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चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के करार को दोबारा देखने की जरूरत : शांथा रंगास्वामी - Cheteshwar Pujara news

आईसीए की मेम्बर शांथा रंगास्वामी के हिसाब से चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे टेस्ट के खिलाड़ियों के करार को बीसीसीआई की प्राथमिकता मिलनी चाहिए.

Ajinkya rahane
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Published : Oct 18, 2019, 11:08 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली बार-बार बोलते रहे हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए सिर्फ एक ही प्रारूप, खासकर टेस्ट में खेलते हैं, उन्हें अच्छा वेतन मिलना चाहिए ताकि उन्हें सीमित ओवरों और आईपीएल में न खेलने का पछतावा न हो. इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) की महिला सदस्य शांथा रंगास्वामी को लगता है कि सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

Ajinkya rahane, Cheteshwar pujara
चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे

शांथा ने एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा कि कोहली का विचार अच्छा है और जब खिलाड़ियों के अनुबंध की बात आती है तो नीति को दोबारा देखना बनता है ताकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए.

उन्होंने कहा, "हमारे पास पहले से ही श्रेणी हैं. विराट तीनों प्रारूप खेलते हैं तो वह सबसे ऊपर की श्रेणी में हैं. कुछ खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट या टी-20 खेलते हैं तो उन्हें इसके हिसाब से वेतन मिलना चाहिए. गांगुली अब अध्यक्ष हैं तो इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है. क्या पता यह खेल के लिए अच्छा हो और इससे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विराट ने जिस बात की वकालत की थी वो वाजिब थी. पुजारा के अलावा रहाणे भी भारत के लिए टी-20 नहीं खेलते हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन बताता है कि उन्हें जो मिल रहा है उस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बीसीसीआई की शीर्ष परिषद इस मसले को देखेगी. अब अध्यक्ष एक पूर्व कप्तान हैं तो उम्मीद है कि चीजें खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए होंगी.

नई दिल्ली : भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली बार-बार बोलते रहे हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए सिर्फ एक ही प्रारूप, खासकर टेस्ट में खेलते हैं, उन्हें अच्छा वेतन मिलना चाहिए ताकि उन्हें सीमित ओवरों और आईपीएल में न खेलने का पछतावा न हो. इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) की महिला सदस्य शांथा रंगास्वामी को लगता है कि सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

Ajinkya rahane, Cheteshwar pujara
चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे

शांथा ने एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा कि कोहली का विचार अच्छा है और जब खिलाड़ियों के अनुबंध की बात आती है तो नीति को दोबारा देखना बनता है ताकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए.

उन्होंने कहा, "हमारे पास पहले से ही श्रेणी हैं. विराट तीनों प्रारूप खेलते हैं तो वह सबसे ऊपर की श्रेणी में हैं. कुछ खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट या टी-20 खेलते हैं तो उन्हें इसके हिसाब से वेतन मिलना चाहिए. गांगुली अब अध्यक्ष हैं तो इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है. क्या पता यह खेल के लिए अच्छा हो और इससे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विराट ने जिस बात की वकालत की थी वो वाजिब थी. पुजारा के अलावा रहाणे भी भारत के लिए टी-20 नहीं खेलते हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन बताता है कि उन्हें जो मिल रहा है उस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बीसीसीआई की शीर्ष परिषद इस मसले को देखेगी. अब अध्यक्ष एक पूर्व कप्तान हैं तो उम्मीद है कि चीजें खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए होंगी.

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चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे के करार को दोबारा देखने की जरूरत : शांथा रंगास्वामी



नई दिल्ली : भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली बार-बार बोलते रहे हैं कि जो खिलाड़ी देश के लिए सिर्फ एक ही प्रारूप, खासकर टेस्ट में खेलते हैं, उन्हें अच्छा वेतन मिलना चाहिए ताकि उन्हें सीमित ओवरों और आईपीएल में न खेलने का पछतावा न हो. इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईसीए) की महिला सदस्य शांथा रंगास्वामी को लगता है कि सौरव गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी जाएगी. 



शांथा ने एक मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा कि कोहली का विचार अच्छा है और जब खिलाड़ियों के अनुबंध की बात आती है तो नीति को दोबारा देखना बनता है ताकि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए.



उन्होंने कहा, "हमारे पास पहले से ही श्रेणी हैं. विराट तीनों प्रारूप खेलते हैं तो वह सबसे ऊपर की श्रेणी में हैं. कुछ खिलाड़ी सिर्फ टेस्ट या टी-20 खेलते हैं तो उन्हें इसके हिसाब से वेतन मिलना चाहिए. गांगुली अब अध्यक्ष हैं तो इस पर दोबारा विचार किया जा सकता है. क्या पता यह खेल के लिए अच्छा हो और इससे खिलाड़ियों का ध्यान रखा जाए."



उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि विराट ने जिस बात की वकालत की थी वो वाजिब थी. पुजारा के अलावा रहाणे भी भारत के लिए टी-20 नहीं खेलते हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन बताता है कि उन्हें जो मिल रहा है उस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए.  मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि बीसीसीआई की शीर्ष परिषद इस मसले को देखेगी. अब अध्यक्ष एक पूर्व कप्तान हैं तो उम्मीद है कि चीजें खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए होंगी. 


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