नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के 3 खिलाड़ियों के करियर पर चोट का बड़ा असर दिखायी दे रहा है. जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी कई महत्वूर्ण सीरीज से दूर रहे और आईपीएल खेलने से भी चूक गए. वहीं जून महीने में होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और उसके बाद होने वाले एशिया कप व भारत में होने वाले 50 ओवरों वाले विश्वकप में भी नहीं खेलने की संभावना बढ़ती जा रही है. ऐसे में उनके स्थान पर कई और दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, जिनमें इन तीन खिलाड़ियों को मौका मिलने की संभावना बढ़ रही है.
इन तीन बड़े खिलाड़ियों में जसप्रीत बुमराह भले ही आईपीएल के बाद टीम में वापसी कर लें, लेकिन श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत की चोट व रिकवरी में टाइम लग सकता है. ऐसे में टीम इंडिया में नियमित खिलाड़ी के रूप में खेलने के लिए दस्तक दे रहे इन तीन खिलाड़ियों को मौका मिल सकता है. इनमें सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन और हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ी शामिल हैं, जो कई मौकों पर अपना दमखम दिखा चुके हैं. अब इन खिलाड़ियों का आईपीएल में प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए दरवाजे खोल सकता है.
सूर्यकुमार यादव पर नजर
सूर्यकुमार यादव को श्रेयस अय्यर के विकल्प के तौर पर वन डे और टेस्ट मैचों में आजमाए जाने का ऐलान टीम प्रबंधन पहले ही कर चुका है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सभी तीनों वनडे मैच में पहली गेंद पर बिना खाता खोले आउट सूर्यकुमार यादव को लेकर तरह तरह के सवाल उठाए गए. इसके बावजूद अपने करियर में अब तक 72 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले सूर्यकुमार यादव को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के साथ साथ वनजे विश्वकप की टीम का हिस्सा बनाया जा सकता है. सूर्या ने अब तक कुल एक टेस्ट मैच, 23 वनडे मैच और 48 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला है. वनडे मैचों में वह केवल 24.05 के औसत से कुल 433 रन बना पाए हैं, जबकि टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1675 रन बनाकर विश्व रैंकिंग में नंबर 1 पर काबिज हैं.
संजू सैमसन का दावा
दूसरे खिलाड़ी के रूप में संजू सैमसन का दावा भी काफी मजबूत होता जा रहा है. वह विकेटकीपर बल्लेबाज के साथ साथ मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में टीम इंडिया में टेस्ट व वन डे मैचों में खेल सकते हैं. संजू ने टीम इंडिया के लिए अभी तक 11 वनडे मैच और 17 टी-20 मैच समेत कुल 28 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं. जिसमें वन डे मैचों में 66 की औसत व 104 की स्ट्राइक रेट से 330 रन बनाए हैं. वहीं 17 टी-20 मैचों में 20.06 की औसत से 301 रन बनाए हैं.
हनुमा को मिल सकता है अनुभव का लाभ
तीसरे खिलाड़ी के रूप में ऐसा माना जा रहा है कि हनुमा विहारी को भी मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में याद किया जा सकता है, जिसने पिछले साल इंग्लैंड के दौरे के बाद से एक भी टेस्ट नहीं खेला है. हनुमा ने 2020-21 में खेली गयी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में भारत के लिए चोटिल होने के बावजूद एक अच्छी पारी खेल कर टेस्ट मैच बचाने की भरपूर कोशिश की थी. उसके पास विदेशी पिच पर ऑस्ट्रेलियाई के पेस अटैक को खेलने का अनुभव है. ऐसे में विहारी को 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर खेलने का लाभ देते हुए टीम में शामिल किया जा सकता है. पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क जैसे खिलाड़ियों का अच्छे तरीके से सामना कर चुके हनुमा को अगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए चुना जाता है तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए. वह टेस्ट क्रिकेट के एक प्रॉपर बल्लेबाज के अलावा पार्ट टाइम गेंदबाज के रूप में हाथ आजमा चुके हैं. भारत के लिए कुल 16 टेस्ट मैच खेलकर 1 शतक और पांच अर्धशतक समेत 839 रन बनाए हैं. साथ ही वह 5 विकेट भी हासिल कर चुके हैं.
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