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ETV Bharat Exclusive : क्रिकेट सनसनी प्रखर चतुर्वेदी बोले- भारत के लिए खेलने का लक्ष्य

कर्नाटक के प्रखर चतुर्वेदी ने सोमवार को कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में 400 से अधिक रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बनकर इतिहास रच दिया. ईटीवी भारत के आदित्य इघे के साथ एक टेलीफोनिक साक्षात्कार के दौरान युवा खिलाड़ी ने आगामी वर्षों में भारत के लिए खेलने का अपना लक्ष्य व्यक्त किया.

Prakhar Chaturvedi
प्रखर चतुर्वेदी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 16, 2024, 8:55 PM IST

शिवमोग्गा (कर्नाटक): ईटीवी भारत के साथ एक साक्षात्कार के दौरान सोमवार को कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में नाबाद 404 रन की ऐतिहासिक पारी खेलने के बाद प्रखर चतुर्वेदी ने भविष्य में भारत के लिए खेलने की इच्छा व्यक्त की है.

18 वर्षीय खिलाड़ी ने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह के 358 रन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो कूच बिहार खिताबी मुकाबले में पिछला सर्वोच्च स्कोर था. इस पारी ने कर्नाटक को अपना पहला खिताब जीतने में मदद की. अपनी ऐतिहासिक पारी के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रखर ने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की इच्छा जताई.

उन्होंने कहा, 'मेरा लक्ष्य निश्चित रूप से भारत के लिए खेलना है और फिर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलना है. मैं कर्नाटक प्रीमियर लीग में चुने जाने की उम्मीद कर रहा हूं'.

उन्होंने इस खास उपलब्धि को हासिल करने के बाद कहा, 'पहले मेरा उच्चतम स्कोर 200 था और अब 400 रन बनाना, वह भी प्रतिष्ठित फाइनल गेम में, मेरे लिए कुछ खास है और मैंने आज जो किया उस पर मुझे गर्व है'.

इस बात पर विचार करते हुए कि किस चीज ने उन्हें क्रिकेट को एक पेशे के रूप में चुनने के लिए प्रेरित किया, प्रखर ने टिप्पणी की कि वह वेस्टइंडीज के महान सर विवियन रिचर्ड्स थे.

दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'जब मैं 10-11 साल का था तब मैं टीवी पर बहुत क्रिकेट देखता था और उस समय मैंने (भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज) वीरेंद्र सहवाग को बल्लेबाजी करते देखा और मैंने इसका बहुत आनंद लिया और फिर मैंने अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया और आखिरकार मैं अकादमी में गया और वहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई. मेरे सर्वकालिक पसंदीदा खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स हैं. मैं सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे कुछ भारतीय दिग्गज क्रिकेटरों को भी फॉलो करता हूं. मैं कुछ चीजें लेता हूं उनकी बल्लेबाजी से मुझे अपना खेल सुधारने और बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है'.

प्रखर बेंगलुरु के मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और 11 साल की उम्र से सिक्स क्रिकेट अकादमी से जुड़े हुए हैं. उनके पिता, संजय चतुर्वेदी आईआईटी बीएचयू से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अब अपनी खुद की कंपनी चलाते हैं, जबकि उनकी मां, रूपा चतुर्वेदी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में एक तकनीकी सलाहकार हैं.

प्रखर ने यह भी साझा किया कि भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

उन्होंने कहा, 'हां, मैं (राहुल) द्रविड़ सर से कई बार मिल चुका हूं. मैंने उनसे कुछ सलाह भी ली हैं, जिनमें से एक ने मुझे एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने और सुधार करने में मदद की है. उन्होंने मुझे सलाह दी कि जब भी मैं अभ्यास करूं तो मैच की स्थिति की कल्पना करूं... जैसे कि मैदान देखना और फिर उसके अनुसार शॉट खेलना'.

प्रखर ने कहा, 'सिक्स क्रिकेट अकादमी के सभी कोचों ने 6-7 की यात्रा में मेरी बहुत मदद की है. कार्तिक जसवन्त सर, कार्तिक अचप्पा सर और अश्विन सर, जैसे सभी ने मेरी मदद की है और यहां सुविधाएं शीर्ष श्रेणी की हैं. विकेट और मैदान शीर्ष पायदान पर रहा और इससे मुझे यह उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली. इतने लंबे समय तक मेरी मदद करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं'.

प्रखर ने पूरी पारी में अपना बल्ला चलाया और 638 गेंदों पर 404 रन बनाकर नाबाद रहे और उनकी ऐतिहासिक पारी में 46 चौके और 3 छक्के शामिल थे, प्रखर की इस पारी की मदद से कर्नाटक ने 890/8 का आश्चर्यजनक स्कोर बनाकर पारी घोषित की. इस पारी से प्रखर ने अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में सर्वोच्च स्कोर के पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह (338) के 25 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.

बता दें कि, भारत के प्रमुख अंडर 19 घरेलू आयोजन में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड विजय ज़ोल के नाम है, जिन्होंने 2011-12 सीज़न में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए नाबाद 451 रन बनाए थे.

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18 वर्षीय खिलाड़ी ने पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह के 358 रन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जो कूच बिहार खिताबी मुकाबले में पिछला सर्वोच्च स्कोर था. इस पारी ने कर्नाटक को अपना पहला खिताब जीतने में मदद की. अपनी ऐतिहासिक पारी के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रखर ने राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की इच्छा जताई.

उन्होंने कहा, 'मेरा लक्ष्य निश्चित रूप से भारत के लिए खेलना है और फिर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलना है. मैं कर्नाटक प्रीमियर लीग में चुने जाने की उम्मीद कर रहा हूं'.

उन्होंने इस खास उपलब्धि को हासिल करने के बाद कहा, 'पहले मेरा उच्चतम स्कोर 200 था और अब 400 रन बनाना, वह भी प्रतिष्ठित फाइनल गेम में, मेरे लिए कुछ खास है और मैंने आज जो किया उस पर मुझे गर्व है'.

इस बात पर विचार करते हुए कि किस चीज ने उन्हें क्रिकेट को एक पेशे के रूप में चुनने के लिए प्रेरित किया, प्रखर ने टिप्पणी की कि वह वेस्टइंडीज के महान सर विवियन रिचर्ड्स थे.

दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'जब मैं 10-11 साल का था तब मैं टीवी पर बहुत क्रिकेट देखता था और उस समय मैंने (भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज) वीरेंद्र सहवाग को बल्लेबाजी करते देखा और मैंने इसका बहुत आनंद लिया और फिर मैंने अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया और आखिरकार मैं अकादमी में गया और वहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई. मेरे सर्वकालिक पसंदीदा खिलाड़ी सर विवियन रिचर्ड्स हैं. मैं सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे कुछ भारतीय दिग्गज क्रिकेटरों को भी फॉलो करता हूं. मैं कुछ चीजें लेता हूं उनकी बल्लेबाजी से मुझे अपना खेल सुधारने और बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है'.

प्रखर बेंगलुरु के मध्यम वर्गीय परिवार से हैं और 11 साल की उम्र से सिक्स क्रिकेट अकादमी से जुड़े हुए हैं. उनके पिता, संजय चतुर्वेदी आईआईटी बीएचयू से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अब अपनी खुद की कंपनी चलाते हैं, जबकि उनकी मां, रूपा चतुर्वेदी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में एक तकनीकी सलाहकार हैं.

प्रखर ने यह भी साझा किया कि भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

उन्होंने कहा, 'हां, मैं (राहुल) द्रविड़ सर से कई बार मिल चुका हूं. मैंने उनसे कुछ सलाह भी ली हैं, जिनमें से एक ने मुझे एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने और सुधार करने में मदद की है. उन्होंने मुझे सलाह दी कि जब भी मैं अभ्यास करूं तो मैच की स्थिति की कल्पना करूं... जैसे कि मैदान देखना और फिर उसके अनुसार शॉट खेलना'.

प्रखर ने कहा, 'सिक्स क्रिकेट अकादमी के सभी कोचों ने 6-7 की यात्रा में मेरी बहुत मदद की है. कार्तिक जसवन्त सर, कार्तिक अचप्पा सर और अश्विन सर, जैसे सभी ने मेरी मदद की है और यहां सुविधाएं शीर्ष श्रेणी की हैं. विकेट और मैदान शीर्ष पायदान पर रहा और इससे मुझे यह उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली. इतने लंबे समय तक मेरी मदद करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं'.

प्रखर ने पूरी पारी में अपना बल्ला चलाया और 638 गेंदों पर 404 रन बनाकर नाबाद रहे और उनकी ऐतिहासिक पारी में 46 चौके और 3 छक्के शामिल थे, प्रखर की इस पारी की मदद से कर्नाटक ने 890/8 का आश्चर्यजनक स्कोर बनाकर पारी घोषित की. इस पारी से प्रखर ने अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी फाइनल में सर्वोच्च स्कोर के पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह (338) के 25 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.

बता दें कि, भारत के प्रमुख अंडर 19 घरेलू आयोजन में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड विजय ज़ोल के नाम है, जिन्होंने 2011-12 सीज़न में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए नाबाद 451 रन बनाए थे.

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