लंदन: पूर्व कप्तान केविन पीटरसन का मानना है कि हंड्रेड टूर्नामेंट की तर्ज पर प्रथम श्रेणी प्रतियोगिता से इंग्लैंड की टेस्ट टीम को पुराना गौरव हासिल करने में मदद मिल सकती है.
वर्ष 2005, 2009, 2010-11 और 2013 में एशेज जीतने वाली टीम के सदस्य रहे पीटरसन ने कहा कि मौजूदा काउंटी चैंपियनशिप ने अपनी चमक खो दी है और मौजूदा प्रारूप में यह टेस्ट टीम के लिए उम्दा खिलाड़ी देने की स्थिति में नहीं है.
पीटरसन ने बेटवे पर ब्लॉग में लिखा, "खेल में कहीं और पैसा है, ऐसे में (काउंटी) चैंपियनशिप अपने मौजूदा प्रारूप में टेस्ट टीम के लिए उम्दा खिलाड़ी देने की स्थिति में नहीं है."
उन्होंने कहा, "सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी इसमें खेलना नहीं चाहते इसलिए इंग्लैंड के युवा खिलाड़ी अन्य दिग्गज खिलाड़ियों से सीख नहीं पा रहे जैसे मैंने सीखा। खराब विकेट पर औसत गेंदबाज बल्लेबाजों को आउट कर रहे हैं और सारी चीजें उलझी हुई हैं."
इस 41 वर्षीय पूर्व कप्तान ने फ्रेंचाइजी आधारित 100 गेंद के क्रिकेट टूर्नामेंट 'द हंड्रेड' के लिए इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) की सराहना की.
उन्होंने कहा, "द हंड्रेड में ईसीबी ने असल में प्रतिस्पर्धा वाला टूर्नामेंट तैयार किया है. इसमें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एक-दूसरे का सामना करते हैं, इसका मार्केटिंग अच्छी तरह से की जाती है और दर्शक इससे जुड़े रहते हैं."
पीटरसन ने कहा, "उन्हें लाल गेंद के क्रिकेट में भी इसी तरह की फ्रेंचाइजी प्रतियोगिता शुरू करने की जरूरत है जहां हर हफ्ते सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी एक-दूसरे के खिलाफ खेलें. उन्हें दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ विदेशी खिलाड़ियों को आकर्षित करना चाहिए और इंग्लैंड के शीर्ष खिलाड़ियों को उनके साथ खेलकर फायदा होगा."
पीटरसन ने आठ टीम की राउंड रोबिन लीग का प्रस्ताव रखा जिसकी पिच इस तरह तैयार होनी चाहिए कि खिलाड़ियों की तकनीक ठोस हो.
उन्होंने कहा, "पिच की निगरानी ईसीबी को करनी चाहिए जिससे कि अभी की तरह गेंदबाजों के अत्याधिक अनुकूल पिच नहीं दिखें."