़ियों को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. युवराज ने यह भी कहा कि 50 ओवर का क्रिकेट लोकप्रियता के लिए संघर्ष करेगा, क्योंकि टी-20 क्रिकेट खेल का प्रमुख प्रारूप है.

मुंबई: भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह को लगता है कि टीम इंग्लैंड में साल 2019 क्रिकेट विश्व कप के लिए अच्छी योजना बनाने में विफल रही थी. चौथे नंबर के लिए विजय शंकर और ऋषभ पंत के बीच अदला-बदली का हवाला देते हुए युवराज ने कहा कि अगर उसके पास बल्लेबाजी क्रम में चौथे स्थान पर एक अनुभवी बल्लेबाज होता, तो भारत टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर सकता था.

टूर्नामेंट में मध्य क्रम में भारत की बल्लेबाजी लाइनअप में कमी थी, विशेष रूप से नंबर चार स्लॉट पर समस्याएं पैदा हो रही थी, जिसमें अनुभवी बल्लेबाज अंबाती रायडू को 15 सदस्यीय टीम से बाहर कर दिया गया था. टूर्नामेंट में केएल राहुल ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करना शुरू किया था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे.

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राहुल के सलामी बल्लेबाज के रूप में लाने के बाद शंकर को प्लेइंग इलेवन में नंबर चार पर मौका दिया गया, लेकिन वह भी चोट लगने के कारण विश्व कप से बाहर हो गए थे. पंत टूर्नामेंट में धवन की जगह पहुंचे थे, उन्होंने टूर्नामेंट के अंत तक नंबर चार पर बल्लेबाजी की थी, जब तक की सेमीफाइनल में भारत न्यूजीलैंड से हार कर बाहर नहीं हो गया.

युवराज ने संजय मांजरेकर को दिए एक साक्षात्कार में कहा, जब हमने विश्व कप (2011) जीता, तो हम सभी के पास बल्लेबाजी करने के लिए एक स्थान दिए गए थे. मुझे 2019 विश्व कप में महसूस हुआ कि उन्होंने इसकी अच्छी योजना नहीं बनाई थी. उन्होंने विजय शंकर को सिर्फ 5-7 वनडे मैचों के साथ 4 नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया था, फिर उन्होंने उन्हें ऋषभ पंत के साथ बदल दिया. जबकि हमने 2003 विश्व कप जब खेला था, मोहम्मद कैफ, दिनेश मोंगिया और मैंने पहले ही 50 वनडे मैच खेले थे.

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2011 विश्व कप में 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का पुरस्कार जीतने वाले युवराज ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के मध्य क्रम की समस्या टी-20 प्रारूप में भी मौजूद है, जो पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में टी-20 विश्व कप में देखने को मिली थी. वहीं, आईपीएल में यही मध्यक्रम के बल्लेबाल फ्रेंचाइजी के लिए अच्छी बल्लेबाजी करते हैं, जबकि टी-20 विश्व कप में उनके प्रदर्शन में कमी देखने को मिली थी.

युवराज ने क्रिकेट के भविष्य पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान समय में टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता ने खिलाड़ियों को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. युवराज ने यह भी कहा कि 50 ओवर का क्रिकेट लोकप्रियता के लिए संघर्ष करेगा, क्योंकि टी-20 क्रिकेट खेल का प्रमुख प्रारूप है.

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