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मैदान के भीतर और बाहर कई मसलों से जूझ रहे कोहली की परेशानियां बढ़ाई पीठ की तकलीफ ने

कोहली ने अपने अभ्यास सत्र की कुछ तस्वीरें भी डाली थी यानी कल तक वह ठीक थे और टेस्ट के दिन सुबह ही उन्हें तकलीफ शुरू हुई.

Virat Kohli's troubles, which are struggling with a number of issues inside and outside the field, have been plagued by back trouble
Virat Kohli's troubles, which are struggling with a number of issues inside and outside the field, have been plagued by back trouble
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Published : Jan 4, 2022, 2:15 PM IST

जोहानिसबर्ग: पीठ के ऊपरी हिस्से में तकलीफ के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट से बाहर हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली की स्लिप डिस्क की समस्या फिर उभर गई लगती है जिसकी वजह से वह 2018 में इंग्लिश काउंटी क्रिकेट नहीं खेल सके थे.

कोहली अगर खेलते तो यह उनका 99वां टेस्ट होता लेकिन उनकी फिटनेस समस्या ने उनसे जुड़े मसलों को और बढा दिया है.

उन्होंने रविवार को दोपहर को नेट पर अच्छा खासा अभ्यास किया और कोच राहुल द्रविड़ ने भी कोई संकेत नहीं दिया कि उनकी साढे तीन साल पुरानी तकलीफ फिर ताजा हो गई है.

कोहली ने अपने अभ्यास सत्र की कुछ तस्वीरें भी डाली थी यानी कल तक वह ठीक थे और टेस्ट के दिन सुबह ही उन्हें तकलीफ शुरू हुई. वहीं उनकी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने केएल राहुल की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, "अब नजरें वांडरर्स पर जहां टीम इंडिया के पास श्रृंखला जीतने का मौका."

ये ट्वीट दोपहर 12 बजे किया गया यानी टॉस के समय राहुल द्वारा कोहली की चोट की जानकारी दिये जाने से एक घंटा पहले. राहुल आरसीबी टीम का हिस्सा भी नहीं है. आरसीबी ने हालांकि राहुल का जिक्र भारतीय कप्तान के रूप में नहीं किया.

ये भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया के पूर्व युवा खिलाड़ी जेमी मिशेल ने 1985 श्रीलंका दौरे पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया

कोहली को 2018 में स्लिप डिस्क की समस्या आई थी और डॉक्टरों ने उन्हें सर्रे के लिये काउंटी क्रिकेट नहीं खेलने की सलाह दी थी . वह तीन से चार महीने क्रिकेट से दूर रहे थे.

फिटनेस को लेकर काफी समर्पित कोहली को पीठ की तकलीफ का जोखिम हमेशा रहता है और 30 वर्ष के पार होने के बाद यह बढ़ जाता है .वह अगर केपटाउन में होने वाले तीसरे टेस्ट तक ठीक हो जाते हैं तो इसके मायने हैं कि चोट गंभीर नहीं है.

भारत श्रृंखला में 1-0 से आगे है और खोया फॉर्म हासिल करने के लिए कोहली खेलना चाहते थे. एक तरफ तो उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे और दूसरी तरफ बीसीसीआई से उनकी ठनी हुई है. हालात ऐसे हो गए हैं कि हमेशा विवादों से दूर रहने वाले द्रविड़ को कहना पड़ा कि कोहली अपने आसपास तमाम शोर के बावजूद असाधारण रहे हैं.

इसके मायने हैं कि भारतीय टेस्ट कप्तान दबाव में हैं और इस दबाव से निकलने के लिये श्रृंखला जीतना और कम से कम एक शतक लगाना जरूरी है.

द्रविड़ ने कहा था कि कोहली अपने सौवें टेस्ट से पहले मीडिया से मुखातिब होंगे. अगला टेस्ट उनका 99वां टेस्ट होगा और यह तय नहीं है कि वह प्रेस कांफ्रेंस में आयेंगे. वैसे कोहली के मामले में शर्तिया कोई कयास लगाया नहीं जा सकता. आने वाले समय में कई और चौकाने वाली चीजें देखने को मिल सकती हैं.

जोहानिसबर्ग: पीठ के ऊपरी हिस्से में तकलीफ के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट से बाहर हुए भारतीय कप्तान विराट कोहली की स्लिप डिस्क की समस्या फिर उभर गई लगती है जिसकी वजह से वह 2018 में इंग्लिश काउंटी क्रिकेट नहीं खेल सके थे.

कोहली अगर खेलते तो यह उनका 99वां टेस्ट होता लेकिन उनकी फिटनेस समस्या ने उनसे जुड़े मसलों को और बढा दिया है.

उन्होंने रविवार को दोपहर को नेट पर अच्छा खासा अभ्यास किया और कोच राहुल द्रविड़ ने भी कोई संकेत नहीं दिया कि उनकी साढे तीन साल पुरानी तकलीफ फिर ताजा हो गई है.

कोहली ने अपने अभ्यास सत्र की कुछ तस्वीरें भी डाली थी यानी कल तक वह ठीक थे और टेस्ट के दिन सुबह ही उन्हें तकलीफ शुरू हुई. वहीं उनकी आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने केएल राहुल की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, "अब नजरें वांडरर्स पर जहां टीम इंडिया के पास श्रृंखला जीतने का मौका."

ये ट्वीट दोपहर 12 बजे किया गया यानी टॉस के समय राहुल द्वारा कोहली की चोट की जानकारी दिये जाने से एक घंटा पहले. राहुल आरसीबी टीम का हिस्सा भी नहीं है. आरसीबी ने हालांकि राहुल का जिक्र भारतीय कप्तान के रूप में नहीं किया.

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कोहली को 2018 में स्लिप डिस्क की समस्या आई थी और डॉक्टरों ने उन्हें सर्रे के लिये काउंटी क्रिकेट नहीं खेलने की सलाह दी थी . वह तीन से चार महीने क्रिकेट से दूर रहे थे.

फिटनेस को लेकर काफी समर्पित कोहली को पीठ की तकलीफ का जोखिम हमेशा रहता है और 30 वर्ष के पार होने के बाद यह बढ़ जाता है .वह अगर केपटाउन में होने वाले तीसरे टेस्ट तक ठीक हो जाते हैं तो इसके मायने हैं कि चोट गंभीर नहीं है.

भारत श्रृंखला में 1-0 से आगे है और खोया फॉर्म हासिल करने के लिए कोहली खेलना चाहते थे. एक तरफ तो उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे और दूसरी तरफ बीसीसीआई से उनकी ठनी हुई है. हालात ऐसे हो गए हैं कि हमेशा विवादों से दूर रहने वाले द्रविड़ को कहना पड़ा कि कोहली अपने आसपास तमाम शोर के बावजूद असाधारण रहे हैं.

इसके मायने हैं कि भारतीय टेस्ट कप्तान दबाव में हैं और इस दबाव से निकलने के लिये श्रृंखला जीतना और कम से कम एक शतक लगाना जरूरी है.

द्रविड़ ने कहा था कि कोहली अपने सौवें टेस्ट से पहले मीडिया से मुखातिब होंगे. अगला टेस्ट उनका 99वां टेस्ट होगा और यह तय नहीं है कि वह प्रेस कांफ्रेंस में आयेंगे. वैसे कोहली के मामले में शर्तिया कोई कयास लगाया नहीं जा सकता. आने वाले समय में कई और चौकाने वाली चीजें देखने को मिल सकती हैं.

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