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सर्वोच्च अदालत ने बीसीसीआई मामले पर सुनवाई टाली

सर्वोच्च अदालत की न्यायाधीश एस.ए. बोपडे और ए.एम. सप्रे की पीठ ने गुरुवार को होने वाली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सुनवाई को स्थागित कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए दो मई की तारीख दी है.

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Published : Apr 25, 2019, 3:44 PM IST

Supreme Court, BCCI

नई दिल्ली : अदालत के पास कई तरह की याचिकाएं लंबित हैं. एमिकस क्यूरे पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) से मुलाकात की और लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर राज्य संघों के जो मुद्दें हैं उन पर चर्चा की.

लोढ़ा समिति की सिफारिशों

एमिकस क्यूरे ने राज्य संघों से कहा था कि उन्हें लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत ही अपने संविधान को पंजीकृत कराना होगा ताकि उन्हें मान्यता मिल सके. राज्य संघ के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को एक समाचार एजेंसी को कहा था कि नरसिम्हा से बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि राज्य संघों के जो मुद्दे हैं उन पर ध्यान दिया जाए और उनका समाधान निकाला जाए.

बीसीसीआई
बीसीसीआई

राज्स संघों के अधिकारियों से बातचीत की

अधिकारी ने कहा, "आज एमिकस ने सीओए के साथ मिलकर राज्स संघों के अधिकारियों से बातचीत की और राज्य संघों ने सर्वोच्च अदालत में अपने मुद्दों को लेकर जो याचिका दायर की है. उसका समाधान निकालने की कोशिश की.

ऐसा महसूस किया गया है कि समय के साथ सीओए का राज्य संघों के प्रति रवैया रूखा हो गया है और इससे न सिर्फ परेशानी बढ़ी है बल्कि खेल के प्रशासन संबंधी कई मुद्दों पर रोक भी लगा दी गई है."

नई दिल्ली : अदालत के पास कई तरह की याचिकाएं लंबित हैं. एमिकस क्यूरे पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) से मुलाकात की और लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर राज्य संघों के जो मुद्दें हैं उन पर चर्चा की.

लोढ़ा समिति की सिफारिशों

एमिकस क्यूरे ने राज्य संघों से कहा था कि उन्हें लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत ही अपने संविधान को पंजीकृत कराना होगा ताकि उन्हें मान्यता मिल सके. राज्य संघ के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को एक समाचार एजेंसी को कहा था कि नरसिम्हा से बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि राज्य संघों के जो मुद्दे हैं उन पर ध्यान दिया जाए और उनका समाधान निकाला जाए.

बीसीसीआई
बीसीसीआई

राज्स संघों के अधिकारियों से बातचीत की

अधिकारी ने कहा, "आज एमिकस ने सीओए के साथ मिलकर राज्स संघों के अधिकारियों से बातचीत की और राज्य संघों ने सर्वोच्च अदालत में अपने मुद्दों को लेकर जो याचिका दायर की है. उसका समाधान निकालने की कोशिश की.

ऐसा महसूस किया गया है कि समय के साथ सीओए का राज्य संघों के प्रति रवैया रूखा हो गया है और इससे न सिर्फ परेशानी बढ़ी है बल्कि खेल के प्रशासन संबंधी कई मुद्दों पर रोक भी लगा दी गई है."

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नई दिल्ली : सर्वोच्च अदालत की न्यायाधीश एस.ए. बोपडे और ए.एम. सप्रे की पीठ ने गुरुवार को होने वाली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सुनवाई को स्थागित कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए दो मई की तारीख दी है.

अदालत के पास कई तरह की याचिकाएं लंबित हैं. एमिकस क्यूरे पी.एस. नरसिम्हा ने बुधवार को तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) से मुलाकात की और लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लेकर राज्य संघों के जो मुद्दें हैं उन पर चर्चा की.

एमिकस क्यूरे ने राज्य संघों से कहा था कि उन्हें लोढ़ा समिति की सिफारिशों के तहत ही अपने संविधान को पंजीकृत कराना होगा ताकि उन्हें मान्यता मिल सके..

राज्य संघ के एक सीनियर अधिकारी ने बुधवार को एक समाचार एजेंसी को कहा था कि नरसिम्हा से बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि राज्य संघों के जो मुद्दे हैं उन पर ध्यान दिया जाए और उनका समाधान निकाला जाए.

अधिकारी ने कहा, "आज एमिकस ने सीओए के साथ मिलकर राज्स संघों के अधिकारियों से बातचीत की और राज्य संघों ने सर्वोच्च अदालत में अपने मुद्दों को लेकर जो याचिका दायर की है. उसका समाधान निकालने की कोशिश की.

ऐसा महसूस किया गया है कि समय के साथ सीओए का राज्य संघों के प्रति रवैया रूखा हो गया है और इससे न सिर्फ परेशानी बढ़ी है बल्कि खेल के प्रशासन संबंधी कई मुद्दों पर रोक भी लगा दी गई है."


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