नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) में भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की जगह जल्द ही नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है. 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी के रूप में अब BCCI को नया अध्यक्ष मिलना लगभग तय हो गया है. मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की जगह अब 1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी नए अध्यक्ष बनाए जाएंगे, क्योंकि इन्होंने इस पद के लिए अकेले ही नामांकन किया है. इससे उनके निर्विरोध चुने जाने की पूरी संभावना है.
खबरों के मुताबिक भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बोर्ड में पिछले कई दिनों से काफी असहज महसूस कर रहे थे. उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा था, जिससे वह निराशाजनक तरीके से अपना कार्यकाल समाप्त कर रहे हैं. 18 अक्टूबर 2022 को होने वाले चुनावों के दौरान BCCI के वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज को छोड़कर अधिकांश सदस्य नई व्यवस्था में जगह पाने के लिए तैयार हैं.
ऐसा कहा जा रहा है कि एक सामान्य प्रथा के रूप में, निवर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष आगामी बोर्ड प्रमुख के नाम का प्रस्ताव रखता है, लेकिन निराश गांगुली ने बिन्नी के साथ ऐसा नहीं किया है. पूर्व क्रिकेटर और कप्तान गांगुली मंगलवार को मुख्य रूप से बोर्ड के कार्यालय में थे, जबकि अन्य लोग नामांकन प्रक्रिया में शामिल थे. बीसीसीआई कार्यालय में मौजूद एक सदस्य ने कहा कि इस दौरान गांगुली स्पष्ट रूप से परेशान और निराश दिख रहे थे.
1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी के सौरव गांगुली की जगह बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने की संभावना से जुड़ी खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को ‘अपमानित करने की कोशिश’ कह डाला. वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस खेल में राजनीति कर रही है. यह अच्छी बात नहीं है.
सूत्रों ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 50 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी बीसीसीआई कार्यालय छोड़ने वाले आखिरी व्यक्ति थे. बीसीसीआई कार्यालय के बाहर भी राज्य में गांगुली के तत्काल भविष्य को लेकर चर्चांए हो रही हैं.
ऐसी हैं 10 तरह की चर्चाएं
सौरव गांगुली के BCCI के अध्यक्ष पद का दोबारा मौका न देने के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे थे. साथ साथ तरह तरह की संभावनाएं व्यक्त की जा रहीं थीं. जिनमें कुछ प्रमुख चर्चाएं ऐसी हैं.
1. सौरव गांगुली के BCCI के अध्यक्ष पद का दोबारा न बनाए जाने के पीछे प्रमुख कारण भारतीय क्रिकेट बोर्ड के प्रायोजक हैं, जो गांगुली से खुश नहीं हैं. क्योंकि वह प्रतिद्वंद्वी ब्रांड का प्रचार करते हैं. इस मामले पर सदस्यों के बीच कई बार चर्चाएं हो चुकी थीं. कई बार सौरव को विज्ञापन करने से बचने को कहा जा रहा था.
2. बीसीसीआई सौरव गांगुली के BCCI के अध्यक्ष पद से हटाकर आईपीएल चेयरमैन की पेशकश की थी, लेकिन सौरव गांगुली इसे स्वीकार नहीं कर रहे थे. बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभालने के बाद वह उसकी एक उप समिति के प्रमुख बनने के लिए तैयार नहीं हुए. जानकारों के अनुसार ऐसा उनके डिमोशन के रूप में देखा जा रहा था.
3. सौरव गांगुली के BCCI के अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद ऐसा लग रहा है कि वह आईसीसी चेयरमैन पद के लिए भी उमीदवार नहीं होंगे, जिसका चुनाव अगले महीने होना है.
4. . टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने आरोप लगाया कि सौरव गांगुली को पश्चिम बंगाल का होने की वजह से इस तरह से दरकिनार किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने संभावना जतायी कि सौरव गांगुली ने बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, शायद इसकी वजह से उन्हें हटाया जा रहा है.
5. मैच फिक्सिंग स्कैंडल सहित तमाम तरह के विवादों से घिरी टीम इंडिया और क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को उबारकर नई ऊंचाई तक पहुंचाने वाले सौरव गांगुली की बीसीसीआई अध्य़क्ष पद से विदाई को अच्छा नहीं माना जा रहा है. वह संभवत: एक और कार्यकाल चाहते थे. लेकिन बोर्ड के हालात व गुटबाजी देखकर उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए.
6. इस बीच, गांगुली AGM में बंगाल क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के रूप में हिस्सा लेंगे. यानी BCCI के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के बेटे अभिषेक बोर्ड का हिस्सा नहीं होंगे.
7. साल 2020 में खेले गए 13वें सीजन में दिल्ली कैपिटल्स फ्रैंचाइजी ने सौरव गांगुली को अपना सलाहकार नियुक्त किया था. उस समय नई भूमिका में गांगुली टीम के हेड मुख्य कोच रिकी पोंटिंग के साथ मिलकर काम करते थे. बाद में बीसीसीआई का अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली को यह काम छोड़ दिया था. इसके बाद भी जिंदल ग्रुप और जेएसडब्ल्यू ग्रुप के साथ उनका रिश्ता पुराना है. पार्थ जिंदल के साथ गांगुली के पारिवारिक संबंध भी हैं. ऐसे में अगर सौरव दोबारा दिल्ली कैपिटल्स या किसी दूसरी आईपीएल फ्रैंचाइजी के साथ भी जुड़ सकते हैं और नये रुप में दिख सकते हैं.
8. सौरव गांगुली की ममता बनर्जी से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं. साथ ही जय शाह से भी उनके अच्छे संबंध बने रहे हैं. ऐसे में गांगुली के पास एक्टिव पॉलिटिक्स में जाने का विकल्प हमेशा खुला रहेगा. वह अभी क्या करेंगे इसके लिए कोई संकेत नहीं दिया है.
9. इसी साल जून में उनके एक ट्वीट से बवाल मचा था. बाद में पता लगा था कि गांगुली ने नया एजुकेशन ऐप लॉन्च किया था, जो इंटरनेशनल लेवल का था. ऐसे में वह दादा अपने किसी बिजनेस प्लान पर भी काम कर सकते हैं और उसको आगे बढ़ा सकते हैं.
10. वैसे भी गांगुली पहले एक रेस्टोरेंट चला चुके हैं और उसमें काफी एक्टिव थे. अगर कोई और प्लान न बना तो उस पर फिर से फोकस कर सकते हैं.
कौन हैं भावी अध्यक्ष रोजर बिन्नी (Former India cricketer Roger Binny)
1983 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट टीम के चीफ सेलेक्टर भी रह चुके हैं. रोजर बिन्नी साल 1983 वर्ल्ड कप की विजेता भारतीय टीम के सदस्य रह चुके हैं. रोजर भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले एंग्लो-इंडियन थे. उस वर्ल्ड कप में रोजर बिन्नी ने बतौर गेंदबाज धांसू प्रदर्शन किया था. बिन्नी उस विश्व कप में 18 विकेट्स के साथ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर थे. 1983 के विश्व कप में रोजर बिन्नी ने लगभग सभी मैचों में अच्छी बॉलिंग की थी, लेकिन ऑस्ट्रलियाई टीम के खिलाफ उन्होंने गजब का खेल दिखाया था. बिन्नी ने 8 ओवर में 29 रन देकर 4 विकेट लिए थे. उन्होंने ग्राहम वूड, ग्राहम येलप, कप्तान डेविड हुक्स और अंत में टॉम होगान को आउट किया. साल 2000 में रोजर बिन्नी अंडर-19 भारतीय टीम के कोच थे, उस साल अंडर-19 भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता था. उस टीम में युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ जैसे खिलाडी मौजूद थे. कैफ और युवराज सिंह हमेशा रोजर बिन्नी को अपनी कामयाबी का श्रेय देते हैं.
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शाह सचिव बने रहेंगे, बृजेश पटेल की छिनेगी कुर्सी
गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जय शाह सचिव की भूमिका में ही बने रह सकते हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश के अरुण धूमल को प्रमोट करके कोषाध्यक्ष से आईपीएल का चेयरमैन बनाया जाएगा. इसलिए बृजेश पटेल को आईपीएल के चेयरमैन की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मौजूदा चैयरमैन बृजेश पटेल की जगह अरुण सिंह धूमल इस पोज़ीशन को संभालने के लिए बिल्कुल तैयार दिखाई दे रहे हैं. अरुण सिंह धूमल बीसीसीआई के मौजूदा कोषाध्यक्ष हैं. वहीं, अरुण सिंह धूमल की जगह आशीष शेलार बीसीसीआई के नए कोषाध्यक्ष बनाने की तैयारी है. आशीष शेलार मौजूदा वक़्त में मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष हैं.
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AGM में यूनिट्स के ये प्रतिनिधि चुनेंगे नया अध्यक्ष
एनुअल जरनल मीटिंग (AGM) में 18 अक्टूबर को पदाधिकारियों के चुनाव होने जा रहा है. इस मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए सभी यूनिट्स ने अपने-अपने प्रतिनिधि चुने हैं, ऐसे में ये लोग मिलकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.
आंध्र : पी. शरत चंद्र रेड्डी
अरुणाचल : विवेक नबम
असम : देवजीत सैकिया
बड़ौदा : प्रणव अमीन
बिहार : राकेश कुमार
छत्तीसगढ़ : प्रभतेज सिंह
मिजोरम : एम खैरुल
पुंडुचेरी : पी दामोदरम
उत्तराखंड : महिम वर्मा
दिल्ली : रोहन जेटली
गोवा : सूरज एल लोटिलकर
गुजरात : जय शाह
हरियाणा : अनिरुद्ध चौधरी
हिमाचल : अरुण सिंह धूमल
हैदराबाद : मो. अजहरुद्दीन
जम्मू एंड कश्मीर : अनिल गुप्ता
झारखंड : देबाशीष चक्रवर्ती
कर्नाटक : रोजर माइकल बिन्नी
केरल : जयेश जॉर्ज
महाराष्ट : बीआर अब्दुल रजाक
मणिपुर : राजकुमार ईओ सिंह
मेघालय : जीडेन
मुंबई : आशीष बाबाजी शेलार
नागालैंड : केचेंगुलेई राव
ओडिशा : संजय बहेरा
पंजाब : गुलजिंदर सिंह
राजस्थान : वैभव गहलोत
सौराष्ट : जयदेव निरंजन
सिक्किम : लोबजंग
तमिलनाडू : आएस रामासामी
बंगाल : सौरव गांगुली
त्रिपुरा : तपन लोधी
उत्तर प्रदेश : राजीव शुक्ला
विदर्भ : अद्वैत मनोहर
एमपीसीए : अभिलाष खांडेकर
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