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रोहित शर्मा को लेकर सचिन ने दिया ये बड़ा बयान

एक इंटरव्यू के दौरान सचिन ने रोहित की फिटनेस और उनकी टीम में जगह को लेकर हुए बवाल पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि काफी सारी चीजें कही गईं जिससे लगता है कि बातचीत में कमी रह गई.

it was a miscommunication between rohit and BCCI says sachin tendulkar
it was a miscommunication between rohit and BCCI says sachin tendulkar
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Published : Dec 24, 2020, 2:29 PM IST

नई दिल्ली: महानतम बल्लेबाजों में शुमार भारत के सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू के दौरान रोहित को लेकर कहा कि इस मामले में वो शामिल नहीं हैं. उन्हें नहीं पता कि क्या बातचीत हुई और फोन पर क्या कहा गया. काफी सारी चीजें कही गईं जिससे लगता है कि बातचीत में कमी रह गई.

वहीं युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को लेकर सचिन ने कहा कि उनका पैर और बल्ला गेंद पर देर से पहुंच रहा है जिसके कारण उनके पैर और बल्ले के बीच गैप रह जाता है और ये तब होता है जब बल्लेबाज के मन में काफी चीजें चल रही हों या फिर वो छोटी (शॉर्ट) गेंदों की उम्मीद लगा रहा हो.

बता दें कि शॉ ने एडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में काफी निराश किया था. वो पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए थे और दूसरी पारी में सिर्फ 8 रन बनाकर ही आउट हो गए थे. पहले टेस्ट में भारत को 8 विकेट से हार मिली थी. इस मैच की दूसरी पारी में भारत सिर्फ 36 रनों पर ही ऑल आउट हो गई थी जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है.

सचिन का मानना है कि इस तरह के प्रदर्शन से बाहर निकलना आसान नहीं है क्योंकि इस तरह के प्रदर्शन खिलाड़ी के साथ हमेशा से रहते हैं. उनका कहना है कि अगर खिलाड़ी दृढ़ता, अनुशासन और प्लानिंग को अपनाएं तो इससे टीम को अच्छा करने में मदद मिलेगी.

सवाल : पृथ्वी शॉ के साथ क्या हो रहा है?

जवाब : पृथ्वी काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन इस समय मुझे लगता है कि उनके हाथ शरीर के साथ नहीं आ रहे हैं. तो जब गेंद सीम से अंदर आती है तो, जिस तरह से वह आउट हुए हैं, ऐसी संभावनाएं हैं कि गेंदबाज उसी तरह की गेंदबाजी उन्हें करें. उनके हाथ उनके शरीर के पास रहने चाहिए. उनकी बैकलिफ्ट चौथी स्लिप, गली से आ रही है. यह आगे-पीछे जाने की जगह फुल आर्क बना रही है. अगर बल्ला थोड़ा सा देरी से आता है तो गेंद को बल्ले और पैड के बीच निकलने का गैप मिल जाएगा. मैंने देखा है कि वह मूव करते हुए पकड़ में आ रहे हैं और गेंद पर थोड़ा देरी से पहुंच रहे हैं. मैं यह कहूंगा कि वह गेंद को थोड़ा सा जल्दी खेलने की तैयारी करें तो इससे उन्हें मदद मिलेगी. दोनों पारियों में उनका फ्रंटफुट समय पर नहीं पड़ा. यह तब होता है जब बल्लेबाज के दिमाग में काफी सारी चीजें चल रही हों या फिर वह छोटी गेंद की उम्मीद कर रहा हो.

सवाल : 2004 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर आप कवर ड्राइव पर आउट हो रहे थे फिर आपने इस शॉट को न खेलने का फैसला किया. क्या आप इस तरह की सलाह हमारे बल्लेबाजो को अब देना चाहेंगे?

जवाब : मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहूंगा. मैं नहीं चाहता कि वह अलग तरह से सोचना शुरू करें. हां उतार-चढ़ाव होंगे. मुझे नहीं लगता कि कोई विशेष खिलाड़ी कुछ करने में संघर्ष कर रहा है. 2004 में, मुझे लगा था कि मैं अच्छी फॉर्म में हूं और अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं. बस मुझे मेरे शॉट सेलेक्शन को लेकर थोड़ा अनुशासित रहना है. मेरे भाई अजीत ने मुझे चैलेंज दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि गेंदबाज मुझे आउट कर रहे हैं बल्कि मैं खराब शॉट खेल कर आउट हो रहा हूं. उन्होंने कहा था कि कोई तकनीकी खराबी नहीं है और उन्होंने मुझे अपनी पारी को प्लान करने के बारे में कहा था. मैंने चुनौती ली और अपने आप से कहा कि मुझे नाबाद रहना है. मैं 241 रनों पर नाबाद रहा. जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो मुझे एहसास हुआ है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मुझे ऑफ स्टम्प के बाहर गेंदबाजी कर रहे हैं तभी मैंने बीच मैदान पर फैसला लिया कि मैं कवर ड्राइव नहीं खेलूंगा.

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सचिन तेंदुलकर

सवाल : भारत मोहम्मद शमी को कितना मिस करेगा ?

जवाब : भारत शमी को 100 फीसदी मिस करेगा. वह शानदार गेंदबाज हैं इसमें कोई शक नहीं है. उन्होंने अतीत में अच्छा किया है और वह हमारे गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा हैं. जसप्रीत बुमराह के साथ पहली पसंद हैं.

सवाल : भारत के जो बल्लेबाज इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं और जो भारत में ही हैं उन्हें आप पिंक गेंद को खेलने को लेकर क्या सलाह देंगे?

जवाब : मुझे लगता है कि 90 प्रतिशत टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से खेली जाती है. इसलिए समाधान यही है कि संभव हो तो पिंक गेंद से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलें.

सवाल : आपको क्या लगता है कि अगर दलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी के कुछ मैच गुलाबी गेंद से खेले जाते हैं तो इससे मदद मिलेगी ?

जवाब : हमने इस सीरीज में गुलाबी गेंद से सिर्फ एक मैच खेला है। इसलिए इस लिहाज से 25 प्रतिशत गुलाबी गेंद से और बाकी का 75 प्रतिशत लाल गेंद से खेला जाएगा. हमें दोनों गेंदों के बीच में संतुलन बनाए रखना होगा। अभी तक, पूरे विश्व में संभवत: 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से खेली जाती है.

सवाल : रोहित शर्मा के मुद्दे को लेकर काफी कुछ कहा गया. वो इस समय ऑस्ट्रेलिया में क्वारंटीन हैं. क्या आपको लगता है कि थोड़ी बहुत पारदर्शता और सही बातचीत से इसे टाला जा सकता था ?

जवाब : मैं इस मामले में शामिल नहीं था. मुझे नहीं पता कि क्या बातचीत हुई और फोन पर क्या कहा गया. काफी सारी चीजें कही गईं जिससे लगता है कि बातचीत में कमी रह गई. लेकिन मैं जानता हूं कि रोहित इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं और अगर वो फिट होते हैं और सभी पैमानों पर खरे उतरते हैं तो उन्हें खेलना चाहिए.

नई दिल्ली: महानतम बल्लेबाजों में शुमार भारत के सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू के दौरान रोहित को लेकर कहा कि इस मामले में वो शामिल नहीं हैं. उन्हें नहीं पता कि क्या बातचीत हुई और फोन पर क्या कहा गया. काफी सारी चीजें कही गईं जिससे लगता है कि बातचीत में कमी रह गई.

वहीं युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को लेकर सचिन ने कहा कि उनका पैर और बल्ला गेंद पर देर से पहुंच रहा है जिसके कारण उनके पैर और बल्ले के बीच गैप रह जाता है और ये तब होता है जब बल्लेबाज के मन में काफी चीजें चल रही हों या फिर वो छोटी (शॉर्ट) गेंदों की उम्मीद लगा रहा हो.

बता दें कि शॉ ने एडिलेड ओवल मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में काफी निराश किया था. वो पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाए थे और दूसरी पारी में सिर्फ 8 रन बनाकर ही आउट हो गए थे. पहले टेस्ट में भारत को 8 विकेट से हार मिली थी. इस मैच की दूसरी पारी में भारत सिर्फ 36 रनों पर ही ऑल आउट हो गई थी जो टेस्ट की एक पारी में उसका न्यूनतम स्कोर है.

सचिन का मानना है कि इस तरह के प्रदर्शन से बाहर निकलना आसान नहीं है क्योंकि इस तरह के प्रदर्शन खिलाड़ी के साथ हमेशा से रहते हैं. उनका कहना है कि अगर खिलाड़ी दृढ़ता, अनुशासन और प्लानिंग को अपनाएं तो इससे टीम को अच्छा करने में मदद मिलेगी.

सवाल : पृथ्वी शॉ के साथ क्या हो रहा है?

जवाब : पृथ्वी काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, लेकिन इस समय मुझे लगता है कि उनके हाथ शरीर के साथ नहीं आ रहे हैं. तो जब गेंद सीम से अंदर आती है तो, जिस तरह से वह आउट हुए हैं, ऐसी संभावनाएं हैं कि गेंदबाज उसी तरह की गेंदबाजी उन्हें करें. उनके हाथ उनके शरीर के पास रहने चाहिए. उनकी बैकलिफ्ट चौथी स्लिप, गली से आ रही है. यह आगे-पीछे जाने की जगह फुल आर्क बना रही है. अगर बल्ला थोड़ा सा देरी से आता है तो गेंद को बल्ले और पैड के बीच निकलने का गैप मिल जाएगा. मैंने देखा है कि वह मूव करते हुए पकड़ में आ रहे हैं और गेंद पर थोड़ा देरी से पहुंच रहे हैं. मैं यह कहूंगा कि वह गेंद को थोड़ा सा जल्दी खेलने की तैयारी करें तो इससे उन्हें मदद मिलेगी. दोनों पारियों में उनका फ्रंटफुट समय पर नहीं पड़ा. यह तब होता है जब बल्लेबाज के दिमाग में काफी सारी चीजें चल रही हों या फिर वह छोटी गेंद की उम्मीद कर रहा हो.

सवाल : 2004 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर आप कवर ड्राइव पर आउट हो रहे थे फिर आपने इस शॉट को न खेलने का फैसला किया. क्या आप इस तरह की सलाह हमारे बल्लेबाजो को अब देना चाहेंगे?

जवाब : मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहूंगा. मैं नहीं चाहता कि वह अलग तरह से सोचना शुरू करें. हां उतार-चढ़ाव होंगे. मुझे नहीं लगता कि कोई विशेष खिलाड़ी कुछ करने में संघर्ष कर रहा है. 2004 में, मुझे लगा था कि मैं अच्छी फॉर्म में हूं और अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं. बस मुझे मेरे शॉट सेलेक्शन को लेकर थोड़ा अनुशासित रहना है. मेरे भाई अजीत ने मुझे चैलेंज दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि गेंदबाज मुझे आउट कर रहे हैं बल्कि मैं खराब शॉट खेल कर आउट हो रहा हूं. उन्होंने कहा था कि कोई तकनीकी खराबी नहीं है और उन्होंने मुझे अपनी पारी को प्लान करने के बारे में कहा था. मैंने चुनौती ली और अपने आप से कहा कि मुझे नाबाद रहना है. मैं 241 रनों पर नाबाद रहा. जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो मुझे एहसास हुआ है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मुझे ऑफ स्टम्प के बाहर गेंदबाजी कर रहे हैं तभी मैंने बीच मैदान पर फैसला लिया कि मैं कवर ड्राइव नहीं खेलूंगा.

it was a miscommunication between rohit and BCCI says sachin tendulkar
सचिन तेंदुलकर

सवाल : भारत मोहम्मद शमी को कितना मिस करेगा ?

जवाब : भारत शमी को 100 फीसदी मिस करेगा. वह शानदार गेंदबाज हैं इसमें कोई शक नहीं है. उन्होंने अतीत में अच्छा किया है और वह हमारे गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा हैं. जसप्रीत बुमराह के साथ पहली पसंद हैं.

सवाल : भारत के जो बल्लेबाज इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं और जो भारत में ही हैं उन्हें आप पिंक गेंद को खेलने को लेकर क्या सलाह देंगे?

जवाब : मुझे लगता है कि 90 प्रतिशत टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से खेली जाती है. इसलिए समाधान यही है कि संभव हो तो पिंक गेंद से ज्यादा से ज्यादा मैच खेलें.

सवाल : आपको क्या लगता है कि अगर दलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी के कुछ मैच गुलाबी गेंद से खेले जाते हैं तो इससे मदद मिलेगी ?

जवाब : हमने इस सीरीज में गुलाबी गेंद से सिर्फ एक मैच खेला है। इसलिए इस लिहाज से 25 प्रतिशत गुलाबी गेंद से और बाकी का 75 प्रतिशत लाल गेंद से खेला जाएगा. हमें दोनों गेंदों के बीच में संतुलन बनाए रखना होगा। अभी तक, पूरे विश्व में संभवत: 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा टेस्ट क्रिकेट लाल गेंद से खेली जाती है.

सवाल : रोहित शर्मा के मुद्दे को लेकर काफी कुछ कहा गया. वो इस समय ऑस्ट्रेलिया में क्वारंटीन हैं. क्या आपको लगता है कि थोड़ी बहुत पारदर्शता और सही बातचीत से इसे टाला जा सकता था ?

जवाब : मैं इस मामले में शामिल नहीं था. मुझे नहीं पता कि क्या बातचीत हुई और फोन पर क्या कहा गया. काफी सारी चीजें कही गईं जिससे लगता है कि बातचीत में कमी रह गई. लेकिन मैं जानता हूं कि रोहित इस समय ऑस्ट्रेलिया में हैं और अगर वो फिट होते हैं और सभी पैमानों पर खरे उतरते हैं तो उन्हें खेलना चाहिए.

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