हैदराबाद : 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू करने वाले बाबर आजम आज की तारीख में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सभी प्रारूपों के कप्तान हैं. साथ ही वे इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं जो तीनों फॉर्मेट्स में आईसीसी रैंकिंग्स में टॉप-5 में आते हैं. वे टी-20 अंतरराष्ट्रीय में नंबर-2 पर हैं, वनडे में वे नंबर-3 पर हैं और टेस्ट में वे नंबर-5 पर हैं.
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कई खिलाड़ियों की तरह ही बाबर भी गरीब परिवार से आए हैं और क्रिकेट खेलने के जज्बे के कारण वे आज इस मुकाम पर खड़े हैं. उन्होंने हाल ही में खुलासा किया कि उनके माता-पिता ने किस तरह उनको क्रिकेटर बनाने में योगदान किया. उन्होंने बताया कि उनको पहली किट जब मिली थी तब वे कितने उत्साहित थे और उसी किट के साथ उन्होंने 2-3 साल खेला था.
बाबर ने कहा, "हम आर्थिक तौर से इतने मजबूत नहीं थे, मेरी मां ने मेरी किट के लिए पैसे जमा किए थे. उस समय उन्होंने मुझे 3-4 हजार रुपये दिए थे जिससे मैंने 2-2500 रुपयों का बल्ला खरीदा था. पहली किट खरीदने की उत्सुकता शब्दों में बयां नहीं कर सकते. मैंने उस किट से 2-3 साल खेला और उसका काफी ख्याल भी रखा लेकिन अब वो खो गई है."
26 वर्षीय पाकिस्तानी कप्तान ने कहा उनके पिता का भी इसमें बड़ा योगदान रहा है. वे उनके सबसे बड़े क्रिटिक रहे हैं. बाबर ने कहा उनके पिता हमेशा उनको सभी मैचों में ले कर जाते थे और सभी मैच देखने भी आते थे.
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बाबर ने कहा, "मैं अपने पिता के बारे में कहना चाहूंगा कि वो मुझे हमेशा सभी मैचों में ले जाते थे और पूरा मैच देखा करते थे और मैच के बाद फीडबैक देते थे जो काफी काम आता था. अब एक साल हो गया है कि वो घर पर बैठते हैं वर्ना वो सभी टी-20 या घरेलू या अंडर-19 के मैच देखने आते थे. उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया है साथ ही घर के बाकी सदस्यों ने भी मेरा काफी साथ दिया है."