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श्रीसंत के लिए घरेलू क्रिकेट के दरवाजे खुले हैं : कोच टीनू योहाना - केरल क्रिकेट संघ

केरल क्रिकेट टीम के रणजी कोच टीनू योहाना ने कहा है कि श्रीसंत ने कड़ी मेहनत करके और खुद को फिट रखते हुए फिर से खेलने की इच्छा जाहिर की है.

S Sreesanth
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Published : Sep 14, 2020, 10:34 PM IST

हैदराबाद: भारतीय टीम के लिए दो दो विश्व कप जीत चुके तेज गेंदबाज शांताकुमार श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध अब समाप्त हो गया है. एस श्रीसंत पर साल 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में नाम आने के बाद बीसीसीआई ने उनके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. बैन हटने के बाद श्रीसंत ने अब एक बार फिर से क्रिकेट मैदान पर वापसी की इच्छा जताई है.

S Sreesanth
एस श्रीसंत और सचिन तेंदुलकर

एस श्रीसंत अपने कई बयानों में ये बात कह चुके हैं कि उनका सपना भारत के लिए 2023 का एकदिवसीय विश्व कप खेलने का है. केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने भी श्रीसंत के ऊपर लगे प्रतिबंध के खत्म होने पर अपनी खुशी जाहिर की है. संघ का कहना है कि आगामी घरेलू क्रिकेट सीजन में खेलने के लिए श्रीसंत को अपनी फॉर्म और फिटनेस साबित करनी होगी.

केरल क्रिकेट टीम के रणजी कोच और पूर्व भारतीय खिलाड़ी टीनू योहाना ने कहा, "श्रीसंत ने कड़ी मेहनत करके और खुद को फिट रखते हुए फिर से खेलने की इच्छा जाहिर की है." उन्होंने आगे कहा, "हम उनके साथ संपर्क में हैं. हम उनके नाम पर विचार करेंगे, लेकिन यह उनके फॉर्म और फिटनेस पर निर्भर करेगा. लेकिन उनके लिए दरवाजे खुले हैं."

बीसीसीआई ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था. 2015 में हालांकि दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन पर लगे सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया. वर्ष 2018 में केरल उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को खत्म कर दिया था और उसके खिलाफ सभी कार्यवाही को भी रद कर दिया था. हालांकि, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने प्रतिबंध की सजा को बरकरार रखा था.

S Sreesanth
एस श्रीसंत

श्रीसंत ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में उनके अपराध को बरकरार रखा था, लेकिन बीसीसीआई को उनकी सजा कम करने निर्देश दिया था और भारतीय बोर्ड ने उनकी आजीवन प्रतिबंध की सजा को घटाकर सात साल कर दिया था, जोकि पिछले महीने अगस्त में समाप्त हो गया है.

जून में लॉकडाउन के हटने के बाद से श्रीसंत केरल की अंडर 23 टीम के कुछ खिलाड़ियों और कई सीनियर क्रिकेटरों के साथ एर्नाकुलम में केसीए सुविधा सेंटर में ट्रेनिंग कर रहे है.

श्रीसंत ने हाल में अपने ट्विटर पर कहा था, " मैं हर तरह के आरोपों से और अन्य चीजों से अब आजाद हूं और जिस खेल को सबसे ज्यादा पसंद करता हूं उसके लिए तैयार हूं. जितनी भी गेंद मैं डालूंगा, हर किसी में अपनी पूरी जान लगा दूंगा, फिर चाहे वो अभ्याय में ही क्यों न हो. मेरे पास ज्यादा से ज्यादा पांच-सात साल हैं, इस खेल में अपना सबकुछ देने के लिए और मैं जिस भी टीम से खेलूंगा उसके लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा."

37 वर्षीय श्रीसंत ने भारत के लिए अब तक 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश : 87, 75 और सात विकेट झटके हैं.

हैदराबाद: भारतीय टीम के लिए दो दो विश्व कप जीत चुके तेज गेंदबाज शांताकुमार श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध अब समाप्त हो गया है. एस श्रीसंत पर साल 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में नाम आने के बाद बीसीसीआई ने उनके ऊपर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. बैन हटने के बाद श्रीसंत ने अब एक बार फिर से क्रिकेट मैदान पर वापसी की इच्छा जताई है.

S Sreesanth
एस श्रीसंत और सचिन तेंदुलकर

एस श्रीसंत अपने कई बयानों में ये बात कह चुके हैं कि उनका सपना भारत के लिए 2023 का एकदिवसीय विश्व कप खेलने का है. केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने भी श्रीसंत के ऊपर लगे प्रतिबंध के खत्म होने पर अपनी खुशी जाहिर की है. संघ का कहना है कि आगामी घरेलू क्रिकेट सीजन में खेलने के लिए श्रीसंत को अपनी फॉर्म और फिटनेस साबित करनी होगी.

केरल क्रिकेट टीम के रणजी कोच और पूर्व भारतीय खिलाड़ी टीनू योहाना ने कहा, "श्रीसंत ने कड़ी मेहनत करके और खुद को फिट रखते हुए फिर से खेलने की इच्छा जाहिर की है." उन्होंने आगे कहा, "हम उनके साथ संपर्क में हैं. हम उनके नाम पर विचार करेंगे, लेकिन यह उनके फॉर्म और फिटनेस पर निर्भर करेगा. लेकिन उनके लिए दरवाजे खुले हैं."

बीसीसीआई ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था. 2015 में हालांकि दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन पर लगे सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया. वर्ष 2018 में केरल उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को खत्म कर दिया था और उसके खिलाफ सभी कार्यवाही को भी रद कर दिया था. हालांकि, उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने प्रतिबंध की सजा को बरकरार रखा था.

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एस श्रीसंत

श्रीसंत ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में उनके अपराध को बरकरार रखा था, लेकिन बीसीसीआई को उनकी सजा कम करने निर्देश दिया था और भारतीय बोर्ड ने उनकी आजीवन प्रतिबंध की सजा को घटाकर सात साल कर दिया था, जोकि पिछले महीने अगस्त में समाप्त हो गया है.

जून में लॉकडाउन के हटने के बाद से श्रीसंत केरल की अंडर 23 टीम के कुछ खिलाड़ियों और कई सीनियर क्रिकेटरों के साथ एर्नाकुलम में केसीए सुविधा सेंटर में ट्रेनिंग कर रहे है.

श्रीसंत ने हाल में अपने ट्विटर पर कहा था, " मैं हर तरह के आरोपों से और अन्य चीजों से अब आजाद हूं और जिस खेल को सबसे ज्यादा पसंद करता हूं उसके लिए तैयार हूं. जितनी भी गेंद मैं डालूंगा, हर किसी में अपनी पूरी जान लगा दूंगा, फिर चाहे वो अभ्याय में ही क्यों न हो. मेरे पास ज्यादा से ज्यादा पांच-सात साल हैं, इस खेल में अपना सबकुछ देने के लिए और मैं जिस भी टीम से खेलूंगा उसके लिए अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा."

37 वर्षीय श्रीसंत ने भारत के लिए अब तक 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश : 87, 75 और सात विकेट झटके हैं.

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