हैदराबाद : दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत का मानना है कि राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ शुक्रवार शाम के मुकाबले के अंतिम ओवर में विवादास्पद नो-बॉल कॉल पर निर्णय लेने के लिए तीसरे अंपायर को 'हस्तक्षेप' करना चाहिए था. पंत ने कहा कि इस तरह का फैसला उनकी टीम के लिए 'महंगा' साबित हुआ है. हालांकि, कैपिटल्स के सहायक कोच शेन वॉटसन ने अपने कप्तान के साथ असहमति जताते हुए कहा कि अंपायर के फैसले को 'स्वीकार' किया जाना था. यह विवाद तब उठा जब राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज ओबेद मैककॉय दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच का अंतिम ओवर डाल रहे थे.दिल्ली कैपिटल्स को 6 गेंदों में 36 बनाने थे. स्ट्राइक पर थे रोवमैन पॉवेल. रोवमैन पॉवेल ने शुरुआती तीन गेंदों में तीन छक्के लगा कर पूरे मैदान में सनसनी फैला दी. और अंतिम ओवर की इसी तीसरी गेंद से शुरू हुआ विवाद. दरअसल, ओबेद मैककॉय के अंतिम ओवर की तीसरी डिलीवरी हिप-हाई फुल-टॉस थी. जिसके बाद पॉवेल और उनके बल्लेबाजी साथी कुलदीप यादव दोनों ने मैदानी अंपायर नितिन मेनन और निखिल पटवर्धन से सवाल किया कि क्या यह ऊंचाई के आधार पर नो-बॉल नहीं थी.
और 15 रनों से हार गई दिल्ली: डगआउट में बैठे दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत और टीम के बाकी सदस्यों ने भी बल्लेबाजों की मांग का समर्थन किया. अंपायरों को निर्णय की समीक्षा के लिए तीसरे अंपायर के पास न जाते देख पंत ने अपने बल्लेबाजों को मैदान से बाहर आ जाने का इशारा किया. राजस्थान रॉयल्स लेगस्पिनर युजवेंद्र चहल ने कुलदीप को दूर जाने से रोकने की कोशिश की. इस बीच राजस्थान रॉयल्स के ओपनर जोस बटलर और दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत के बीच भी हल्की सी नोकझोंक हुई. पंत ने कैपिटल्स के सहायक कोच प्रवीण आमरे को मैदान में प्रवेश करने और अंपायरों से बात करने के लिए कहा. वहीं दिल्ली कैपिटल्स के कोच शेन वॉटसन ने पंत को शांत करने की कोशिश की. खेल अंततः फिर से शुरू हुआ. ओबेद मैककॉय ने अब अपनी गेंदबाजी की लाइन को बदला और धीमी गति से गेंदबाजी की. अगली तीन गेंदों में सिर्फ तीन रन बने और दिल्ली कैपिटल्स को 15 रन से हार का सामना करना पड़ा.
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मुझे लगा कि नो बॉल हमारे लिए कीमती हो सकती है. मुझे लगा कि हम उस नो बॉल को चेक कर सकते थे, लेकिन यह मेरे नियंत्रण में नहीं है. हां, निराश हूं, लेकिन इसके बारे में बहुत कुछ नहीं कर सकता. हर कोई निराश था मैदान में सभी ने देखा कि यह केवल नो बॉल है. मुझे लगता है कि तीसरे अंपायर को बीच में हस्तक्षेप करना चाहिए था. यह एक नो बॉल थी, लेकिन मैं खुद नियम नहीं बदल सकता. यह पूछे जाने पर कि क्या टीम प्रबंधन के किसी सदस्य को नो-बॉल न करने पर बहस करने के लिए मैदान पर भेजना ठीक है, पंत ने कहा कि जाहिर तौर पर यह सही नहीं था, लेकिन हमारे साथ जो हुआ वह भी सही नहीं था. जो हुआ परिस्थितिगत कारणों से हुआ. इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. मुझे लगता है कि यह दोनों पक्षों की गलती थी, न केवल हमारी.
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वहीं, राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने कहा कि, एक फुल टॉस गेंद पर छक्का मारा गया था. अंपायर के अनुसार यह एक सामान्य और सही गेंद थी पर बल्लेबाज इसे ‘नो-बॉल’ घोषित करने की मांग कर रहे थे. हालांकि, अंपायर ने अपना फैसला स्पष्ट कर दिया था और वह इस पर अडिग रहे. वहीं, राजस्थान रॉयल्स की टीम के निदेशक कुमार संगकारा ने भी आखिरी ओवर के विवाद के बारे में बात करते हुए एक सुरक्षित लाइन लेते दिखें. संगकारा ने कहा, 'यह अंपायर हैं, जो खेल को नियंत्रित करते हैं. लेकिन, मुझे पता है कि आईपीएल में बहुत दबाव और तनाव है. मुझे नहीं लगता कि मैं वास्तव में यह तय नहीं कर सकता हूं कि क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं.' संगकारा के बयान से लगता है रॉयल्स ने विवाद के विस्तार में जाए बिना उसे दरकिनार करने का फैसला किया है.
वाटसन बोले, अंपायरों का फैसला, चाहे वह सही या गलत हो, स्वीकार करना होगा: हालांकि दिल्ली कैपिटल्स के कोच शेन वॉटसन कप्तान ऋषभ पंत के व्यवहार को सही नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि आखिरी ओवर में जो हुआ वह बहुत निराशाजनक है. दुर्भाग्य से, पूरे खेल के दौरान बढ़त बनाने में असफल रहे. और अंतिम ओवर की स्थिति में पहुंचे. और अंत में जो हुआ वह एक टीम के तौर पर कभी नहीं चाहते है. अंपायरों का फैसला, चाहे वह सही गलत हो, हमें इसे स्वीकार करना होगा. इसके लिए हमें मैदान पर किसी और को भेजना, ठीक नहीं है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
शेन वॉटसन ने कहा कि इस तरह के संघर्ष के बाद खिलाड़ी विचलित होते हैं लेकिन फिर भी ऐसे व्यवहार को सही नहीं ठहराया जा सकता है. शेन वॉटसन ने कहा कि इस पूरी घटना ने राजस्थान रॉयल्स को फिर से संगठित होने और गेम प्लान पर विचार करने का मौका दिया. सैमसन ने मैककॉय के साथ अंतिम तीन गेंदों के लिए अपनी गेंदबाजी योजना को फिर से तैयार किया. उन तीन गेंदों में उन्होंने सिर्फ तीन रन दिए और आखिरी गेंद पर पॉवेल को कैच कराया.
2019 के आईपीएल में अंपायर से विवाद के बाद MS Dhoni पर लगा था जुर्माना : वह मैच भी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ ही था. जब कप्तान कूल महेंद्र सिंह धोनी ने अपना आपा खो दिया था. रॉयल्स ने चेन्नई के सामने 152 रन लक्ष्य रखा, जिसका पीछा करते हुए आखिरी ओवर में चेन्नई को 18 रन चाहिए थे. राजस्थान की ओर से आखिरी ओवर डालने का जिम्मा बेन स्टोक्स को मिला था. बेन की पहली गेंद पर रविंद्र जडेजा ने छक्का जड़ दिया. स्टोक्स ने ओवर की तीसरी गेंद पर कप्तान धौनी को आउट कर दिया. ओवर की चौथी गेंद फेंकी तो अंपायर ने पहले नो-बॉल दिया, लेकिन बाद में स्क्वायर लेग अंपायर से बात करने के बाद मना भी कर दिया. अंपायर के इस फैसले पर पहले क्रीज में मौजूद जडेजा भिड़े, फिर डग आउट में बैठे धोनी मैदान में वापस आ गए थे. आखिर में अंपायर ने गेंद को नो-बॉल नहीं दिया था. धोनी के इस व्यवहार पर BCCI ने मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया था.