हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच गुरूवार को चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी सत्र के लिए टाइटल प्रायोजन करार निलंबित कर दिया.
बीसीसीआई ने एक पंक्ति का बयान भेजा जिसमें कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गयी और इसमें कहा गया कि वीवो इस साल आईपीएल के साथ जुड़ा नहीं होगा. प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ''बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग के लिए अपनी साझेदारी को निलंबित करने का फैसला किया है.''
वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिए 2190 करोड़ रूपये (प्रत्येक वर्ष करीब 440 करोड़ रूपये) में आईपीएल प्रायोजन अधिकार हासिल किए थे. बीसीसीआई के अपने संविधान के अनुसार नये टाइटल प्रायोजक के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने की संभावना है. आईपीएल 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होगा जिसे भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों के कारण विदेश में आयोजित कराना पड़ रहा है.
रविवार को हुई मीटिंग में कंपनी को टाइटल स्पॉन्सर के रूप में बनाए रखने के फैसले का सोशल मीडिया पर विरोध किया गया. यहां तक लीग का बहिष्कार करने के बारे में सोशल मीडिया पर बातें चल रही थी. बीसीसीआई ने महसूस किया कि स्पॉन्सरशिप डील स्थगित करना राष्ट्रीय हित में था क्योंकि प्रशंसक भावनाएं बोर्ड के लिए प्राथमिकता हैं.
![IPL 13](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8318053_ipl.jpg)
इससे पहले सोमवार को, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT), (जो चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए एक आंदोलन की अगुवाई कर रहा है) ने भी BCCI के चीनी कंपनी VIVO को आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर के रूप में बनाए रखने के फैसले की आलोचना की.
सीएआईटी ने कहा, "हमने अमित शाह और एस. जयशंकर को एक संचार भेजा है, जिसमें बीसीसीआई को दुबई में आईपीएल आयोजित करने की मंजूरी नहीं देने की मांग की गई है."