ETV Bharat / sports

भारत बनाम साउथ अफ्रीका टेस्ट का पहला दिन बेहद नाटकीय रहा, जानें क्या- क्या हुआ - भारत बनाम साउथ अफ्रीका

भारत बनाम साउथ अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट मैच खेला जा रहा है. दूसरे टेस्ट मैच का पहले दिन और काफी रोमांच भरा रहा है. एक ही दिन में भारत और अफ्रीका की पहली पारी ऑलआउट हो गई. अफ्रीका पहले ही दिन दूसरी बार बल्लेबाजी के लिए उतरी और 63 रन पर तीन विकेट गंवा दिए. पढ़ें पूरी खबर....

South Africa team
अफ्रीका
author img

By PTI

Published : Jan 3, 2024, 10:39 PM IST

केपटाउन : मोहम्मद सिराज ने सुबह छह विकेट झटककर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिससे भारत ने बुधवार को यहां दूसरे और आखिरी टेस्ट के शुरूआती दिन दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 55 रन पर समेटने के बाद चाय तक बढ़त हासिल की लेकिन अंतिम सत्र में उसने 11 गेंद में छह विकेट गंवा दिये. सिराज ने लगातार नौ ओवर के अपने पहले स्पैल में 15 रन देकर छह विकेट झटककर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.

दक्षिण अफ्रीका का यह 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर है. फिर भारत ने चार विकेट पर 153 रन बनाकर 98 रन की बढ़त हासिल की लेकिन एक भी रन जोड़े बिना 11 गेंद में छह विकेट गंवा दिये. भारत के छह बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके और जो खिलाड़ी नाबाद रहा, उसका भी खाता नहीं खुला.

लुंगी एनगिडी (30 रन देकर तीन विकेट) और कागिसो रबाडा (38 रन देकर तीन विकेट) ने अंत के छह में से पांच विकेट झटके जिससे उन्होंने बढ़त 100 से कम रहने दी और मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की क्योंकि शुरूआती दिन इस पिच पर 23 विकेट गिरे.

दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में आक्रामकता के साथ अधिक सतर्कता भी दिखायी जिससे उसने स्टंप तक तीन विकेट गंवाकर 62 रन बना लिये और अभी वह 36 रन से पीछे है. ऐडन मार्कराम 32 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं. टेस्ट में पहले दिन सबसे ज्यादा 25 विकेट गिरने का रिकॉर्ड 1902 में एशेज टेस्ट का है. डीन एल्गर अपने विदाई टेस्ट के प्रदर्शन को याद नहीं रखना चाहेंगे क्योंकि वह एक दिन के खेल में दो बार आउट हुए जबकि मुकेश कुमार (कोई रन नहीं देकर दो विकेट, 25 रन देकर दो विकेट) को गेंद को लगातार सही लाइन एवं लेंथ में पिच करने का फायदा मिला.

इस मैच के तीसरे दिन तक चलने की संभावना कम ही दिख रही है. न्यूलैंड्स की पिच पर इतना तेज उछाल था जो निश्चित रूप से आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की निशाने पर आयेगा. लाल कूकाबुरा गेंद ‘जंबो जेट’ की तरह उड़ान भरती दिखी जिससे बल्लेबाजों के लिये क्रीज पर टिकना असंभव हो गया. दिन के अंत में उछाल इतना ज्यादा बदल रहा था कि बल्लेबाजों को कंधे से लेकर पेट तक गेंद लगी.

रोहित शर्मा (50 गेंद में 39 रन) ने इन खतरनाक गेंदों से बचते हुए सात चौके जड़े. विराट कोहली (59 गेंद में 46 रन) और शुभमन गिल (55 गेंद में 36 रन) ने कुछ अच्छी बाउंड्री लगायी. लेकिन प्रतिभाशाली यशस्वी जायसवाल (शून्य) और श्रेयस अय्यर (शून्य) की तकनीकी खामियां फिर उजागर हुईं और वे स्कोर में कोई योगदान नहीं कर सके.

सिराज से पहले देश के 92 वर्ष के टेस्ट इतिहास में लंच से पहले इस तरह का शानदार प्रदर्शन बायें हाथ के स्पिनर मनिंदर सिंह के नाम है जिन्होंने 1986-87 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ लंच से पहले पांच विकेट झटकने की उपलब्धि हासिल की थी. बुधवार को उमस भरी सुबह दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाजों को सिराज की तेजी, स्विंग और सीम मूवमेंट का सामना करने में काफी परेशानी हुई जिससे पूरी टीम पहली पारी में महज 23.2 ओवर में पवेलियन पहुंच गयी.

केवल डेविड बेडिघंम (12 रन) और काइल वेरेयने (15 रन) ही दो बल्लेबाज रहे जो दोहरे अंक तक पहुंच सके जिससे स्टैंड में मौजूद दक्षिण अफ्रीकी दर्शक मायूस हो गये. सिराज ने नौ ओवर में तीन मेडन से 15 रन देकर छह विकेट झटके. जसप्रीत बुमराह (आठ ओवर में 25 रन देकर दो विकेट) ने भी दूसरे छोर से दबाव बनाये रखा जिससे रोहित ने भी प्रतिद्वंद्वी टीम के कप्तान डीन एल्गर को उनके विदाई टेस्ट में परेशान रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

मुकेश कुमार (बिना रन दिये दो विकेट) ने पुछल्ले बल्लेबाजों को समेटा और साबित किया कि इन परिस्थितियों में वह शार्दुल ठाकुर से कहीं बेहतर हैं. सेंचुरियन में पारी की हार के बाद भारतीय समर्थकों ने भी गेंदबाजों से इस तरह के शानदार प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की होगी. सिराज ने चार से छह मीटर तक फुल लेंथ गेंद डालना जारी रखा और पिच से मिले उछाल ने इसमें मदद की. दूसरे छोर पर बुमराह ने बैक लेंथ पर हिट किया और भारतीय कप्तान ने भी अलग तरह का क्षेत्ररक्षण सजाकर गेंदबाजों का पूरा सहयोग दिया.

जब सिराज ने गेंदबाजी शुरू की तो लेग स्लिप पर खिलाड़ी मौजूद था जबकि बुमराह के लिए रोहित खुद शॉर्ट लेग पर खड़े रहे. ऐडन मार्कराम हवा में बलखाती गेंद को खेलने के प्रयास में यशस्वी जायसवाल को शानदार कैच देकर आउट हुए. दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर जल्द ही सिराज की फुल लेंथ गेंद पर शॉट खेलने के प्रयास में बोल्ड हो गये.

बुमराह ने फिर युवा ट्रिस्टन स्टब्स को शॉर्ट लेग पर कप्तान के हाथों कैच आउट किया. टोनी डिजोर्जी की ऊंची गेंद को मारने की आदत उन पर भारी पड़ी और वह विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हुए. डेविड बेडिघंम को ड्राइव करने के लिये ललचाया गया और अतिरिक्त उछाल ने उनकी पारी भी खत्म कर दी. मार्को यानसेन ने सिराज की गेंद पर बल्ला छुआया जिससे इस भारतीय गेंदबाज को पांचवां विकेट मिला और तब तक कोई नहीं जानता था कि दक्षिण अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद इतनी शर्मनाक सुबह देखनी होगी.

यह भी पढ़ें : दूसरे टेस्ट में भारत के साथ जुड गया ये खराब रिकॉर्ड, कोई नहीं कर पाया यकीन

केपटाउन : मोहम्मद सिराज ने सुबह छह विकेट झटककर करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिससे भारत ने बुधवार को यहां दूसरे और आखिरी टेस्ट के शुरूआती दिन दक्षिण अफ्रीका को पहली पारी में 55 रन पर समेटने के बाद चाय तक बढ़त हासिल की लेकिन अंतिम सत्र में उसने 11 गेंद में छह विकेट गंवा दिये. सिराज ने लगातार नौ ओवर के अपने पहले स्पैल में 15 रन देकर छह विकेट झटककर अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.

दक्षिण अफ्रीका का यह 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर है. फिर भारत ने चार विकेट पर 153 रन बनाकर 98 रन की बढ़त हासिल की लेकिन एक भी रन जोड़े बिना 11 गेंद में छह विकेट गंवा दिये. भारत के छह बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके और जो खिलाड़ी नाबाद रहा, उसका भी खाता नहीं खुला.

लुंगी एनगिडी (30 रन देकर तीन विकेट) और कागिसो रबाडा (38 रन देकर तीन विकेट) ने अंत के छह में से पांच विकेट झटके जिससे उन्होंने बढ़त 100 से कम रहने दी और मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की क्योंकि शुरूआती दिन इस पिच पर 23 विकेट गिरे.

दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में आक्रामकता के साथ अधिक सतर्कता भी दिखायी जिससे उसने स्टंप तक तीन विकेट गंवाकर 62 रन बना लिये और अभी वह 36 रन से पीछे है. ऐडन मार्कराम 32 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं. टेस्ट में पहले दिन सबसे ज्यादा 25 विकेट गिरने का रिकॉर्ड 1902 में एशेज टेस्ट का है. डीन एल्गर अपने विदाई टेस्ट के प्रदर्शन को याद नहीं रखना चाहेंगे क्योंकि वह एक दिन के खेल में दो बार आउट हुए जबकि मुकेश कुमार (कोई रन नहीं देकर दो विकेट, 25 रन देकर दो विकेट) को गेंद को लगातार सही लाइन एवं लेंथ में पिच करने का फायदा मिला.

इस मैच के तीसरे दिन तक चलने की संभावना कम ही दिख रही है. न्यूलैंड्स की पिच पर इतना तेज उछाल था जो निश्चित रूप से आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड की निशाने पर आयेगा. लाल कूकाबुरा गेंद ‘जंबो जेट’ की तरह उड़ान भरती दिखी जिससे बल्लेबाजों के लिये क्रीज पर टिकना असंभव हो गया. दिन के अंत में उछाल इतना ज्यादा बदल रहा था कि बल्लेबाजों को कंधे से लेकर पेट तक गेंद लगी.

रोहित शर्मा (50 गेंद में 39 रन) ने इन खतरनाक गेंदों से बचते हुए सात चौके जड़े. विराट कोहली (59 गेंद में 46 रन) और शुभमन गिल (55 गेंद में 36 रन) ने कुछ अच्छी बाउंड्री लगायी. लेकिन प्रतिभाशाली यशस्वी जायसवाल (शून्य) और श्रेयस अय्यर (शून्य) की तकनीकी खामियां फिर उजागर हुईं और वे स्कोर में कोई योगदान नहीं कर सके.

सिराज से पहले देश के 92 वर्ष के टेस्ट इतिहास में लंच से पहले इस तरह का शानदार प्रदर्शन बायें हाथ के स्पिनर मनिंदर सिंह के नाम है जिन्होंने 1986-87 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ लंच से पहले पांच विकेट झटकने की उपलब्धि हासिल की थी. बुधवार को उमस भरी सुबह दक्षिण अफ्रीका बल्लेबाजों को सिराज की तेजी, स्विंग और सीम मूवमेंट का सामना करने में काफी परेशानी हुई जिससे पूरी टीम पहली पारी में महज 23.2 ओवर में पवेलियन पहुंच गयी.

केवल डेविड बेडिघंम (12 रन) और काइल वेरेयने (15 रन) ही दो बल्लेबाज रहे जो दोहरे अंक तक पहुंच सके जिससे स्टैंड में मौजूद दक्षिण अफ्रीकी दर्शक मायूस हो गये. सिराज ने नौ ओवर में तीन मेडन से 15 रन देकर छह विकेट झटके. जसप्रीत बुमराह (आठ ओवर में 25 रन देकर दो विकेट) ने भी दूसरे छोर से दबाव बनाये रखा जिससे रोहित ने भी प्रतिद्वंद्वी टीम के कप्तान डीन एल्गर को उनके विदाई टेस्ट में परेशान रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

मुकेश कुमार (बिना रन दिये दो विकेट) ने पुछल्ले बल्लेबाजों को समेटा और साबित किया कि इन परिस्थितियों में वह शार्दुल ठाकुर से कहीं बेहतर हैं. सेंचुरियन में पारी की हार के बाद भारतीय समर्थकों ने भी गेंदबाजों से इस तरह के शानदार प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की होगी. सिराज ने चार से छह मीटर तक फुल लेंथ गेंद डालना जारी रखा और पिच से मिले उछाल ने इसमें मदद की. दूसरे छोर पर बुमराह ने बैक लेंथ पर हिट किया और भारतीय कप्तान ने भी अलग तरह का क्षेत्ररक्षण सजाकर गेंदबाजों का पूरा सहयोग दिया.

जब सिराज ने गेंदबाजी शुरू की तो लेग स्लिप पर खिलाड़ी मौजूद था जबकि बुमराह के लिए रोहित खुद शॉर्ट लेग पर खड़े रहे. ऐडन मार्कराम हवा में बलखाती गेंद को खेलने के प्रयास में यशस्वी जायसवाल को शानदार कैच देकर आउट हुए. दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर जल्द ही सिराज की फुल लेंथ गेंद पर शॉट खेलने के प्रयास में बोल्ड हो गये.

बुमराह ने फिर युवा ट्रिस्टन स्टब्स को शॉर्ट लेग पर कप्तान के हाथों कैच आउट किया. टोनी डिजोर्जी की ऊंची गेंद को मारने की आदत उन पर भारी पड़ी और वह विकेटकीपर के हाथों कैच आउट हुए. डेविड बेडिघंम को ड्राइव करने के लिये ललचाया गया और अतिरिक्त उछाल ने उनकी पारी भी खत्म कर दी. मार्को यानसेन ने सिराज की गेंद पर बल्ला छुआया जिससे इस भारतीय गेंदबाज को पांचवां विकेट मिला और तब तक कोई नहीं जानता था कि दक्षिण अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के बाद इतनी शर्मनाक सुबह देखनी होगी.

यह भी पढ़ें : दूसरे टेस्ट में भारत के साथ जुड गया ये खराब रिकॉर्ड, कोई नहीं कर पाया यकीन
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.