हैदराबाद : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने क्रिकेटर उमर अकमल के तीन साल के बैन को घटाकर 18 महीने का कर दिया है. इस बात से लंबे समय से बैन झेल रहे पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया काफी नाराज हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी दलीलों को उनके बैकग्राउंड और धर्म के कारण नजरअंदाज कर दिया जाता है. आपको बता दें कि कनेरिया दूसरे ऐसे हिंदू हैं जिन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया था. उनके चाचा अनिल दलपत पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले हिंदू खिलाड़ी थे.
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Zero Tolerance policy only apply on Danish kaneria not on others,can anybody answer the reason why I get life ban not others,Are policy applies only on cast,colour and powerfull background.Iam Hindu and proud of it that’s my background and my dharam.
— Danish Kaneria (@DanishKaneria61) July 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Danish Kaneria (@DanishKaneria61) July 29, 2020
दानिश आए दिन अपने बैन के खिलाफ अपील करते रहते हैं. जिसके जवाब में पीसीबी ने कनेरिया से कहा था कि उन्हें इस मामले में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से बात करनी चाहिए. गौरतलब है कि कनेरिया पर ईसीबी ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन लगाया था जब वो एसेक्स के लिए खेल रहे थे.
कनेरिया ने ट्वीट कर लिखा - जीरो टॉलरेंस पॉलिसी सिर्फ दानिश कनेरिया पर ही लागू है दूसरों पर नहीं. क्या मुझे कोई बता सकता है कि मुझे पूरी जिंदगी के लिए बैन कर दिया गया, लेकिन दूसरों को नहीं. क्या पॉलिसी सिर्फ कास्ट के आधार पर लागू किया जाता है. मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है और यही मेरा बैकग्राउंड और मेरा धर्म है.
हालांकि उमर अकमल के बैन को कम किए जाने के फैसले से कई लोग चौंक गए हैं. अकनल ने स्वीकार कर लिया था कि सटोरियों ने इस साल पीएसएल से पहले उनसे संपर्क किया था. लेकिन इसके लिए उन्होंने माफी नहीं मांगी थी और ना ही उन्हें इस बात का पछतावा था. इस कारण से उनको पीसीबी ने तीन साल के लिए बैन कर दिया था.
अकमल ने कहा, "मैं जज का धन्यवाद अदा करता हूं जिन्होंने मेरे वकील की बातें गौर से सुनी. अब मैं आगे अपने बैन को और कम करवाने की कोशिश करूंगा."