भुवनेश्वर: भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया, नवजोत कौर और गुरजीत कौर ने मंगलवार को कहा कि तोक्यो ओलंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रहने से देश में महिला हॉकी को लेकर लोगों की धारणा बदली है.
भारत पिछले साल कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में ग्रेट ब्रिटेन से हारने के बाद तोक्यो खेलों की महिला हॉकी में चौथे स्थान पर रहा था. यह 1980 के मास्को ओलंपिक में भी चौथे स्थान पर रहने के बाद पिछले 41 वर्षों में टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
मिडफील्डर नवजोत कौर ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पिछले साल तोक्यो ओलंपिक के बाद से निश्चित रूप से लोगों की मानसिकता में बदलाव आया है."
उन्होंने कहा, "अब सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे खेल खेलें. अधिकतर माता-पिता मानते हैं कि उनके बच्चे यदि पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के साथ खेल खेलेंगे तो उनका भविष्य बेहतर होगा."
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फारवर्ड वंदना कटारिया ने भी उनकी हां में हां मिलाते हुए कहा कि वह उत्तराखंड में अपने गृह नगर रोशनाबाद में कई लड़कियों के हॉकी के प्रति लगाव को देखकर हैरान थी.
उन्होंने कहा, "ओलंपिक के बाद 250 से अधिक खिलाड़ियों को रोशनाबाद (उत्तराखंड) में हॉकी खेलते हुए देखना शानदार रहा और इन 250 खिलाड़ियों में अधिकतर लड़कियां हैं. हॉकी की लोकप्रियता को देखकर बहुत अच्छा लगता है और मेरे गृहनगर में हर कोई मुझसे भी खेल के नियमों के बारे में पूछता है."
डिफेंडर गुरजीत कौर ने कहा कि महिलाओं को हमेशा खुद पर विश्वास रखना चाहिए.
उन्होंने कहा, "महिलाओं में बहुत शक्ति होती है और वे कुछ भी कर सकती हैं. महिलाओं को मजबूत बने रहना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए. महिलाएं जो भी करें, चाहे वह खेल हो या व्यवसाय, उन्हें खुद पर विश्वास होना चाहिए."
गुरजीत ने कहा, "यदि आपके साथ परिवार का समर्थन है तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है. हमें अपने जीवन में आने वाली हर समस्या के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की भी जरूरत है."