नई दिल्ली: भारत की टेस्ट टीम के मुख्य बल्लेबाजों में शुमार चेतेश्वर पुजारा की तुलना आमतौर पर पूर्व कप्तान और दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ से की जाती है.
द्रविड़ की तरह ही पुजारा अपने विकेट को काफी मूल्यवान बना देते हैं और आसानी से आउट नहीं होते. 32 साल के पुजारा हालांकि अपने अंदर द्रविड़ की खूबियां नहीं देखते हैं.
पुजारा ने एक क्रिकेट वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं उनसे काफी आकर्षित हूं, बावजूद इसके मैंने कभी उनकी नकल करने की कोशिश नहीं की. हमारे खेलों में समानताएं हैं, लेकिन यह इसिलए नहीं हैं कि मैं उनसे प्रभावित हूं."
उन्होंने कहा, "यह सौराष्ट्र के साथ मेरे अनुभव के कारण हुआ, जहां मैंने सीखा कि अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए सिर्फ शतक बनाना काफी नहीं है."
उन्होंने कहा, "हां आप कह सकते हैं कि मैं अवचेतना में राहुल भाई को आत्मसात कर लेता हूं. उनके प्रभाव ने मेरी सोचने की प्रक्रिया को बदला है. राहुल भाई मेरे लिए क्या हैं मैं आपको एक लाइन में नहीं बता सकता. वह हमेशा से मेरी प्रेरणा रहे हैं और हमेशा रहेंगे."
सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने कहा कि वह द्रविड़ के लिए हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे जिन्होंने उन्हें बताया कि क्रिकेट के बाहर की दुनिया में रहना जरूरी है और निजी और पेशेवर जिंदगियों को अलग रखना भी.
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे क्रिकेट से बाहर निकलने की अहमियत के बारे में भी बताया. मैं हमेशा एक ही बारे में सोचता रहता था लेकिन जब मैंने उनसे बात की तो मेरे अंदर काफी स्पष्टता आई और मैं इस बात को समझ सका कि क्या करने की जरूरत है."
उन्होंने कहा, "मैंने काउंटी क्रिकेट में भी देखा है कि वह किस तरह पेशेवर और व्यक्तिगत जिंदगी को अलग रखते हैं. मैंने उनकी सलाह को काफी तवज्जो दी. कई लोग कहते हैं कि मैं काफी फोकस रहता हूं, हां मैं रहता हूं लेकिन मैं जानता हूं कि क्रिकेट की दुनिया से बाहर कैसे निकलना है. क्रिकेट के अलावा भी जिंदगी है."
भारत के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने 77 टेस्ट मैच खेले है. जिसमे उन्होंने 48.67 की औसत के साथ 5840 रन बनाए है. इस दौरान उनके बल्ले से 18 शतक और 25 अर्धशतक निकले है. उन्होंने तीन दोहरे शतक भी भारत के लिए लगाए है और उनका उच्चतम स्कोर 206 रन है.