कराची : आजीवन प्रतिबंध से निकलकर मोहम्मद अजहरूद्दीन का क्रिकेट जीवन अब सामान्य हो गया है. लेकिन भारत के पूर्व कप्तान का कहना है कि उन्हें वास्तव में नहीं पता कि उन पर प्रतिबंध क्यों लगाया. दिसंबर 2000 में बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग में शामिल होने को लेकर अजहर पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 2012 में वो प्रतिबंध वापिस लिया. अजहर ने कहा, "जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहता. मुझे नहीं पता कि मुझ पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया था."
उन्होंने कहा, "लेकिन मैंने लड़ने का फैसला किया और मुझे खुशी है कि 12 साल बाद मुझे पाक-साफ करार दिया गया. हैदराबाद क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने और बीसीसीआई की सालाना आम बैठक में भाग लेने से मुझे बहुत संतोष मिला."
भारत के लिए 99 टेस्ट में 6125 रन और 334 वनडे में 9378 रन बनाने वाले अजहर के नाम पर 2019 में राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के एक स्टैंड का नाम रखा गया. भारत के गुलाबी गेंद से पहले टेस्ट से पूर्व ईडन गार्डन की परिक्रमा करने वाले चुनिंदा पूर्व क्रिकेटरों में वह भी शामिल थे.
अजहर ने कहा कि उन्हें टेस्ट मैचों का सैकड़ा पूरा नहीं कर पाने का कोई मलाल नहीं है. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि जो किस्मत में होता है, वही मिलता है. मुझे नहीं लगता कि 99 टेस्ट का मेरा रिकॉर्ड टूटेगा क्योंकि अच्छा खिलाड़ी तो 100 से ज्यादा टेस्ट खेलेगा ही."
उन्होंने बताया कि कैसे पाकिस्तान के महान बल्लेबाज जहीर अब्बास ने उन्हें खराब फॉर्म से निकलने में मदद की और कैसे बाद में उन्होंने उसी तरह यूनिस खान की मदद की. अजहर ने कहा, "मुझे लगा था कि 1989 के पाकिस्तान दौरे के लिए मेरा चयन नहीं होगा क्योंकि मैं बहुत खराब फॉर्म में था. मुझे याद है कि कराची में जहीर भाई हमारा अभ्यास देखने आए. उन्होंने पूछा कि मैं जल्दी आउट क्यों हो रहा हूं. मैंने समस्या बताई तो उन्होंने मुझे ग्रिप थोड़ी बदलने को कहा. मैंने वही किया और रन बनने लगे."