नई दिल्ली : आज का दिन 25 जून भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दर्ज है. यह दिन टीम इंडिया और भारत को खास उपलब्ध हासिल कराने के लिए याद किया जाता है. भारत 25 जून 1983 को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना था. इसके चलते 25 जून के दिन को टीम इंडिया बेहद ही खास मानती है. 25 जून को वनडे वर्ल्डकप 1983 का फाइनल मैच भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. इस महामुकाबले में भारतीय दिग्गजों ने वेस्टइंडीज को 43 रनों से करारी शिकस्त देकर वर्ल्डकप 1983 की ट्रॉफी पहली बार अपने नाम करने में सफलता हासिल की थी.
वनडे वर्ल्डकप में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम 183 रन का स्कोर खड़ा करने के बाद मैच जीतने का सोच भी नहीं सकती है. इसके साथ ही अगर आपका मुकाबला ऐसी टीम से हो, जो दो बार की वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हो और उस टीम में कई दिग्गज खिलाड़ी शामिल हों. उस कंडीशन में मैच जीतना फिर तो काफी मुश्किल हो जाता है और आज से 39 साल पहले ऐसा ही हुआ था. 25 जून 1983 में लॉर्ड्स के मैदान पर इस तरह की ऐतिहासिक घटना घटी थी. वनडे वर्ल्डकप 1983 का फाइनल मैच 39 साल पहले 25 जून को वेस्ट इंडीज के खिलाफ इसी मैदान पर खेला गया था. इसमें पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने केवल 183 रन ही बनाए थे. इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को अपने चक्रव्यूह में ऐसा फसाया कि पूरी टीम को केवल 140 रन के स्कोर पर समेट दिया था.
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India's finest cricket hour 🏆
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) June 25, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
This day in 1983, it was a memorable day for Indian cricket as they lifted their first ODI World Cup beating the mighty West Indies pic.twitter.com/jTYAVgtT6b
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पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना था भारत
वनडे वर्ल्डकप 1983 क्रिकेट की दुनिया का यह तीसरा वर्ल्डकप टूर्नामेंट था. लेकिन भारत ने अपना पहला वर्ल्डकप 1983 में ही जीता था. उस दौरान भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव थे. भारत से पहले दो वर्ल्डकप वेस्टइंडीज टीम ने जीते थे. इसलिए उस दौरान वेस्टइंडीज सबसे मजबूत टीम बनकर उभरी थी और उसे हरा पाना इतना आसान नहीं था. लेकिन भारत ने हर मुश्किल को आसान कर दिखाया. 1983 में वर्ल्डकप फाइनल के दिन जब टीम इंडिया 183 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी. उस समय सभी को यह लग रहा था कि वेस्टइंडीज टीम ही जीतेगी. लेकिन टीम इंडिया ने मैच जीतकर सबकी सोच को गलत साबित कर दिया था.
गेंदबाजों ने भारत को ऐसे बनया विजयी
वर्ल्डकप फाइनल मैच में अपने लक्ष्य को हासिल करने उतरी वेस्टइंडीज टीम का 5 रन पर ही पहला विकेट गिर गया था. बलविंदर संधु ने गॉर्डन ग्रीनिज को एक रन पर ही बोल्ड कर दिया था. इसके बाद डेसमंड हायनस 13 रन और विवियन रिचर्ड्स 33 रन बनाकर 45 रनों की साझेदारी कर वेस्टइंडीज का स्कोर आगे बढ़ाया. लेकिन इसके बाद भी 57 रन के स्कोर पर वेस्टइंडीज को तीन बढ़े झटके लगे. इंडियन बॉलर्स ने विंडीज बैट्समैन को वापसी का कोई चांस नहीं दिया था. 140 रन पर वेस्टइंडीज की पूरी टीम को ऑलआउट कर दिया था. इंडिया के लिए मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल तीन-तीन, बलविंदर संधु ने 2, कपिल देव और रोजर बिन्नी ने एक-एक विकेट लिया था. इसके साथ ही प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से मोहिंदर अमरनाथ को नवाजा गया था.