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डीनो और मेरी दोस्ती 35 साल पुरानी थी, उनकी याद आएगी : कपिल देव - Dilip Vengsakar

डीन जोंस के निधन पर शोक जताते हुए पूर्व दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव ने कहा है कि शायद किसी और विदेशी खिलाड़ी ने डीनो से ज्यादा बार भारत का दौरा नहीं किया.

दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव
दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव
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Published : Sep 25, 2020, 7:26 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा है कि डीन जोंस का भारत के प्रति बेहद प्यार था और कोई भी विदेशी खिलाड़ी उनसे अधिक बार भारत नहीं आया होगा. कपिल ने कहा कि जोंस के साथ उनकी दोस्ती 35 साल की थी और वो उन्हें बेहद याद करेंगे.

जोंस का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.

डीन जोंस और कपिल देव
डीन जोंस और कपिल देव

जोंस मुंबई के एक होटल में रुके थे. वो वहां आईपीएल कॉमेंट्री के लिए आए थे.

कपिल ने एजेंसी से कहा, "डीनो मेरे काफी करीबी दोस्त थे. उनके निधन की खबर सुनकर मैं काफी दुखी हूं. मुझे उनके परिवार के लिए दुख है. आप उन्हें याद करोगे, लेकिन उनका परिवार मुश्किल दौर का सामना करेगा. मैं उन्हें 35 साल से जानता था."

उन्होंने कहा, "वो महान क्रिकेटर थे और सर्वश्रेष्ठ एथलीटों में से एक. विकेटों के बीच दौड़ने के वो मास्टर थे. वो एक शानदार कॉमेंटेटर थे और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार था."

दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव
दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव

कपिल ने साथ ही बताया कि जोंस के साथ घनिष्ठता होने के कारण साथ ही पेशेवर कामों के कारण उन्होंने भारत का कई बार दौरा किया.

1983 विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, "शायद किसी और विदेशी खिलाड़ी ने डीनो से ज्यादा बार भारत का दौरा नहीं किया. उन्होंने शायद 100 बार से ज्यादा भारत का दौरा किया. लेकिन अब वो चले गए हैं, वो 60 साल के भी नहीं थे. मैल्कम मार्शल भी काफी कम उम्र में चले गए थे."

कपिल ने जोंस को 20 पारी में गेंदबाजी की और चार बार उनका विकेट लिया.

डीन जोंस
डीन जोंस

जोंस का भारत को प्यार करने का एक और कारण ये था कि उन्होंने अपना पहला शतक भारत के खिलाफ बनाया था. ये एक शानदार दोहरा शतक था वो भी मद्रास की कठिन परिस्थितियों में. सितंबर 1986 में, उनका तीसरा टेस्ट और पांचवीं पारी थी. साढ़े आठ घंटे गर्मी और उमस भरी परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और वो उल्टियां कर रहे थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया था और ड्रिप चढ़ाई गई थी. चेपक में खेला गया ये मैच टाई रहा.

संन्यास के बाद जोंस ने भारतीय टीवी चैनलों के साथ काम करना शुरू कर दिया था उन्हें प्रोफेसर डीनो नाम दिया था. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल का नाम भी प्रोफडीनो रखा था.

भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसकर ने जोंस के साथ खेलने को दिनों को याद किया, "वो बेहद शानदार और हंसते-खेलते इंसान थे. जब मैंने ये खबर सुनी तो मैं हैरान रह गया. जाहिर सी बात है कि हम दोनों एक दूसरे के खिलाफ खेले थे. हम एक बार साथ भी खेले थे. मारलीबोन क्रिकेट क्लब और शेष विश्व एकादश के बीच खेले जाने वाले पांच दिन के मैच से पहले खेले गए तीन मैचों में से एक में. विश्व एकादश और ग्लोसेस्टरशायर के बीच मैच में डीनो और मैंने 200 रनों की साझेदारी की."

नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा है कि डीन जोंस का भारत के प्रति बेहद प्यार था और कोई भी विदेशी खिलाड़ी उनसे अधिक बार भारत नहीं आया होगा. कपिल ने कहा कि जोंस के साथ उनकी दोस्ती 35 साल की थी और वो उन्हें बेहद याद करेंगे.

जोंस का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.

डीन जोंस और कपिल देव
डीन जोंस और कपिल देव

जोंस मुंबई के एक होटल में रुके थे. वो वहां आईपीएल कॉमेंट्री के लिए आए थे.

कपिल ने एजेंसी से कहा, "डीनो मेरे काफी करीबी दोस्त थे. उनके निधन की खबर सुनकर मैं काफी दुखी हूं. मुझे उनके परिवार के लिए दुख है. आप उन्हें याद करोगे, लेकिन उनका परिवार मुश्किल दौर का सामना करेगा. मैं उन्हें 35 साल से जानता था."

उन्होंने कहा, "वो महान क्रिकेटर थे और सर्वश्रेष्ठ एथलीटों में से एक. विकेटों के बीच दौड़ने के वो मास्टर थे. वो एक शानदार कॉमेंटेटर थे और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर शानदार था."

दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव
दिग्गज खिलाड़ी कपिल देव

कपिल ने साथ ही बताया कि जोंस के साथ घनिष्ठता होने के कारण साथ ही पेशेवर कामों के कारण उन्होंने भारत का कई बार दौरा किया.

1983 विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, "शायद किसी और विदेशी खिलाड़ी ने डीनो से ज्यादा बार भारत का दौरा नहीं किया. उन्होंने शायद 100 बार से ज्यादा भारत का दौरा किया. लेकिन अब वो चले गए हैं, वो 60 साल के भी नहीं थे. मैल्कम मार्शल भी काफी कम उम्र में चले गए थे."

कपिल ने जोंस को 20 पारी में गेंदबाजी की और चार बार उनका विकेट लिया.

डीन जोंस
डीन जोंस

जोंस का भारत को प्यार करने का एक और कारण ये था कि उन्होंने अपना पहला शतक भारत के खिलाफ बनाया था. ये एक शानदार दोहरा शतक था वो भी मद्रास की कठिन परिस्थितियों में. सितंबर 1986 में, उनका तीसरा टेस्ट और पांचवीं पारी थी. साढ़े आठ घंटे गर्मी और उमस भरी परिस्थितियों में बल्लेबाजी करने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी और वो उल्टियां कर रहे थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया था और ड्रिप चढ़ाई गई थी. चेपक में खेला गया ये मैच टाई रहा.

संन्यास के बाद जोंस ने भारतीय टीवी चैनलों के साथ काम करना शुरू कर दिया था उन्हें प्रोफेसर डीनो नाम दिया था. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल का नाम भी प्रोफडीनो रखा था.

भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसकर ने जोंस के साथ खेलने को दिनों को याद किया, "वो बेहद शानदार और हंसते-खेलते इंसान थे. जब मैंने ये खबर सुनी तो मैं हैरान रह गया. जाहिर सी बात है कि हम दोनों एक दूसरे के खिलाफ खेले थे. हम एक बार साथ भी खेले थे. मारलीबोन क्रिकेट क्लब और शेष विश्व एकादश के बीच खेले जाने वाले पांच दिन के मैच से पहले खेले गए तीन मैचों में से एक में. विश्व एकादश और ग्लोसेस्टरशायर के बीच मैच में डीनो और मैंने 200 रनों की साझेदारी की."

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