इंदौर: ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम के बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब ने भारत के पूर्व उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ उस बातचीत को याद किया जिससे उन्हें उपमहाद्वीप में स्पिन गेंदबाजी का सामना करने में मदद की. हैंड्सकॉम्ब ने 2016 में आईपीएल के दौरान रहाणे के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया था. रहाणे ने इस दौरान हैंड्सकॉम्ब को स्पिनरों को बल्लेबाजी के दौरान पैर और कलाई के उपयोग करने के बारे में बताया था. हैंड्सकॉम्ब ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से कहा, वह अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करते हुए स्पिनरों को आसानी से मिडविकेट की ओर खेल रहे थे. इससे मैं आश्चर्यचकित हो रहा था.
उन्होंने कहा, स्पिनरों के खिलाफ रहाणे की बल्लेबाजी देख कर मैं सोच रहा था कि मुझे यह सिखाने के लिए किसी की जरूरत है. मैंने उनसे स्पिनरों के खिलाफ बल्लेबाजी में कदमों के इस्तेमाल के तरीके पर बातचीत की. हैंड्सकॉम्ब ने कहा, जब आप अपने पिछले पैर का इस्तेमाल करते है तो इससे रन बनाने में मदद मिलती है. अगर गेंद विकेट के करीब टप्पा खा रही है तो आप अगले पैर का इस्तेमाल कर सकते हैं. अच्छी गेंदों पर रक्षात्मक खेल के साथ आपको उसका सम्मान करना होगा.
दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 142 गेंद में नाबाद 72 रन बनाने वाले हैंड्सकॉम्ब दूसरी पारी में स्वीप शॉट लगाने की कोशिश में बिना खाता खोले पगबाधा हो गए. हैंड्सकॉम्ब ने कहा, भारत ने इन परिस्थितियों में मुझे गच्चा खाने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने मुझे दौड़ कर रन बनाने का मौका नहीं दिया लेकिन चौका लगाने का लालच दिया. मैं उनकी इस चाल में फंस गया. उन्होंने कहा, मेरे लिए यह मजबूत बने रहने और नई शुरुआत करने के बारे में है. मैं क्रीज पर शायद इस सोच के साथ उतरा था कि मैं अब भी 72 रन पर नाबाद हूं और वहीं से अपनी पारी शुरू कर रहा हूं जहां मैंने पहली पारी में छोड़ा था.
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हैंड्सकॉम्ब ने कहा कि सीरीज के शुरुआती दो मैचों में हार से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया के खेमे में सकारात्मकता है. उन्होंने कहा, हमारे समूह में हर खिलाड़ी दूसरे का समर्थन करता है. हम दिल्ली में खेले गए मैच से सकारात्मक पहलुओं को देख रहे हैं. पहली पारी में हमारे पास बढ़त थी और दूसरी पारी में भी हम एक समय अच्छी स्थिति में थे. इस बल्लेबाज ने कहा, हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें अधिक देर तक मैच पर अपनी पकड़ बनाए रखनी होगी.
(भाषा)