नई दिल्ली: भारत में वनडे वर्ल्ड कप 2023 की शुरुआत 5 अक्टूबर से होगा. देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों में स्थित स्टेडियम में विश्व कप के मैच आयोजित किए जाएंगे. सभी स्टेडियम में इस समय मैचों के आयोजन को लेकर तैयारी चल रही है. इसी क्रम में दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में होने वाले विश्व कप के पांच मैचों को लेकर तैयारी चल रही है. स्टेडियम में पहला मैच 7 अक्टूबर को खेला जाएगा. इसके लिए स्टेडियम में टूटी हुई कुर्सियों को हटाकर नई कुर्सियां, टॉयलेट, बाथरूम, स्टैंड, ड्रेसिंग रूम से लेकर वीआईपी लाउंज सभी का रिनोवेशन किया जा रहा है.
डीडीसीए के सचिव सिद्धार्थ साहिब सिंह ने बताया कि स्टेडियम के रिनोवेशन के लिए बीसीसीआई ने डीडीसीए को फंड दिया है. विश्व कप को देखते हुए स्टेडियम के रिनोवेशन के पूरे काम की मॉनिटरिंग खुद बीसीसीआई सचिव जय शाह कर रहे हैं. अधिकतर काम पूरा हो चुका है. थोड़ा बहुत बाकी है, उसे मैच से पहले पूरा कर लिया जाएगा. वहीं, बीसीसीआई के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा ने बताया कि स्टेडियम में रिकॉर्ड 40 दिन में अधिकतर काम पूरे कर लिए गए हैं. स्टेडियम में हुए काम पर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
स्टेडियम का इतिहास: इस स्टेडियम की स्थापना 1883 में फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के नाम से की गई थी. इसका स्वामित्व दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के पास है. इस स्टेडियम के बनने से पहले दिल्ली में क्रिकेट मैचों का आयोजन रोशन आरा क्रिकेट क्लब द्वारा किया जाता था. वर्ष 1930 में जब अंग्रेज दिल्ली को राजधानी बना रहे थे उसी समय यहां वेलिंग्टन पवेलियन की स्थापना हुई.
फिरोज शाह तुगलक द्वारा बनाए गए किले के नजदीक स्थित होने के कारण इसका नाम फिरोज शाह कोटला स्टेडियम पड़ा था. हालांकि, 2019 में अरुण जेटली के निधन के बाद इस स्टेडियम का नाम उन्हीं के नाम पर रख दिया गया. इस स्टेडियम में अरुण जेटली की मूर्ति भी स्थापित की गई है. यह स्टेडियम दिल्ली के मध्य जिले में स्थित बहादुर शाह जफर मार्ग पर पड़ता है. स्टेडियम की क्षमता 34 हजार से अधिक दर्शकों की है. स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैचों के अलावा आईपीएल और रणजी मैच भी आयोजित होते रहते हैं. आईपीएल की दिल्ली कैपिटल्स टीम का यह घरेलू मैदान भी है.
बल्लेबाजों के अनुकूल है स्टेडियम की पिच: अरुण जेटली स्टेडियम की पिच को बल्लेबाजों के अनुकूल माना जाता है. छोटी बाउंड्री होने के चलते मैदान पर चौके और छक्कों की जमकर बरसात होती है. इस मैदान में अधिकतर मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीता है.
वन डे मैच में टीम इंडिया का प्रदर्शन: इस मैदान पर अभी तक टीम इंडिया ने 20 वनडे मैच खेले हैं. जिसमें से 12 मैच में उसने जीत दर्ज की. सात मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा है और एक मैच बेनतीजा रहा है.
दिग्गजों के लिए भी भाग्यशाली रहा है यह स्टेडियम: विश्व क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शामिल किए जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन के टेस्ट क्रिकेट में तब के सर्वाधिक 29 शतक के रिकॉर्ड को सुनील गावस्कर ने इसी मैदान पर 121 रन की पारी खेल कर तोड़ा था. ब्रैडमैन का यह रिकॉर्ड 35 साल बाद तोड़ा गया था. इसके बाद सचिन तेंदुलकर के लिए भी यह स्टेडियम भाग्यशाली रहा है. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में विश्व में सबसे ज्यादा शतक (34) बनाने का सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड इसी मैदान पर 35वां शतक बनाकर तोड़ा था. उन्होंने वर्ष 2005 में श्रीलंका के खिलाफ 109 रन की पारी खेल कर यह रिकॉर्ड तोड़ा था.
वहीं, महान स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले ने भी अपने करियर के एक ही पारी में किसी टीम के सभी 10 विकेट लेने का कारनामा इसी मैदान पर किया था. वर्ष 1998-99 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में जंबो के नाम से मशहूर कुंबले ने 26.3 ओवर की गेंदबाजी में 74 रन देकर 10 बल्लेबाजों को आउट किया था.
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