नई दिल्ली: भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने निलंबित आईपीएल के दौरान अपनी लय हासिल कर ली है और उन्हें लगता है कि टीम यदि पिछले छह महीने के शानदार प्रदर्शन को दोहराने में कामयाब रहती है तो ब्रिटिश दौरा भी उसके लिए सफल होगा.
भारतीय टीम दो जून को साढ़े तीन महीने के ब्रिटिश दौरे के लिए रवाना होगी जहां वह कुछ छह टेस्ट मैच खेलेगी. इनमें न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 जून से शुरू होने वाला विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी शामिल है. इसके बाद भारत चार अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगा.
विश्व भर के देश जब कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं तब शमी ने कहा कि ऐसे समय में बहुत अधिक योजनाएं बनाने का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा, ''देखिए बहुत अधिक योजनाएं बनाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि कुछ चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं हैं. किसने सोचा था कि यह महामारी हमारी जिदंगी के दो साल बर्बाद कर देगी. इसलिए मैं एक समय में एक श्रृंखला या एक टूर्नामेंट पर ध्यान दे रहा हूं.''
अब तक 50 टेस्ट मैचों में 180 विकेट लेने वाले शमी ने कहा, ''यदि हम पिछले छह महीने की फार्म को दोहराने में सफल रहते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि यह दौरा हमारे लिए शानदार होगा. हमने टीम के रूप में हाल में बेजोड़ क्रिकेट खेली है और निश्चित तौर पर इंग्लैंड दौरे से पहले हमारा मनोबल बढ़ा हुआ है.''
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में कलाई में चोट लगने के कारण लगातार सात टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाने वाले शमी जानते हैं कि वह हमेशा नहीं खेल सकते हैं और यही कारण है कि युवा पीढ़ी को गुर सिखाना चाहते हैं.
शमी ने कहा, ''ऐसा स्वत: ही होता है. इतने वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में होने के बाद मैं युवाओं को गुर सिखाना पसंद करूंगा. मैं हमेशा नहीं खेलता रहूंगा इसलिए यदि मैं युवाओं को गुर सिखाता हूं तो यह अच्छा होगा.''